लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, ‘ये जो रामद्रोही हैं, दंगाइयों को गले लगाने वाले लोग हैं, सामाजिक ताने बाने को छिन्न-भिन्न करने वाले लोग हैं, इनसे जितनी ही दूरी रहेगी उतना ही भविष्य उज्जवल रहेगा.’
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को यहां भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा द्वारा आयोजित ‘सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन’ की श्रृंखला में विश्वकर्मा समाज के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘जो राम द्रोही होगा वह आपका हितैषी कभी नहीं हो सकता है, यह आपकी जिम्मेदारी है कि अपने समाज के लोगों को जाकर बताएं और सरकार के कारनामों को जन जन तक पहुंचाएं. हम वर्तमान के साथ भविष्य को भी सुरक्षित करने की योजना को लेकर आगे बढ़ रहे हैं.’
पूर्ववर्ती सरकारों खासतौर से समाजवादी पार्टी की कड़ी आलोचना करते हुए योगी ने कहा, ‘पहले की सरकारें अपने परिवार को ही प्रदेश मान लेती थीं, एक परिवार 2012 से 2017 तक लूट खसोट में लगा था और महाभारत के सारे रिश्ते उनके पास थे, कोई किसी को मार रहा था, कोई किसी का कब्जा कर रहा था. 2012 से 2017 तक की सरकार महाभारत का जीवंत कलयुगी अवतार थी.’
उन्होंने कहा कि आप और हम सबके आराध्य भगवान विश्वकर्मा हैं और अगर भगवान विश्वकर्मा के मानस पुत्र नल और नील नहीं होते तो क्या सेतुबंध का निर्माण हो गया होता.
योगी ने कहा कि यह प्रश्न बार बार उठता है, एक तरफ भाजपा है जो भगवान विश्वकर्मा के मानस पुत्रों द्वारा स्थापित सेतुबंध को बचाने का कार्य करती है और दूसरी तरफ सपा, बसपा और कांग्रेस है जिसने 2005 में सेतुबंध को तोड़ने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस की सरकार 2004 में बनी थी तब कांग्रेस नेतृत्व को समर्थन देने की सपा और बसपा में होड़ लगी थी. सपा ने तो बिना मांगे समर्थन दे दिया था और उनकी मंशा थी कि कांग्रेस के कंधे पर बंदूक रखकर हिंदू आस्था को आहत किया जा सके.’
उन्होंने कहा, ‘जिस सेतुबंध का निर्माण नल और नील ने किया और जिसे रामायण की निशानी के रूप में आज भी माना जाता है, उसे तोड़ने के लिए कांग्रेस, सपा और बसपा लगी थी.’
योगी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘ये लोग आस्था का तो अपमान करते ही हैं, ये सामाजिक ताना बाना तोड़ने, विकास बाधित करने और प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने वाले लोग हैं.’
विकास योजनाएं गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी के विजन और भगवान विश्वकर्मा के आशीर्वाद से विकास कार्य सफल हो रहे हैं. कानपुर में नवंबर तक मेट्रो का संचालन कर लेंगे. यह जो आधारभूत ढांचा बन रहा है उसके आदि शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा ही हैं.’
उन्होंने कहा, ‘आज भी पूरे देश के अंदर शिल्पी के देवता के रूप में भगवान विश्वकर्मा की ही पूजा होती है और उत्तरप्रदेश में तो विश्वकर्मा श्रम सम्मान के माध्यम से परंपरागत हस्त शिल्पियों को आगे बढ़ाने के लिए कार्य किया गया है.’
योगी ने कहा कि अगर निषाद राज ने भगवान राम को गंगा पार कराने में योगदान दिया था तो विश्वकर्मा समाज ने समुद्र में सेतुबंध का निर्माण कर राम का काज किया था.
उन्होंने दावा किया ‘आज कोई प्रदेश में दंगा नहीं कर पाएगा लेकिन पहले जब पर्व और त्योहार आते थे तो दंगा होता था, हर त्योहार होली, जन्माष्टमी के पहले दंगा होता और कर्फ्यू लग जाता था. कर्फ्यू के साये में कोई कैसे पर्व और त्योहार मना सकता है और उसके बाद ये लोग गोल टोपी पहनकर प्रदेश की जनता को अपमानित करते थे.’
कार्यक्रम में विश्वकर्मा समाज के नेता कृष्ण मुरारी विश्वकर्मा ने योगी का स्वागत किया. इस मौके पर भाजपा के कई प्रमुख नेता मौजूद थे.
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