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Monday, 18 November, 2024
होमदेशNCLAT को गूगल का आदेश, जमा करने होंगे जुर्माने के करीब 130 करोड़ रुपये

NCLAT को गूगल का आदेश, जमा करने होंगे जुर्माने के करीब 130 करोड़ रुपये

गूगल ने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र के मामले में अनुचित व्यापार व्यवहार के संबंध में सीसीआई के आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की थी और जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया था.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने गूगल को उसपर भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) द्वारा लगाए गए 1,337.76 करोड़ रुपये के जुर्माने का 10 प्रतिशत अदा करने का निर्देश दिया है.

एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने बुधवार को सीसीआई के जुर्माने के आदेश के खिलाफ गूगल की याचिका को स्वीकार कर लिया. हालांकि, जुर्माने के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया और कहा कि वह अन्य पक्षों को सुनने के बाद ही कोई आदेश देगी.

अपीलीय न्यायाधिकरण ने सीसीआई को नोटिस जारी करते हुए अंतरिम रोक पर सुनवाई के लिए इस मामले को 13 फरवरी को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया.

एनसीएलएटी का यह निर्देश गूगल की याचिका पर आया है जिसमें उसने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र में कई बाजारों में अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करने के मामले में सीसीआई की तरफ से जारी आदेश को चुनौती दी है. गूगल ने कहा कि यह आदेश भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक झटका है और इससे इस प्रकार के उपकरण देश में और महंगे हो जाएंगे.

कार्यवाही के दौरान गूगल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने सीसीआई के 20 अक्टूबर के आदेश पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध किया.

सीसीआई ने इस मामले में पिछले वर्ष 20 अक्टूबर को गूगल पर 1,337.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. इसके अलावा, सीसीआई ने प्रमुख इंटरनेट कंपनी को अनुचित कारोबारी गतिविधियों को रोकने और बंद करने का निर्देश दिया था.

गूगल ने एंड्रॉयड मोबाइल उपकरण पारिस्थितिकी तंत्र के मामले में अनुचित व्यापार व्यवहार के संबंध में सीसीआई के आदेश के खिलाफ एनसीएलएटी में अपील की थी और जुर्माने पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया था.

हालांकि, अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा, ‘उपयुक्त सुनवाई के बगैर कोई आदेश नहीं दिया जा सकता है.’ पीठ ने यह भी कहा कि सीसीआई का आदेश 20 अक्टूबर को आया था जबकि गूगल ने एनसीएलएटी का दरवाजा लगभग दो महीने बाद खटखटाया.

पीठ ने कहा, ‘आपको याचिका दायर करने में दो महीने का वक्त लगा और आप हमसे उम्मीद करते कि हम दो मिनट में आदेश दे दें.’


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