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Wednesday, 20 November, 2024
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लोकल होगा ग्लोबल-मोती की माला, रागी बिस्किट, खुशबूदार साबुन को पहचान दिलाने के लिए स्वदेशी जागरण मंच ने बनाई टीमें

स्वदेशी जागरण मंच देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हर एक जिले में लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने के लिए पहुंच बना रहा है. इसके लिए हर जिले में एक कमेटी का निर्माण भी किया है.

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नई दिल्ली:  अब बनारस की मोतियों की माला और बेहतरीन मसाले के साथ और कर्नाटक के पॉस्टिक रागी बिस्किट, खुशबू दार साबुन सहित देश के गांव मोहल्ले में बननेवाले उत्पादों को देशभर ही नहीं विदेश में भी पहचान मिलेगी. इसके लिए स्वदेशी जागरण मंच देश के 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के हर एक जिले में पहुंच बना रहा है.

चीन के सामानों का बहिष्कार और लोकल प्रोडक्ट के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए अब स्वदेशी जागरण मंच नई रणनीति अपना रहा है. मंच लोकल उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए सभी राज्यों और जिलों में एक कमेटी का निर्माण कर लिया है.

ये कमेटियां प्रोडक्ट निर्माताओं को बढ़ावा कैसे मिले इसके लिए काम करेगी.

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्विनी महाजन ने दिप्रिंट से कहा, ‘वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत स्वदेशी जागरण मंच ने 29 राज्यों के जिलों में समिति बनानी शुरू कर दी है.राज्य स्तर सभी समितियां तैयार हो गई हैं, जिलों में इसके निर्माण का काम तेजी से जारी है.’

उन्होंने कहा, ‘325 जिलों में समितियों ने काम करना शुरू भी कर दिया है. राज्य स्तर की समितियों ने लोकल प्रोडक्ट के निर्माताओं को प्रोत्साहन मिले इसलिए पहले कदम के तौर पर उद्यमिता सम्मान कार्यक्रम की शुरुआत की है.’

महाजन ने आगे कहा, ‘इनमें उन उद्यमियों का सम्मान किया जा रहा है जिन्होंने अपने अपने क्षेत्र में स्टार्टअप कंपनी शुरू कर लोगों को रोजगार दिया. वहीं लोकल प्रोडक्ट को लोगों तक पहुंचाया है.’


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लोकल पर वोकल का सम्मान

हर राज्य और जिलो में उद्यमिता सम्मान समारोह आयोजित होने के बाद दूसरे स्तर सभी समितियां जिला स्तर पर लोकल उत्पादों की सूची तैयार करने में जुट गई है. इसके बाद लोगों के बीच इसका प्रचार प्रसार शुरू किया जाएगा.

विदेशों से आयातित सामान का कितना फर्क पड़ता है और कैसे घरेलू उत्पादों को स्थानीय बाजार से लेकर विदेशों तक ले जाया जाए को ध्यान में रखते हुए अपने तीसरे चरण में मंच द्वारा बनाई गईं समितियां जिला स्तर पर क्लस्टर को भी चिन्हित करने का काम करेंगी.

ये समितियां केंद्र और राज्य सरकार स्तर पर स्थानीय प्रोडक्टस को लेकर आ रही परेशानियों से अवगत भी करवाएंगी.

महाजन ने बताया, ‘राज्य स्तर पर जो कमेटी बनाई गई है इसमें कम से कम 8 और अधिकमत 15 सदस्य शामिल किए गए हैं. इन कमेटियों में स्वदेशी जागरण मंच के राज्य के संयोजक कार्डिनेशन का काम करेंगे.

इन कमेटियों में सांसदों और विधायक के साथ साथ लघु, कुटीर उद्योग के अलावा सामाजिक क्षेत्र के लोगों को भी शामिल किया जा रहा है. इन सभी के मदद लोकल स्तर पर कौन से प्रोडक्ट तैयार होते है, उसे निर्माण करने और लोगों तक पहुंचाने में क्या किया जा सकता है और क्या परेशानियां आ रही इस पर चर्चा करेंगे.

ताकि लोकल उत्पादों को मार्केट में अच्छी जगह मिल सके. इसी फार्मूले की तर्ज पर जिला स्तर पर समितियां तैयार की गई है. इस काम में आरएसएस के अनुषांगिक संगठन भी हमारी मदद कर रहे है.’


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उन्होंने आगे बताया, ‘इस नए कार्यक्रम के तहत फिलहाल जिला स्तर पर लोकल वस्तुओं की सूची नए सिरे से तैयार की जा रही है. इसके बाद इनकी जानकारी वहां शहरवासियों को दी जाएगी ताकि उन्हें भी पता चले की उनके गांव या शहर में भी इन वस्तुओं का उत्पादन होता है.

इसके जरिए हम लोगों से आह्वान करेंगे कि अपनी पसंदीदा स्वदेशी वस्तुएं जो हैं उसका प्रयोग तो करें लेकिन जो स्थानीय स्तर पर वस्तुएं निर्मित हो रही है इसका भी उपयोग करें.’

महाजन ने उदारहण देते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश के वाराणसी घरों मे बनाई जाने वाली मोतियों की माला बेहद फेमस है. इसके अलावा वहां लोकल स्तर पर तैयार होने वाले मसाले और कारपेट का बड़ा कारोबार है. इसे हम देश के स्तर पर ले जाने का प्रयास करेंगे.

इसी तरह कर्नाटक के बेंगलुरु में बनने वाले साबुन, रागी से निर्मित होने वाले बिस्किट सहित कई उत्पाद लोकल स्तर पर तैयार होते है.

हर राज्य, हर जिले में टीमें 

इसी तर्ज पर देश के अन्य राज्यों के शहरों में तैयार होने वाले सामानों की सूची बनाकर उनको देश के अन्य राज्य के लोगों तक कैसे पहुंचाए जाए और उनको कैसे फेमस किया जाए इसको लेकर भी काम किया जाएगा.

दिल्ली प्रदेश समिति में सदस्य बनाए गए विकास चौधरी ने दिप्रिंट से कहा,’स्वदेशी जागरण मंच की दिल्ली प्रदेश कमेटी का गठन 13 अगस्त को हुआ है. इसमें 12 सदस्य शामिल किए गए है.इसमें सामाजिक,शिक्षा क्षेत्र के साथ साथ छोटे उद्योगपतियों को स्थान दिया गया है. हमारी समिति ने उद्यमिता सम्मान के साथ ही लोकल प्रोडक्ट की सूची तैयार करने की दिशा में भी काम करना शुरु कर दिया है.’

स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसंपर्क प्रमुख कमलजीत ने दिप्रिंट से कहा, ‘हमारी समिति ने हाल ही में अयुर कंपनी के मालिक मनमिंदर सिंह नारंग को उद्यमिता सम्मान से भी नवाजा है. इनकी कंपनी द्वारा स्वदेशी स्तर पर हर्बल प्रोडक्ट तैयार किए जाते है.’

समिति ने पिछले दिनों कुटीर उद्योग और छोटे उद्योग कर रहे कई व्यवसायियों को सम्मानित किया है. इसमें अयुर कंपनी के मालिक मनमिंदर सिंह, मनजीत और उत्तर प्रदेश के डॉ. सुशील कुमार सिन्हा शामिल हैं.

स्वदेशी जागरण मंच के कार्यक्रम में उद्यमिता सम्मानित किए गए आयुर कंपनी के मालिक मनमिंदर सिंह ने दिप्रिंट से कहा, ‘सरकार को कुटीर, मझोले उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए. इससे कई सारी वस्तुएं भारत में ही निर्मित हो सकेंगी. हमारी विदेशी वस्तुओं पर निर्भरता कम होगी. इससे हमारी आर्थिक स्थिति में भी सुधार देखने को मिलेगा.’

स्वदेशी जागरण मंच की तरफ से सम्मानित महिला हैं, कौर ऑनलाइन बिजनेस करती हैं. मनजीत बताती हैं,’बीते दो वर्षों से आनलाइन काम शुरू किया है. इसके जरिए बुनकरों और स्थानीय स्तर पर कपड़ा छापने वालों से कपड़ा खरीदते हैं. ताकि इन्हें रोजगार मिल सके. इसके बाद इन कपड़ों को तैयार कर मार्केट में बेचते है.

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में रहने वाले डॉ. सुशील कुमार सिन्हा को सम्मानित किया है.

सिन्हा ने दिप्रिंट को बताया, ‘हम गरीब घेरलू महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश में जुटे हुए हैं. प्राइवेट अस्पतालों में उपयोग होने वाले कपड़े के मास्क, कोट और एप्रन बनाना सिखा रहे हैं.’

उन्होंने कहा, ‘महिलाओं द्वारा बनाए गए सामान को प्रदेशभर के अन्य निजी अस्पतालों में सप्लाई कर रहे हैं. इससे उन्हें आमदनी भी हो रही है और हमे किसी अन्य कंपनी पर निर्भर नहीं रहना पड़ रहा. लोकल मार्केट से ही हमारी जरूरतें पूरी हो रही हैं.’

गौरतलब है कि देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से ‘लोकल फॉर वोकल’ पर जोर देने को कहा था. वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी स्वदेशी सामानों को अपनाने की बात कही थी.इसके बाद से ही स्वदेशी जागरण मंच ने देशभर में स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने, उसे प्रयोग करने और चीनी वस्तुओं का बहिष्कार करने के लिए अभियान छेड़ रखा है.


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