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Thursday, 25 April, 2024
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श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के 5 लोगों ने, 5 मिनट में 115 करोड़ भारतीयों के साथ विश्वासघात किया : सिसोदिया

आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने आरोप लगाया कि ट्रस्ट ने मंदिर की जमीन साढ़े 18 करोड़ में खरीदी जिसे 5 मिनट पहले 2 खरीददारों से 2 करोड़ में खरीदी गई थी.

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नई दिल्ली: आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने सोमवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के लोगों ने राम मंदिर बनाने के नाम पर करोड़ों भारतीयों की भावना और चंदे के साथ खिलवाड़ किया है. सिसोदिया ने 5 लोगों ने 5 मिनट में 115 करोड़ लोगों के साथ विश्वासघात किया है. दोनों नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ट्रस्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए.

आप नेता मनीष सोसिदिया ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वहां राम मंदिर बनवाने की जिम्मेदारी श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट की है. ट्रस्ट ने अभी वहां 18 मार्च को 12 हजार 80 वर्ग मीटर जमीन खरीदी. इसे साढ़े 18 करोड़ में खरीदा गया है. उन्होंने इसके पेपर्स भी दिखाए.

उन्होंने कहा कि जमीन का जब ट्रांजेक्शन हुआ तो दो गवाह थे. अनिल मिश्रा जो कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के मेंबर हैं और भाजपा नेता ऋषिकेश उपाध्याय जो कि अयोध्या के मेयर हैं. दोनों इस ट्रांजेक्शन में गवाही दी. ये जमीन रविमोहन तिवारी, सुल्तान अंसारी नाम के दो व्यक्तियों से खरीदी गई. शाम को 7:15 मिनट पर ये जमीन खरीदी गई.

उन्होंने आरोप लगाया कि ये जमीन लोगों के चंदे से खरीदी जा रही है और इसकी खरीद में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है.

सिसोदिया ने कहा कि ट्रस्ट ने यह जमीन रविमोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी से 7:15 बजे शाम को खरीदी और उसके ठीक 5 मिनट पहले यान 7:10 मिनट पर यह जमीन रविमोहन तिवारी और सुल्तान अंसारी ने हरीश पाठक और कुसुम पाठक से खरीदी. ट्रस्ट ने जो जमीन साढ़े 18 करोड़ में खरीदी ठीक उससे 5 मिनट पहले यह जमीन दो व्यक्तियों से केवल 2 करोड़ रुपये में खरीदी गई. जो कि घोटाला हुआ है.

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आम आदमी पार्टी के नेता ने कहा कि जब यह जमीन में दो करोड़ में खरीदी गई तो तब भी ट्रस्ट के मेंबर अनिल मिश्रा और मेयर ऋषिकेश उपाध्याय गवाह थे और 5 मिनट बाद जब ट्रस्ट ने जमीन खरीदी तब भी यही दोनों गवाह बने.

सिसोदिया ने दोनों दस्तावेज दिखाते हुआ कहा कि कैसे 5 लोगों ने 5 मिनट के अंदर 115 करोड़ हिंदुओंं के साथ विश्वासघात किया है.

उन्होंने कहा कि वह ट्रस्ट के लोगों से कहना चाहते हैं कि लोग पूरी आस्था और शिद्दत से राम मंदिर बनने का इंतजार कर रहे हैं, लोग आस्था के साथ 100 रुपये से एक करोड़ रुपये चंदा दे रहे हैं. वे इसलिए नहीं दे रहे हैं कि दो करड़ो की जमीन साढ़े 18 करोड़ रुपये में खरीदी जाय.

सिसोदिया ने कहा कि वह मान रहे थे कि ये पेपर्स झूठे होने चाहिए. लेकिन दुख तब ज्यादा हुआ जब ट्रस्ट के लोगों ने बकायदा प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि हां हमने यह ट्रांजेक्शन किए हैं. जिस बेशर्मी से ट्रस्ट ने स्वीकारा है कि ये पेपर्स सच्चे हैं वह बहुत दुख की बात है.

इसके बाद आप के नेता संजय सिंह ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जब से यह मामला सामने आया है मर्यादा पुरुषोत्तम राम में गहरी आस्था रखने वाले लोगों को गहरी चोट पहुंची है. क्योंकि गरीब आदमी ने अपना पेट काटकर प्रभु श्रीराम के मंदिर के लिए चंदा दिया. मजदूर, किसान सबने चंदा दिया है. उन्होंने कहा कि चंदे के पैसे में चोरी हो रही है.

सिंह ने कहा कि इस घोटाला करने वालों लोगों के समर्थन में जिस तरह से बीजेपी आई वह पूछना चाहते हैं कि उन्हें इसका कितना हिस्सा मिला है. उन्होंने कहा कि चंदे के नाम पर वसूले गए एक-एक पैसे का हिसाब भाजपा के लोगों को देना चाहिए.

आप नेता ने कहा कि श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का बयान हास्यस्पद है. जिन्होंने कहा कि इसका पहले ही रजिस्टर्ड अनुबंध कर लिया गया था इसलिए उसके दाम सस्ते रहे होंगे. बाद में यह महंगा हो गया. ये बड़ा झूठ है.

संजय सिंह ने कहा कि ये हरीश पाठक और कुसुम पाठक ने जो रजिस्टर्ड बैनामा सुल्तान अंसारी और रविमोहन तिवारी को किया है कि यह जमीन सारे भारों और प्रभारों से मुक्त है. इसके पहले एग्रीमेंट की बात बैनामे के पेपर में जिक्र नहीं है. उन्होंने चंपत राय पर एक सच को छुपाने के लिए हजार झूठ बोलने का आरोप लगाया.

उन्होंने कहा कि अगर इसका सरकारी रेट माना जाय जिसे योगी आदित्यनाथ की सरकार ने तय किया है तो भी इसका दाम 5 करोड़ 80 लाख रुपये ही होता है.

अंत में मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए आप नेताओं ने कहा कि अगर इसका रजिस्टर्ड एग्रीमेंट पहले हुआ था तो पेपर में आना चाहिए था. ऐसे में इस जमीन को सरकारी रेट से 5 करोड़ 80 लाख रुपये में खरीदा जाना चाहिए थे साढ़े 18 करोड़ में क्यों खरीदी गई. जबकि दोनों में गवाही सिर्फ वही दो लोग दे रहे हैं.

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