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Friday, 22 November, 2024
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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र होगा ट्रस्ट का नाम, बनेगा दिव्य और भव्य मंदिर : मोदी

पीएम मोदी ने सदन में सरकार द्वारा बनाए गए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के बारे में घोषणा करते हुए कहा ट्रस्ट अयोध्या में 'भव्य और दिव्य' श्रीराम मंदिर निर्माण और संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा कर दी. ट्रस्ट के स्वरूप की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कैबिनेट की बैठक मे सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के आधार पर स्वायत्त केंद्र सरकार ने वृहद् योजना तैयार की है. ट्रस्ट श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन पर प्रस्ताव पारित किया गया.

पीएम ने कहा, ‘यह विषय मेरे दिल के बहुत करीब है. यह विषय श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है. यह विषय भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर से जुड़ा हुआ है. 9 नवंबर को मैं करतापुर कॉरिडोर के लिए पंजाब में था. 550 के प्रकाश पर्व के कार्यक्रम में था. उस दिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बारे में जानकारी मिली थी.’

सरकार द्वारा बनाया गया यह ट्रस्ट अयोध्या में ‘भव्य और दिव्य’ श्रीराम मंदिर निर्माण और संबंधित विषयों पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र होगा. गहन विचार विमर्श और संवाद के बाद पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने का अनुरोध उत्तरप्रदेश सरकार से किया गया जिस पर सहमति प्रदान कर दी गई है.

पीएम मोदी ने सदन में कहा, भारत की प्राणवायु में, आदर्शों में, मर्यादाओं में भगवान श्रीराम और अयोध्या की ऐतिहासिकता से हम सभी परिचित हैं.अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण वर्तमान और भविष्य में रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए एक और फैसला किया गया है.


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अयोध्या कानून के तहत अधिगृहीत सभी भूमि जो 67 एकड़ है जिसमें भीतरी और बाहरी आंगन भी शामिल हैं उसे नवगठित श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को स्थांतरित किया जाए.

पीएम ने सदन को जानकारी देते हुए कहा,सभी धर्म के लोग एक है ‘सभी धर्म के लोग एक हैं, परिवार के सदस्य सुखी समृद्ध हों और देश का विकास हो, इसीलिए सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर चल रहे हैं.’ उन्होंने कहा, अयोध्या में राम धाम के निर्माण के लिए सभी लोग एक स्वर में अपना मत दें.’

नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने राम जन्मभूमि बाबरी मस्ज़िद मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए  केंद्र सरकार को कहा था कि तीन महीने के भीतर एक ट्रस्ट बनाए जाने का निर्देश दिया था. साथ ही सुन्नी वक्फ़ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन अयोध्या में ही किसी और स्थान में देने का निर्देश दिया.

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