नयी दिल्ली, 26 जून (भाषा) अमेरिका के साथ अगले दौर की व्यापार वार्ता के लिए भारत की तरफ से मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल की अगुवाई वाला दल वाशिंगटन पहुंच गया है। एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
यह दौरा इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों देश अंतरिम व्यापार समझौते के लिए बातचीत कर रहे हैं और नौ जुलाई से पहले समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि, कृषि और डेयरी जैसे क्षेत्रों में चुनौतियां हैं।
अधिकारी ने कहा, “भारतीय टीम दो दिवसीय व्यापार वार्ता के लिए वाशिंगटन में है।”
अग्रवाल वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव हैं।
दो अप्रैल को अमेरिका द्वारा घोषित उच्च आयात शुल्क को डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने नौ जुलाई तक के लिए निलंबित कर दिया था।
दो अप्रैल को अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 26 प्रतिशत का अतिरिक्त जवाबी शुल्क लगाया था, लेकिन इसे 90 दिन के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि, अमेरिका द्वारा लगाया गया 10 प्रतिशत का मूल शुल्क अब भी लागू है। भारत अतिरिक्त 26 प्रतिशत शुल्क से पूरी छूट चाहता है।
कृषि और डेयरी क्षेत्र भारत के लिए अमेरिका को शुल्क रियायतें देने के लिए कठिन और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र हैं। भारत ने अब तक हस्ताक्षरित किसी भी मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में डेयरी क्षेत्र को नहीं खोला है।
अमेरिका कुछ औद्योगिक वस्तुओं, वाहन – विशेषकर इलेक्ट्रिक वाहन, वाइन, पेट्रोरसायन उत्पाद, डेयरी तथा कृषि उत्पादों जैसे सेब तथा आनुवंशिक रूप से संशोधित फसलों पर शुल्क रियायत चाहता है।
भारत प्रस्तावित व्यापार समझौते में कपड़ा, रत्न एवं आभूषण, चमड़े की वस्तुएं, परिधान, प्लास्टिक, रसायन, झींगा, तिलहन, अंगूर और केले जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों के लिए शुल्क रियायत की मांग कर रहा है।
यह पूछे जाने पर कि यदि नौ जुलाई की समयसीमा नहीं बढ़ाई गई तो एक सूत्र ने कहा कि शुल्क दो अप्रैल के स्तर पर आ जाएंगे (भारत के मामले में 26 प्रतिशत)।
भाषा अनुराग अजय
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