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Tuesday, 23 September, 2025
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भारत के साथ संबंध अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण : जयशंकर से मुलाकात के बाद रुबियो ने कहा

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(योषिता सिंह)

न्यूयॉर्क, 23 सितंबर (भाषा) अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात के दौरान कहा कि भारत के साथ संबंध अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने व्यापार, रक्षा और ऊर्जा सहित द्विपक्षीय मुद्दों पर नयी दिल्ली की निरंतर भागीदारी की ‘‘सराहना’’ भी की।

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय 80वें सत्र के इतर सोमवार सुबह यहां जयशंकर से मुलाकात की।

विदेश विभाग द्वारा बैठक के विवरण में कहा गया है कि रुबियो ने दोहराया कि ‘‘भारत के साथ संबंध अमेरिका के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं’’ और उन्होंने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, महत्वपूर्ण खनिजों तथा द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित अन्य मुद्दों सहित अनेक मुद्दों पर भारत सरकार की निरंतर भागीदारी के लिए सराहना व्यक्त की।

बयान में कहा गया कि है कि रुबियो और जयशंकर इस बात पर सहमत हुए कि अमेरिका और भारत ‘क्वाड’ के माध्यम से एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।

जयशंकर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि न्यूयॉर्क में रुबियो से ‘‘मिलकर अच्छा लगा।’’

जयशंकर ने सोशल मीडिया पर कहा, ‘‘हमारी बातचीत में वर्तमान चिंता के कई द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में प्रगति के लिए निरंतर जुड़ाव के महत्व पर सहमति बनी। हम संपर्क में बने रहेंगे।’’

रुबियो ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा उन्होंने जयशंकर के साथ द्विपक्षीय संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों पर चर्चा की, जिनमें व्यापार, ऊर्जा, दवाइयां, महत्त्वपूर्ण खनिज और अन्य विषय शामिल हैं, ताकि भारत और अमेरिका के लिए समृद्धि सुनिश्चित की जा सके।

पिछले कुछ महीनों में व्यापार, शुल्क (टैरिफ) और नयी दिल्ली द्वारा रूसी तेल की खरीद को लेकर दोनों देशों में तनाव के बीच लगभग एक घंटे तक चली यह बैठक रुबियो और जयशंकर के बीच पहली आमने-सामने की बातचीत थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने रूसी तेल की खरीद के लिए नयी दिल्ली पर दंड स्वरूप 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगा दिया, जिससे अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया कुल शुल्क 50 प्रतिशत हो गया, जो विश्व में सर्वाधिक है।

इस बैठक से कुछ ही दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नए एच1बी वीजा पर एक लाख अमेरिकी डॉलर का भारी-भरकम शुल्क लगाने वाले एक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। इस घोषणा से सूचना प्रौद्योगिकी और चिकित्सा क्षेत्र के पेशेवरों सहित भारतीय पेशेवरों में व्यापक चिंता पैदा हो गयी, जो एच1बी कुशल-कर्मचारी कार्यक्रम के सबसे बड़े लाभार्थी हैं।

रुबियो और जयशंकर ने पिछली बार जुलाई में वाशिंगटन डीसी में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर द्विपक्षीय मुलाकात की थी।

संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय सत्र के इतर हुई यह द्विपक्षीय बैठक उसी दिन हुई जब भारत और अमेरिका ने एक व्यापार समझौते के शीघ्र निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए चर्चा की।

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को अमेरिकी पक्ष के साथ बैठकों के लिए न्यूयॉर्क में है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बताया था कि ‘‘प्रतिनिधिमंडल का उद्देश्य चर्चाओं को आगे बढ़ाना है ताकि आपसी लाभकारी व्यापार समझौते के शीघ्र निष्कर्ष तक पहुंचा जा सके।’’

जयशंकर ने सोमवार को यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों से उनकी अनौपचारिक बैठक में भी मुलाकात की।

उन्होंने विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के लिए यूरोपीय संघ की उच्च प्रतिनिधि काजा कैलास को मेजबानी के लिए धन्यवाद दिया।

जयशंकर ने कहा, ‘‘बहुपक्षवाद, भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी, यूक्रेन संघर्ष, गाजा, ऊर्जा और व्यापार पर विचारों का खुले तौर पर आदान-प्रदान करने का अवसर मिला।’’

अमेरिकी विदेश विभाग के दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो ने कहा कि दक्षिण और मध्य एशिया के लिए अमेरिका के विशेष दूत और भारत के लिए नामित अमेरिकी राजदूत सर्जियो गोर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर जयशंकर से मुलाकात की।

उसने कहा, ‘‘वे (जयशंकर और गोर) अमेरिका-भारत संबंधों की सफलता को और बढ़ावा देने के लिए तत्पर हैं।’’

जयशंकर संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च-स्तरीय सत्र में हिस्सा लेने के लिए रविवार को न्यूयॉर्क पहुंचे थे। वह सत्र के इतर द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकें करेंगे और 27 सितंबर को आम बहस में यूएनजीए मंच से राष्ट्रीय वक्तव्य देंगे।

भाषा गोला रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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