नयी दिल्ली, 19 जनवरी (भाषा) आईटीसी अपनी ‘अगली रणनीति’ के तहत प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ा रही है और नवोन्मेषी क्षमता को मजबूत कर रही है, क्योंकि समूह का लक्ष्य उन क्षेत्रों में अग्रणी बनना है, जिनमें वह काम करती है। कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) संजीव पुरी ने यह बात कही है।
पुरी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सिगरेट से लेकर उपभोक्ता वस्तुओं तक के कारोबार में सक्रिय समूह ने संगठन की एक रणनीति ‘आईटीसी नेक्स्ट स्ट्रैटेजी’ तैयार की है, जिसका लक्ष्य भविष्य के लिए तैयार उद्यम को आकार देना और वृद्धि एवं लाभप्रदता के अगले चरण को परिभाषित करना है।
आईटीसी नेक्स्ट स्ट्रैटेजी के एक भाग के रूप में कंपनी ने प्रतिस्पर्धात्मकता के उन कारकों की पहचान की है, जिनमें उसकी भविष्य की वृद्धि के लिए डिजिटलीकरण, स्थिरता, नवाचार और आपूर्ति शृंखला दक्षता आदि शामिल हैं।
पुरी ने कहा, “इन्हें ऐसे क्षेत्रों के रूप में पहचाना गया है जहां प्रतिस्पर्धी और समकालीन बनने के लिए विशिष्ट हस्तक्षेप किए गए हैं। इसका उद्देश्य उद्यम की ताकत का लाभ उठाते हुए नवोन्मेषण को जारी रखना है।’’
विचार यह है कि हम अग्रणी बनें और एक बहुत बड़े पैमाने का कारोबार बनें, जिसमें आईटीसी ने समय के साथ अपनी यात्रा में ‘सराहनीय प्रगति’ की है।
पुरी ने कहा, “हमारे लिए आईटीसी की अगली रणनीति एक क्रियाशील यात्रा है। जबकि हमने कई क्षेत्रों में सराहनीय प्रगति की है। मैं यह नहीं कहूंगा कि यह यात्रा कहीं भी पूरी होने के करीब है। हमारा लक्ष्य हर उस क्षेत्र में बहुत बड़ा नाम बनना है जिसमें हम काम करते हैं।”
उन्होंने कहा, “कुछ क्षेत्रों में हम पहले से ही अग्रणी हैं। हमारा लक्ष्य हर उस क्षेत्र में आगे बढ़ना है जिसमें हम काम करते हैं।”
पुरी के अनुसार, भू-राजनीतिक और भू-आर्थिक स्थिति तथा मौजूदा जलवायु संकट को देखते हुए विश्व अब बहुत अधिक अस्थिर और अनिश्चित है।
भाषा अनुराग अजय
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