कोलंबो: श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने रविवार को कहा कि आर्थिक तंगी से जूझ रहे देश के लिए 2023 एक ‘महत्वपूर्ण वर्ष’ होगा और उनकी सरकार संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के भरसक प्रयास कर रही है.
विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी के कारण श्रीलंका 2022 में एक अभूतपूर्व वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था. इसके चलते देश में राजनीतिक उथल-पुथल पैदा हो गई थी और शक्तिशाली राजपक्षे परिवार को सत्ता गंवानी पड़ी थी.
विक्रमसिंघे ने नववर्ष संदेश में कहा, ‘पिछले साल सबसे मुश्किल दौर, अपार कठिनाइयों, अनिश्चितताओं और निराशा से गुजरने के बाद हम नए साल 2023 में प्रवेश कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘मैं उस भारी बोझ को समझता हूं जो हम सभी पर आ पड़ा है और उन झटकों को भी जो देश के दयनीय आर्थिक पतन के कारण हममें से अधिकतर लोगों को झेलने पड़े हैं.’
अप्रैल से जुलाई तक, श्रीलंका में अराजकता का माहौल देखने को मिला था. ईंधन केंद्रों पर लंबी कतारें लगी थीं और खाली रसोई गैस सिलेंडर लिए हजारों लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतर आए थे.
श्रीलंका सरकार ने पिछले साल मई में घोषणा की थी कि 50 अरब डॉलर के विदेशी कर्ज में फंसा श्रीलंका दिवालिया होने के कगार पर है.
विक्रमसिंघे ने कहा, ‘वास्तव में, 2023 एक महत्वपूर्ण वर्ष होगा, जिसमें हम अर्थव्यवस्था में बदलाव की योजना बना रहे हैं. 2023 ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी का 75वां साल भी है.’
चार फरवरी को 1948 में ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने के उपलक्ष्य में हर साल इस तारीख को श्रीलंका में राष्ट्रीय दिवस या स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.
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