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Friday, 22 November, 2024
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शोर मुक्त वातावरण जीवन के अधिकार का हिस्सा, इसका उल्लंघन अपराध है: NGT

पंजाब निवासी बलविंदर कौर द्वारा होशियारपुर जिले के गुरुद्वारों में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने में कानूनी अधिकारियों की विफलता के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर एनजीटी सुनवाई कर रही थी.

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नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कहा है कि शोर मुक्त वातावरण जीवन के अधिकार का हिस्सा है और इसका उल्लंघन एक आपराधिक अपराध है. अधिकरण ने यह टिप्पणी उस याचिका पर अधिकारियों को गौर करने का निर्देश देते हुए की जिसमें पंजाब में होशियारपुर जिले के गुरुद्वारों में ध्वनि प्रदूषण का आरोप लगाया गया है.

अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि मंदिरों, मस्जिदों और गुरुद्वारों में धार्मिक निकायों सहित किसी भी व्यक्ति द्वारा प्राधिकरण की लिखित अनुमति के बिना लाउडस्पीकर या सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली का उपयोग नहीं किया जाएगा.

पीठ ने कहा कि शोर-मुक्त वातावरण जीवन के अधिकार का हिस्सा है और इस विषय पर वैधानिक नियम बनाए गए हैं, जिनका उल्लंघन एक अपराध है और उच्च न्यायालय ने बाध्यकारी निर्देश दिए हैं. पीठ ने कहा कि जिलाधिकारी और एसएसपी होशियारपुर आवेदक की शिकायत पर कानून के अनुसार विचार करें.

अधिकरण पंजाब निवासी बलविंदर कौर द्वारा पंजाब में होशियारपुर जिले के गुरुद्वारों में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने में कानूनी अधिकारियों की विफलता के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था.

याचिका में होशियारपुर जिले में विशेष रूप से गांव हमजा, तहसील दसुया में ध्वनि प्रदूषण को नियंत्रित करने में अधिकारियों की विफलता का आरोप लगाया गया है.

याचिकाकर्ता के अनुसार गुरुद्वारा छेवी पातशाही की प्रबंधन समिति, गुरु नानक दुखभंजन सत्संग घर की प्रबंधन समिति, पादरी अमानत खान मेमोरियल जी.एन. चर्च कोटली खुर्द, गुरुद्वारा सिंह सभा और गुरुद्वारा साहिब कला कुलियां में लाउडस्पीकर का प्रयोग तेज गति से हो रहा है.


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