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Thursday, 21 November, 2024
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अपने मजदूरों से अवैध रेल किराया वसूलने पर गुजरात के भट्ठा मालिकों पर कार्रवाई करेगी छत्तीसगढ़ सरकार

11 मई को गुजरात के अहमदाबाद से आने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन आने वाले करीब 1200 प्रवासी मजदूरों से भट्ठा मालिकों ने 750 रुपए प्रति व्यक्ति रेल किराया वसूला था.

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रायपुर: गुजरात के ईंट भट्ठों में काम करने वाले वापस लौटे श्रमिकों से भट्ठा मालिकों द्वारा वसूले गए अवैध रेल किराये की रकम के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार जल्द कार्यवाही करने जा रही है. सूत्रों के अनुसार पहले भट्ठा मालिकों से मजदूरों का पैसा वापस करने के लिए कहा जाएगा लेकिन भट्ठा मालिकों ने पैसा वापस नही किया तो सरकार उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी.

ज्ञात हो कि 11 मई को गुजरात के ईंट भट्ठों में काम करने वाले छत्तीसगढ़ के फंसे हुए करीब 1200 प्रवासी मजदूरों का एक जत्था अहमदाबाद से चलने वााली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से आया था. दिप्रिंट द्वारा दिखाई गयी रिपोर्ट में मजदूरों ने बताया था कि भट्ठा मालिकों ने उनसे 750 रुपए प्रति व्यक्ति रेल किराया के नाम पर पैसा वसूला था लेकिन टिकट किसी श्रमिक के पास नही था. मजदूरों ने दिप्रिंट को यह भी बताया था कि जब सरकार द्वारा उनसे रेल किराया नही लिए जाने वाली बात सार्वजनिक हुई तो उनके भट्ठा मालिकों ने लिया गया पैसा लौटाने को कहा था लेकिन अभी तक नहीं लौटाया.

ये है वह वीडियो जिसे दिखाए जाने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने एक्शन लेने जा रही है.

मजदूरों से गुजरात के भट्ठा मालिकों द्वारा अवैध रेल किराया लिए जाने की रिपोर्ट में आने के बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच का आदेश दिया. बिलासपुर कलेक्टर द्वारा अपने मातहत अधिकारियों से तैयार करवाई गई इस जांच में भट्ठा मालिकों के खिलाफ आरोप सही पाए गए हैं.


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मजदूरों के बयानों के आधार पर अभी तक बिलासपुर क्षेत्र के 71 श्रमिकों से 53 हजार रुपए की वसूली का मामला सामने आया है. राज्य श्रम विभाग के अधिकारियों के अनुसार श्रमिकों से पैसे वसूलने की जांच सही पाए जाने पर अधिकारियों द्वारा अब यह पता लगाया जा रहा है कि और कितने मजदूर उनके मालिकों या फिर ठेकेदारों से इस रवैये ले शिकार हुए हैं.

बिलासपुर कलेक्टर द्वारा राज्य श्रम विभाग के सचिव को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘गांधी नगर गुजरात के छह ईंट-भट्ठा मालिकों एवं उनके मुंशियों द्वारा छत्तीसगढ़ के बिलासपुर अंचल के 71 मजदूरों से श्रमिक स्पेशल रेलगाड़ी के किराए के एवज में 52 हजार 950 रुपए की अवैध वसूली का मामला प्रकाश में आया है. मामला सामने आने पर कलेक्टर बिलासपुर द्वारा क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराए गए श्रमिकों से जब इस संबंध में पूछताछ की गई और उनके बयान लिए गए तब यह बात सामने आयी कि श्रमिकों से ट्रेन किराए के नाम पर अवैध वसूली की गई है. कलेक्टर ने शिकायत की जांच का विस्तृत प्रतिवेदन श्रमिकों के बयान सहित छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग को अग्रिम कार्रवाई के लिए भेजा है.’

हमने जब बिलासपुर कलेक्टर से इस रिपोर्ट के संबंध में जानकारी मांगी तो उनका कहना था, ‘जांच में संबंधित मजदूरों से संपर्क कर उनके बयान दर्ज किये गए हैं. करीब 23 पेज की रिपोर्ट शासन को भेज दी गयी है लेकिन आगे की कार्यवाही सरकार के स्तर पर तय की जाएगी.’

इस मामले में राज्य श्रम सचिव सोनमणि बोरा ने दिप्रिंट से इस रिपोर्ट के प्राप्त होने की पुष्टि करते हुए बताया, ‘रिपोर्ट शासन को मिल गयी है और संबंधित अधिकारियों को आगे की कार्यवाही के लिए अग्रेषित कर दी गयी है. इस मामले में जो भी कार्यवाही होगी कानून के दायरे में होगी.’


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हालांकि विभागीय सूत्रों ने हमे बताया कि मजदूरों से अवैध किराया वसूली के मामले में सरकार ने सख्त रैवैया अपनाया है और आवश्यकता पड़ने पर कानूनी कार्यवाही करने का मन बना चुकी है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार सरकार जल्द ही ईंट भट्ठा मालिकों को नोटिस भेजकर जवाब तलब करेगी और उनको मजदूरों का पैसा लौटने के लिए आदेश दिया जाएगा. अधिकारियों का कहना धसई कि गुजरात के भट्ठा मालिकों ने यदि श्रमिकों का पैसा वापस नही किया तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्यवाहि की जाएगी.

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