बैंकॉक: थाईलैंड में बढ़ते विरोध प्रदर्शन पर नियंत्रण की कोशिशों के तहत पिछले सप्ताह सरकार द्वारा घोषित आपातकाल को हटाने के लिए छात्र कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एक अदालत में याचिका दाखिल की.
प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओचा के पद छोड़ने और अधिक लोकतांत्रिक संविधान और राजशाही व्यवस्था में सुधार आदि मांगों को लेकर प्रदर्शनकारी लगातार विरोध कर रहे हैं.
आपातकाल लागू होने के कारण चार से ज्यादा लोगों के जमा होने पर पाबंदी के बावजूद प्रदर्शनकारी लगातार आठवें दिन बुधवार को एकत्र हुए जबकि उनके कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में रखा गया है. पिछले सप्ताह रैली में शामिल लोगों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछार की गयी लेकिन प्रदर्शनकारी नहीं माने.
रैली में पहले की तरह ही या उससे भी ज्यादा प्रदर्शनकारी आए. शुक्रवार के बाद से पुलिस प्रदर्शनकारियों पर सीधे-सीधे कार्रवाई करने से बच रही है और इसके बदले कई रास्तों को बंद कर दिया गया और जमावड़ा की अपील के संबंध में ऑनलाइन गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है .
प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओचा, उपप्रधानमंत्री प्रवित वोंगसुवान और राष्ट्रीय पुलिस प्रमुख सुवत चांगयोदसुक पर मुकदमा चलाने के लिए विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने अदालत का रूख किया . फिलहाल, आपातकाल के आदेश को निरस्त करवाने के लिए प्रदर्शनकारियों ने याचिका दायर की है.
छात्रों ने मीडिया के सामने भी याचिका को पढ़कर सुनाया . इसमें कहा गया कि संविधान का अनादर करते हुए लोगों के कानूनी व अन्य अधिकारों को सीमित किया गया. अदालत ने उनकी याचिका पर सुनवाई नहीं की लेकिन इसी तरह की अपील पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हो सकती है. यह याचिका विपक्षी फिऊ थाई पार्टी ने मंगलवार को दाखिल की थी.
प्रदर्शन के बाद बने राजनीतिक दबाव के मद्देनजर थाईलैंड की संसद का अगले सप्ताह विशेष सत्र आहूत किया गया है. सरकार प्रदर्शन की खबरों पर भी रोक लगाना चाहती है क्योंकि उसका मानना है कि ‘मिथ्या सूचनाओं’ से अशांति फैल सकती है लेकिन मीडिया संस्थानों ने बुधवार को भी खबरों का प्रसारण किया.