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Tuesday, 16 April, 2024
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PM मोदी के साथ बैठक में शीर्ष अमेरिकी CEO ने भारत में हुए सुधारों की सराहना की: विदेश सचिव

मोदी ने अमेरिकी उद्योग जगत के शीर्ष पांच उद्योगपतियों के साथ बृहस्पतिवार को अलग अलग बैठकें की और उन्हें भारत में उपलब्ध व्यापक संभावनाओं के बारे में बताया तथा निवेश बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया.

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वाशिंगटन: विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि अमेरिका के शीर्ष सीईओ और कारोबारी हस्तियों ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक के दौरान भारत में हाल में हुए सुधारों की सराहना की और महसूस किया कि देश में निवेश के महत्वपूर्ण अवसर हैं.

मोदी ने अमेरिकी उद्योग जगत के शीर्ष पांच उद्योगपतियों के साथ बृहस्पतिवार को अलग अलग बैठकें की और उन्हें भारत में उपलब्ध व्यापक संभावनाओं के बारे में बताया तथा निवेश बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया.

मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर बुधवार को यहां पहुंचे. अपने दौरे की शुरुआत करते हुए उन्होंने क्वालकॉम, एडोब, फर्स्ट सोलर, जनरल एटोमिक्स और ब्लैक स्टोन के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ अलग-अलग बैठकें की. ये वे कंपनियां हैं, जो 5जी, सेमीकंडक्टर, रक्षा प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में दुनिया में चर्चित हैं.

बैठक के बाद श्रृंगला ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत में हाल के सुधार उपायों की सराहना करके व्यापार जगत की हस्तियों ने एक स्पष्ट संदेश दिया है. इन उपायों ने भारत में व्यापार के वातावरण को अधिक अनुकूल बनाया है, विभिन्न क्षेत्रों में उदार निवेश नियम बनाए हैं और उन्होंने महसूस किया कि भारत में निवेश के महत्वपूर्ण अवसर हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ‘सीईओ भारत के बारे में बहुत आशावादी थे. उन्होंने इसे दुनिया की कंपनियों के लिए वृद्धि के लिहाज से शीर्ष गंतव्य बताया.’

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मोदी अपनी इस यात्रा के दौरान शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ पहली बार आमने-सामने की बैठक करेंगे.

उद्योगपतियों से मुलाकात से पहले मोदी ने कहा था कि वह प्रमुख कंपनियों के सीईओ से मिलेंगे और भारत में आर्थिक अवसरों के बारे में बताएंगे.

मोदी की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी क्वालकॉम के अध्यक्ष तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) क्रिस्टिआनो अमोन तथा फर्स्ट सोलर के सीईओ मार्क विडमर के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्विटर पर लिखा, ‘प्रौद्योगिकी पर बातचीत…. बातचीत सार्थक रही.’

पीएमओ के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री मोदी ने भारत में उपलब्ध व्यापक अवसरों के बारे में बताया. अमोन ने कहा कि वह 5जी और डिजिटल इंडिया से जुड़ी अन्य योजनाओं में भारत के साथ काम करने को लेकर उत्सुक हैं.’

क्वालकॉम ने 1996 में काम शुरू किया और वह वायरलेस मोडेम और मल्टीमीडिया सॉफ्टवेयर, डिजिटल सिग्नल प्रोसेसिंग (डीएसपी) और डिजिटल मीडिया नेटवर्किंग समाधान जैसे क्षेत्रों में अग्रणी है.

भारत में क्वालकॉम ने उन कंपनियों में निवेश किया है जो डेयरी, परिवहन से लेकर रक्षा जैसे क्षेत्रों में प्रमुख घरेलू मुद्दों का समाधान करते हैं.

मोदी ने बैठक को सार्थक बताया और कहा कि उन्होंने भारत में लोगों की भलाई के लिये प्रौद्योगिकी के उपयोग और प्रौद्योगिकी अवसरों पर बातचीत की. उन्होंने कहा, ‘उनकी भारत के 5जी को लेकर जारी पहल और ‘कनेक्टिविटी’ बेहतर करने को लेकर पीएम- वानी (वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) में रूचि है.’

विदेश मंत्रालय की विज्ञप्ति के अनुसार दोनों ने भारत में दूरसंचार और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में निवेश अवसरों पर चर्चा की. इसमें हाल में घोषित इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण के लिये उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के साथ भारत में सेमीकंडक्टर की आपूर्ति श्रृंखला का विकास शामिल हैं.

मंत्रालय ने कहा, ‘भारत में स्थानीय नवोन्मेष परिवेश सृजित करने की रणनीति पर भी चर्चा हुई.’

फर्स्ट सोलर के विडमर के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री ने भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के परिदृश्य के बारे में चर्चा की और अग्रणी सौर पैनल विनिर्माता के देश में निवेश के लिये स्वागत किया.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘सौर ऊर्जा का विषय मेरे हृदय के करीब है क्योंकि यह यह हमारे ग्रह के भविष्य से जुड़ा है. फर्स्ट सोलर के सीईओ के साथ बैठक की और यह चर्चा की कि क्यों भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश के लिये सही गंतव्य है. हरित हाइड्रोजन मिशन पर भी चर्चा हुई.’

फर्स्ट सोलर ने भारत में 150 मेगावाट सौर बिजली को सफलतापूर्वक चालू किया है और देश में 1800 मेगावाट की सौर क्षमता स्थापित की है. इस साल की शुरुआत में, कंपनी ने भारत में एक नई 3300 मेगावाट क्षमता की इकाई स्थापित करने की घोषणा की थी. कंपनी भारत की 2022 तक एक लाख मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता के लक्ष्य को पूरा करने में योगदान दे रही है.’

मंत्रालय के अनुसार प्रधानमंत्री ने भारत की 2030 तक 4,50,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने के लक्ष्य का भी जिक्र किया. उन्होंने भारत के सौर ऊर्जा उपकरणों के विनिर्माण पर जोर दिये जाने के बारे में भी बताया.

एडोब के सीईओ शांतनु नारायण के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने कंपनी की भारत में चल रही गतिविधियों और भविष्य की निवेश योजनाओं पर चर्चा की.


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