लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से हाल के महीनों में निलंबित कम से कम पांच विधायकों ने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की और सपा में शामिल होने के संकेत दिए.
जौनपुर के मुंगरा बादशाहपुर से विधायक सुषमा पटेल ने कहा, ‘सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ 15-20 मिनट तक चली बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों पर चर्चा हुई और मुलाकात अच्छी रही.’ उनके अगले कदम के बारे में पूछे जाने पर पटेल ने कहा, ‘व्यक्तिगत रूप से, मैंने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का मन बना लिया है.’
वर्तमान में 403 सदस्यीय राज्य विधानसभा में बसपा के 18 विधायक हैं.
उनसे जब पूछा गया कि बसपा के निलंबित विधायकों ने अखिलेश यादव से मिलने का फैसला क्यों किया तो पटेल ने कहा, ‘हमें अक्टूबर 2020 में राज्यसभा चुनाव के दौरान निलंबित कर दिया गया था और हमें स्पष्ट रूप से बसपा के झंडे और बैनर का उपयोग नहीं करने और किसी भी कार्यक्रम, पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया था. राज्यसभा चुनाव के समय, बसपा ने कोई व्हिप जारी नहीं किया था, न ही हम क्रॉस वोटिंग में शामिल थे. हमें बिना किसी आधार के निलंबित कर दिया गया था. हमें इसलिये निलंबित कर दिया गया था, क्योंकि हम अखिलेश यादव से मिलने गए थे.’
उन्होंने कहा, ‘अब, हमें विकल्प तलाशना है. इसलिए हम अखिलेश यादव से मिलने गये थे. अब हमारा बसपा से कोई लेना-देना नहीं है.’
पटेल के अलावा सपा प्रमुख से मिलने वाले अन्य विधायकों में में असलम राएनी, मुस्तफा सिद्दीकी, हाकिमलाल बिंद और हरगोविंद भार्गव शमिल हैं.
अक्तूबर में किया था निलंबित
गौरतलब है कि अक्टूबर 2020 में, बसपा के सात विधायकों को पार्टी अध्यक्ष मायावती ने निलंबित कर दिया था. उन पर राज्यसभा चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार रामजी गौतम के नामांकन का विरोध करने का आरोप लगा था.
निलंबित किये जाने वाले विधायकों में चौधरी असलम अलीर, हरगोविंद भार्गव, मोहम्मद मुस्तफा सिद्दीकी, हाकिमलाल बिंद, मोहम्मद असलम राएनी, सुषमा पटेल और वंदना सिंह शामिल थीं .
इस बीच समाजवादी पार्टी के एक विधायक ने इस बात की पुष्टि की कि बसपा के कुछ निलंबित विधायकों ने पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की .
इस महीने की शुरूआत में बसपा प्रमुख ने पार्टी के विधानसभा में नेता लालजी वर्मा और अकबरपुर के विधायक राम अचल राजभर को पार्टी से निकाल दिया था . इन दोनों नेताओं पर पंचायत चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधयों में शामिल होने के आरोप लगे थे. दोनों नेताओं ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था .
इस बीच बसपा विधानमंडल दल के उप नेता उमाशंकर सिंह ने मंगलवार को बलिया में कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने वाले दल के बगावती विधायक की हैसियत ‘कूड़े’ जैसी है .
उन्होंने कहा कि सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात करने वालों में असलम राएनी विधानसभा में हनुमान चालीसा पढ़कर भाजपा सरकार का गुणगान करते हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा की मुखालफत करने वाले अखिलेश यादव इनसे मुलाकात करते हैं तथा इन्हें सपा में शामिल करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का दोहरा चरित्र उजागर हो जा रहा है .
बागी विधायकों के विरुद्ध कार्रवाई के बारे में उन्होंने बताया कि बसपा ने इन्हें पहले ही निलंबित कर दिया है . बसपा अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं करती, इनके विरुद्ध कार्रवाई कर बसपा अपना ऊर्जा नष्ट नहीं कर सकती . बसपा की तैयारी विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने की है .
सिंह ने कहा कि इतिहास साक्षी है कि जो भी बसपा से गया, उसका राजनैतिक वजूद समाप्त हो गया . बसपा से बगावत करने वाले विधायकों को आम जनता सबक सिखाएगी.
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