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Thursday, 25 April, 2024
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पाकिस्तान में सिख हकीम की हत्या, अमरिंदर सिंह ने कहा- ऐसे वीभत्स हमले को नहीं सहा जा सकता

बीते कई सालों में अल्पसंख्यकों पर पाकिस्तान में हमले बढ़ रहे हैं. कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने भी अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान के पेशावर में गुरुवार को अज्ञान बंदूकधारियों ने सिख समुदाय से आने वाले 45 वर्षीय हकीम सतनाम सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी. इस घटना की पाकिस्तान समेत भारत में भी निंदा की जा रही है और सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.

हकीम सतनाम सिंह पर तब हमला किया गया जब वो अपने क्लिनिक में थे. वे पेशावर में चरसद्दा रोड पर क्लीनिक चलाते थे. पुलिस ने बताया कि हकीम सरदार सतनाम सिंह (खालसा) अपने क्लीनिक पर थे तभी हमलावर उनके केबिन में घुसे और उन्हें चार गोलियां मार दी. उनकी मौके पर ही मौत हो गयी और हमलावर मौके से फरार हो गए.

पुलिस आतंकवाद की संभावना समेत विभिन्न पहलुओं से मामले की जांच कर रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और पुलिस को निर्देश दिया है कि आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी की जाए.

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट कर इस घटना पर दुख जताया और कहा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ इस तरह के वीभत्स हमले को सहन नहीं किया जा सकता.

कैप्टन ने कहा, ‘पेशावर में हकीम सतनाम सिंह की वीभत्स हत्या से दुखी हूं. विदेश मंत्रालय से निवेदन है कि वो इस मुद्दे को उच्चस्तर पर उठाएं और न्याय सुनिश्चित करें.’ भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.

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‘दिनदहाड़े गुंडागर्दी’

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमिटि के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में दिनदहाड़े गुंडागर्दी हो रही है और अल्पसंख्यक सिखों पर हमले हो रहे हैं.’

सिरसा ने पाकिस्तान में भारत के हाई कमीशन से मांग की कि स्थानीय पुलिस की मदद से न्याय सुनिश्चित किया जाए.

ट्विटर पर कई लोगों ने इस घटना की निंदा की है और पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर हो रहे लगातार हमलों पर नराजगी जताई है.

 

पेशावर में करीब 15,000 सिख रहते हैं जिनमें अधिकतर कारोबार करते हैं और कुछ फार्मेसी चलाते हैं. 2017 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान में हिंदू सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है.

इससे पहले हाल ही में कई बार पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों पर भी कई हमले हो चुके हैं. यहां तक कि वहां की सुप्रीम कोर्ट ने भी इन हमलों पर नराजगी जताई थी. हाल ही में पाकिस्तान में मस्जिद से पीने का पानी भरने गए हिंदू परिवार को बंधक बनाकर पीटा गया था.

कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन भी पाकिस्तान में धार्मिक आजादी को बचाने की जरूरत के बारे में कह चुकी हैं. एमनेस्टी इंटरनेशनल ने 2020 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पाकिस्तान को हिंदुओं की धार्मिक आजादी की रक्षा करनी चाहिए.

अमेरिका की धार्मिक आजादी पर रिपोर्ट करने वाली संस्था ने भी पाकिस्तान की स्थिति को नकारात्मक बताया था.


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