नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय स्तर की भर्ती परीक्षाओं के आयोजन में सुधार के अनुरोध संबंधी याचिका पर केंद्र और कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) से बृहस्पतिवार को जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अतुल एस चंदुरकर की पीठ ने निखिल कुमार द्वारा दायर याचिका पर संज्ञान लिया और 28 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी किया।
याचिका में परीक्षा प्रक्रिया में निष्पक्षता, पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के वास्ते कदम उठाये जाने का अनुरोध किया गया है।
इसमें कहा गया है कि एसएससी, जिसे केंद्रीय मंत्रालयों में कई राजपत्रित और अराजपत्रित पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करने का काम सौंपा गया है, ने वर्षों से टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) को परीक्षा आयोजित करने के लिए नियुक्त किया था।
याचिका में कहा गया है कि ये बैठकें कथित तौर पर बिना किसी महत्वपूर्ण विवाद के आयोजित की गईं।
इसमें कहा गया है कि हालांकि, यह विवाद तब उत्पन्न हुआ जब एसएससी ने चयन पद/चरण 12 परीक्षा, 2025 के संचालन का जिम्मा ‘‘एडुक्विटी’’ को सौंप दिया।
याचिका में आरोप लगाया गया कि परीक्षा के पहले चरण में खराब बुनियादी ढांचे और खराब प्रणालियों समेत गंभीर अनियमितताएं थीं।
इसमें कहा गया है कि मंत्रालय को अवगत कराने के बावजूद परीक्षा के दूसरे चरण में भी इसी तरह की बाधाएं आईं।
परीक्षा का तीसरा चरण सितंबर में आयोजित किया जाना है, इसलिए अभ्यर्थियों ने पिछले अनुभव के आधार पर और उसी लापरवाही की आशंका जताते हुए निर्देश के लिए शीर्ष अदालत का रुख किया।
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देवेंद्र माधव
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