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Friday, 22 November, 2024
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चुनावी राज्य उत्तराखंड में CDS बिपिन रावत के नाम का सहारा क्यों ले रही है BJP और कांग्रेस

जहां बीजेपी नेता राज्य के विकास के अपने संकल्प को बढ़ावा देने के लिए जनरल रावत के नाम का आह्वान कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस ने उनके लिए भारत रत्न की मांग की है और उनकी परिकल्पना को अमल में लाने के लिए अवसर चाहती है.

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देहरादून: उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस नेता, भले ही अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले हर मुद्दे पर एक दूसरे से झगड़ रहे हों लेकिन दोनों पार्टियां मतदाताओं से एक आम वादा कर रही हैं- चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) स्वर्गीय जनरल बिपिन रावत के ‘सपनों और परिकल्पना’ को साकार करना, जिनकी पिछले हफ्ते एक हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई थी.

जहां सत्तारूढ़ पार्टी के नेता राज्य के विकास के अपने संकल्प को बढ़ावा देने के लिए बार-बार जनरल रावत के नाम का आह्वान करते हैं, वहीं कांग्रेस ने उनके लिए भारत रत्न की मांग की है.

राज्य में सेवारत और रिटायर्ड रक्षा कर्मियों तथा उनकी विधवाओं की अनुमानित संख्या 2.5 लाख है- जो एक बड़ा वोट बैंक है. जनरल रावत पौड़ी गढ़वाल ज़िले में पैदा हुए थे और उन्होंने क्षेत्र के विकास में अपनी रूचि बनाए रखी. अपना रिटायरमेंट समय भी उत्तराखंड में ही बिताने की उनकी योजना थी.

रविवार को जनरल रावत के गृह जिले पौड़ी में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रण किया कि वो स्वर्गीय सीडीएस के ‘सपनों और परिकल्पना को पूरा करने के लिए उत्तराखंड के विकास पर काम करेंगे’.

धामी ने कहा, ‘ये जमीन शहीद जनरल बिपिन रावत की है. हमने जनरल से ज्यादा एक अभिभावक को खोया है, जो हमेशा उत्तराखंड के विकास और प्रगति का सपना देखते थे’.

रविवार को एक और बयान में सीएम ने रावत का नाम लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा. जाहिरी तौर पर प्रियंका गांधी के एक आदिवासी नृत्य में शामिल होने के वीडियो का हवाला देते हुए धामी ने कहा, ‘जब देश जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य लोगों की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत पर शोक मना रहा था, तो एक अन्य राजनीतिक पार्टी गोवा में मजे कर रही थी’.

हालांकि पूर्व उत्तराखंड मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिप्रिंट से कहा कि जनरल रावत का बार-बार नाम लेने के कोई ‘राजनीतिक अर्थ’ नहीं हैं लेकिन अन्य बीजेपी नेताओं ने निजी तौर पर स्वीकार किया कि अगर चुनाव प्रचार के दौरान राज्य की तरक्की के लिए स्वर्गीय सीडीएस के विचारों को बार-बार आगे बढ़ाया जाता है, तो पार्टी को उसका लाभ मिल सकता है.

उन्होंने कहा कि इसकी संभावना है कि विधानसभा चुनावों के दौरान उत्तराखंड के लिए जनरल रावत की योजनाओं का बार-बार उल्लेख किया जाएगा.

कांग्रेस नेता भी स्वर्गीय जनरल के नाम का आह्वान कर रहे हैं और कह रहे हैं कि उन्हें भी एक अवसर चाहिए कि वो राज्य के विकास के लिए उनके विचारों को अमलीजामा पहना सकें.


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BJP का उत्तराखंड के गौरव की विरासत को आगे बढ़ाने का इरादा

बुधवार को, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सैन्य धाम के शिलान्यास समारोह में शरीक हुए, जो उत्तराखंड के युद्ध के नायकों को समर्पित दस एकड़ का एक पवित्र स्थल है, जिसकी घोषणा 2019 में की गई थी. इस पवित्र स्थल के भव्य द्वार का नाम जनरल रावत के नाम पर रखा जाएगा.

उत्तराखंड के उद्योग एवं सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने ऐलान किया कि 63 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला शहीद स्मारक, दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा.

उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी के साथ राजनाथ सिंह | फोटो: ट्विटर

पिछले कुछ दिनों में भी जनरल रावत बीजेपी नेताओं के कई अन्य भाषणों के केंद्र में रहे हैं. बुधवार को दून यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में बोलते हुए राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ये सुनिश्चित करने का भरसक प्रयास करेगी कि राज्य के लिए स्वर्गीय सीडीएस की आकांक्षाओं को पूरा किया जाए.

मंत्री ने कहा, ‘जनरल बिपिन रावत उत्तराखंड का शैक्षिक और आर्थिक विकास देखना चाहते थे और उसी दिशा में काम करना चाहते थे. उनकी असामयिक मृत्यु ने राज्य को उनकी सेवाओं से वंचित कर दिया है लेकिन राज्य सरकार सुनिश्चित करेगी कि आने वाले दिनों में उनकी योजनाओं और विचारों को जमीन पर उतारा जाए’.

केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और नैनीताल से लोकसभा सांसद अजय भट्ट ने भी बुधवार को देहरादून में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में बोलते हुए जनरल रावत का उल्लेख किया.

उन्होंने कहा, ‘जनरल रावत के पास उत्तराखंड के लिए कई विचार थे. वो राज्य के लिए काम करना चाहते थे. 9 नवंबर को उनके आखिरी दौरे पर हम दोनों दिल्ली से देहरादून साथ आए थे और उन्होंने 10 दिसंबर को फिर से आने का वादा किया था, जिस दिन भारत के राष्ट्रपति को देहरादून आना था. अफसोस कि इस बार ये उनकी अमर अस्थियां थीं, जो हमारे पास आईं’.

पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी 11 दिसंबर को पौड़ी के लेंसडाउन में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में जनरल रावत के सुझावों पर अमल करने के बारे में इसी तरह के वादे किए.


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उत्तराखंड के लिए क्या थे जनरल रावत के विचार?

जनरल रावत के विचारों की व्याख्या करते हुए त्रिवेंद्र सिंह ने कहा, ‘उन्हें हमेशा अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और पहाड़ी गांवों से पलायन रोकने के उपाय खोजने की चिंता रहती थी, जो इस राज्य की एक बारहमासी समस्या है. उनके दूरदर्शी दृष्टिकोण के कारण ही मेरी सरकार ने अखरोट की खेती को उत्तराखंड के लोगों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत बनाने की योजना बनाई थी. उत्तराखंड के लिए जनरल के पास और भी योजनाएं थीं, जिन्हें वो सीडीएस के पद से रिटायर होकर यहां बसने के बाद लागू करना चाहते थे’.

उन्होंने कहा कि यही कारण है कि बीजेपी नेताओं के बयानात के पीछे ‘कोई राजनीतिक अर्थ नहीं देखे जाने चाहिए’.

पूर्व सीएम ने कहा, ‘इसमें कोई नुकसान नहीं है अगर सरकार या पार्टी, लोगों को बताती है कि राज्य के लिए जनरल बिपिन रावत का विजन क्या था. वो उत्तराखंड का गौरव थे. उत्तराखंड के लोगों को ये जानने का अधिकार है कि जनरल रावत किस तरह के धरती पुत्र थे…वो एक राष्ट्रीय हीरो थे और राज्य के हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा थे’.

देहरादून के विकास नगर से बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने भी कहा कि जनरल रावत के विजन का गुणगान करने के पीछे कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं हैं.

मुन्ना सिंह ने कहा, ‘वो एक असाधारण प्रतिभा के सैन्य लीडर थे और देश ने इसे देखा है. दुर्भाग्यपूर्ण चॉपर हादसे से ठीक एक महीना पहले मैं उनसे मिला था. उन्होंने अपनी योजना बताई थी कि रिटायर होने के बाद, वो देहरादून के एक गांव में अपना एक घर बनाएंगे. जनरल बिपिन रावत को पहाड़ी लोगों, खासकर अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर रहने वालों की जरूरतों की गहरी समझ थी. उन्होंने उत्तराखंड के पहाड़ों से लोगों के पलायन को पलटने के लिए योजना बनाई थी. अपने रिटायर होने के बाद वो उसपर अमल करना चाहते थे’.

मुन्ना सिंह के अनुसार, ‘सभी पार्टियों के नेताओं की जिम्मेदारी है कि वो लोगों को जनरल के विचारों और स्वभाव से अवगत कराएं. विधायक ने कहा, ‘ये एक संयोग है कि लोगों को स्वर्गीय जनरल रावत के विचारों तथा योजनाओं से परिचित कराने की हमारी जरूरत और चुनाव एक साथ आन पड़े हैं’.


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जनरल रावत की इच्छाओं को पूरा करने का मौका चाहती है कांग्रेस

कांग्रेस भी अपने विचारों के जनरल रावत के विजन के अनुरूप होने का प्रसारण कर रही है और उसने मांग की है कि उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए. पूर्व उत्तराखंड सीएम और प्रदेश कांग्रेस चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने पिछले शुक्रवार को कहा कि स्वर्गीय सीडीएस ‘राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रतीक’ थे और उन्हें ‘एक विशेष समारोह में भारत रत्न से सम्मानित किया जाना चाहिए’.

हरीश रावत ने दिप्रिंट से कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वो जनरल रावत के विचारों पर अमल करेगी.

पूर्व सीएम ने कहा, ‘मुझे कुछ मौकों पर स्वर्गीय सीडीएस से बात करके उत्तराखंड के बारे में उनके विचार जानने का मौका मिला. वो एक ईमानदार ऑफिसर थे जिन्होंने कई योजनाओं के बारे में बात की, जो उत्तराखंड के लोगों, खासकर दूर-दराज पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वालों के कल्याण के लिए अमल में लाई जा सकती थीं. अगर कांग्रेस सरकार सत्ता में आती है, तो हम राज्य के लिए उनके विचारों तथा इच्छाओं को पूरा करने का प्रयास करेंगे’.

प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता मथुरा दत्त जोशी ने दिप्रिंट से कहा कि पार्टी ने पहले ही इस आशय की ठोस योजनाएं बनानी शुरू कर दी हैं.

जोशी ने कहा, ‘जनरल रावत उत्तराखंड का गर्व थे. उनके संदेश को आम लोगों तक पहुंचाना हमारा नैतिक दायित्व है. कांग्रेस पार्टी पहले ही घोषित कर चुकी है कि वो पौड़ी में उनके गांव के लिए एक सड़क बनाएगी, जिसकी कई वर्षों से मांग की जा रही है. जनरल रावत अपने गांव में एक स्कूल भी खोलना चाहते थे और अगर 2022 में पार्टी सत्ता में आ जाती है, तो हमारे प्रदेश अध्यक्ष पहले ही उसके लिए प्रतिबद्धता जाहिर कर चुके हैं’.

लेकिन उत्तराखंड में बहुत से बीजेपी नेताओं का मानना है कि चुनावों के दौरान जनरल रावत का नाम और उनके विचारों का जिक्र करते रहने मात्र से उन्हें फायदा हो जाएगा. उनके अनुसार अगर कांग्रेस प्रचार में जनरल रावत का नाम लाती भी है, तो उसका फायदा बीजेपी को ही मिलेगा.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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