नैरोबी: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को यहां मंत्री स्तरीय गोलमेज बैठक में केन्या के शीर्ष मंत्रियों के साथ दोनों देशों के बीच व्यापक साझेदारी के निर्माण को लेकर चर्चा की. केन्या की विदेश मंत्री रशैल ओमामो की अध्यक्षता में हुई बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई.
इस बैठक में केन्या की रक्षा मंत्री मोनिका जुमा, व्यापार एवं उद्योग मंत्री बैटी सी मैना, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी मंत्री जोए म्यूचेरी ईजीएच, ऊर्जा मंत्री चार्ल्स केटेर, सहायक वित्त मंत्री नेल्सन जी. सहायक स्वास्थ्य मंत्री राशिद अब्दी अमान तथा गृह मंत्री एंग कारांजा किबिचो शामिल हुए.
बैठक के बाद जयशंकर ने ट्वीट कर वरिष्ठ मंत्रियों के मूल्यवान योगदान के लिए उनका आभार जाताया और उनके ‘विचार, उत्साह तथा संकल्प’ की सराहना की. उन्होंने ट्वीट किया, ‘मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक में आज व्यापक साझेदारी के निर्माण को लेकर चर्चा की. विदेश मंत्री रशैल ओमामो बैठक की अध्यक्षता करने के लिए आपका शुक्रिया.’
इससे पहले, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का केन्या में भारतीय समुदाय के विभिन्न वर्गों के साथ ‘सार्थक’ ऑनलाइन संवाद हुआ. इस पूर्वी अफ्रीकी देश के साथ भारत के संबंधों को मजबूत बनाने की खातिर जयशंकर यहां तीन दिवसीय दौरे पर शनिवार को पहुंचे थे.
यहां भारतीय उच्चायोग ने रविवार रात को ट्वीट किया, ‘माननीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर केन्या के आधिकारिक दौरे पर आए हुए हैं और उन्होंने 13 जून को केन्या में भारतीय समुदाय के विभिन्न वर्गों के साथ ऑनलाइन बातचीत की.’ इसमें बताया गया कि बैठक का संयोजन केन्या में भारत के उच्चायुक्त डॉ. वीरेंद्र पॉल ने किया. केन्या में भारतीय मूल के करीब 80,000 लोग हैं जिनमें से करीब 20,000 भारतीय नागरिक हैं.
इससे पहले, शनिवार को जयशंकर और उनकी केन्याई समकक्ष रशैल ओमामो ने दोनों देशों के बीच ‘द्विपक्षीय सहयोग’ पर ‘सार्थक बातचीत’ की. इन संबंधों को आगे ले जाने का काम एक संयुक्त आयोग करेगा. वार्ता के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दोनों सदस्यों के लिए उपयुक्त क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर विस्तार से बातचीत हुई. एक ऐतिहासिक एकजुटता आज एक आधुनिक साझेदारी बन गई है.’
वर्तमान में भारत और केन्या सुरक्षा परिषद के सदस्य हैं और वे राष्ट्रमंडल के भी सदस्य हैं. केन्या अफ्रीकी संघ का सक्रिय सदस्य है जिसके भारत के साथ लंबे समय से संबंध रहे हैं.
यह भी पढ़ें: कौन हैं इजरायल के नए PM नफ्ताली बेनेट, कैसे दक्षिणपंथी, वामपंथी और मध्यमार्गी दलों को वो साथ लाए