scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमदेशकेंद्रीय सड़क मंत्रालय ने हिट-एंड-रन मामलों की रिपोर्ट करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का सुझाव दिया

केंद्रीय सड़क मंत्रालय ने हिट-एंड-रन मामलों की रिपोर्ट करने के लिए ऑनलाइन पोर्टल का सुझाव दिया

सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन ने भारतीय न्याय संहिता के तहत सख्त हिट-एंड-रन जुर्माने पर ट्रक ड्राइवरों के विरोध के बाद इस सुझाव के बारे में बात की.

Text Size:

नई दिल्ली: सड़क परिवहन सचिव अनुराग जैन ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म स्थापित करने का सुझाव दिया है, जहां हिट-एंड-रन दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोग दुर्घटना स्थल छोड़ने के लिए कठोर दंडात्मक प्रावधानों से बचने के लिए उनकी रिपोर्ट कर सकें.

जैन का बयान भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 को लेकर ट्रक ड्राइवरों के विरोध के बाद आया है, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह लेगा और हिट-एंड-रन मामलों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करेगा.

नए कानून की धारा 106(2) में कहा गया है कि यदि लापरवाही से गाड़ी चलाकर सड़क दुर्घटना करने वाला ड्राइवर पीड़ित को अस्पताल ले जाए बिना या अधिकारियों को सूचित किए बिना मौके से भाग जाता है, तो उन्हें अधिकतम 10 साल तक की जेल और 7 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है.

आईपीसी में जेल की सज़ा दो साल थी. ट्रक ड्राइवरों का मुख्य तर्क यह है कि दुर्घटना स्थल पर रहने से वे किसी भी आगामी भीड़ हिंसा का शिकार हो सकते हैं.

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) और केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक के बाद ट्रक ड्राइवरों का राष्ट्रव्यापी आंदोलन बंद कर दिया गया, जहां केंद्र ने पूर्व को आश्वासन दिया कि बीएनएस को लागू करने के नियमों को अधिसूचित नहीं किया गया है और ऐसा करने से पहले पूर्व से परामर्श किया जाएगा.

शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, जैन ने कहा कि बीएनएस, 2023 के तहत हिट-एंड-रन मामलों के प्रावधान उचित हैं, लेकिन साथ ही ट्रक ड्राइवरों की चिंता भी वैध है.

उन्होंने कहा, “उन्हें डर है कि अगर वे दुर्घटनास्थल पर मौजूद रहे तो भीड़ उन्हें पीट-पीटकर मार डालेगी.”

जैन ने कहा कि प्रौद्योगिकी के नवोन्वेषी उपयोग से इस समस्या का समाधान करने में मदद मिल सकती है.

उन्होंने कहा, “गृह मंत्रालय द्वारा हाल ही में बुलाई गई एक बैठक में, हमने सुझाव दिया कि समाधानों में से एक यह हो सकता है कि दुर्घटना का कारण बनने वाला व्यक्ति अधिकारियों को दुर्घटना के बारे में ऑनलाइन सूचित कर सके और ऐसे मामलों के लिए कड़े दंडात्मक प्रावधानों से बच सके.” उन्होंने आगे कहा कि “एक बार जब वह ऑनलाइन सिस्टम पर रिपोर्ट कर देगें, तो उन्हें हिट-एंड-रन प्रावधान के तहत दंडनीय नहीं माना जा सकता है.”

सड़क सचिव ने कहा, एक अन्य सुझाव यह हो सकता है कि ऐसे मामलों की रिपोर्ट करने के लिए एक फोन नंबर होना चाहिए. जैन ने कहा, “लेकिन इन सुझावों पर अंतिम फैसला गृह मंत्रालय को लेना होगा.”

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: ‘नकली मरीज़, फर्जी नंबर, डॉक्टरों के अटेंडेंस में धोखाधड़ी’, दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों पर क्यों हैं नजर


 

share & View comments