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Friday, 27 December, 2024
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ईडी सिर्फ ‘आपराधिक साजिश’ के आधार पर धन शोधन का मुकदमा नहीं दर्ज करेगी

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नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अधिकारियों से कहा कि वे धन शोधन का मुकदमा दर्ज करते समय केवल ‘आपराधिक साजिश’ के प्रावधान पर ही निर्भर न रहें बल्कि उसमें धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं को भी जोड़ें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मुकदमे अदालती कार्यवाही में खरे उतरें। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में दिये गए कई फैसलों के बाद ईडी ने यह निर्णय लिया है।

शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के लिए तत्कालीन भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120-बी (अब भारतीय न्याय संहिता, 2023 की 61(2)) ही एकमात्र आधार नहीं हो सकती बल्कि इसके लिए पीएमएलए के तहत एक ‘अनुसूचित अपराध’ भी शामिल होना चाहिए।

उच्चतम न्यायालय के इन फैसलों के मद्देनजर संघीय एजेंसी ने अपने जांचकर्ताओं से पीएमएलए की धारा 66 (2) के प्रावधानों का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए भी कहा है।

ये प्रावधान ईडी को किसी अपराध के बारे में पुलिस विभाग या सीमा शुल्क जैसी किसी एजेंसी के साथ जानकारी साझा करने की अनुमति देता है ताकि नई प्राथमिकी या शिकायत दर्ज की जा सके, जिसके आधार पर एजेंसी अपना धन शोधन का मुकदमा दर्ज कर सकती है।

अदालत ने फैसला सुनाया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करने के लिए सिर्फ आईपीसी की धारा 120-बी आधार नहीं हो सकती।

सूत्रों ने बताया कि कुछ मामलों में ईडी की कुछ प्राथमिकी या मुकदमे रद्द कर दिए गए हैं।

उन्होंने बताया कि इसलिए यह निर्देश दिया गया है कि एक ठोस मामला बनाने के लिए पीएमएलए की अनुसूची में सूचीबद्ध कानून की अन्य धाराओं को ईडी की प्राथमिकियों में दर्ज किया जाना चाहिए।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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