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Sunday, 28 April, 2024
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कतर ने 8 पूर्व नौसैनिकों की मौत की सजा के खिलाफ वाली अर्जी मंजूर, भारत की अपील की गई स्वीकार

कतर में आठ भारतीय पूर्व नौसेना कर्मियों को दी गई मौत की सजा के खिलाफ भारत की ओर से अपील दायर की गई थी.

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नई दिल्ली: कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को मौत की सजा पर अपील दस्तावेज स्वीकार कर लिया है. सूत्रों ने दी जानकारी.

कतर में आठ भारतीय पूर्व नौसेना कर्मियों को दी गई मौत की सजा के खिलाफ भारत की ओर से अपील दायर की गई थी.

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने 9 नवंबर को कहा कि फैसला “गोपनीय” बना हुआ है, और कहा कि मामले में अपील दायर की गई थी.

विदेश मंत्रालय ने मामले की संवेदनशील प्रकृति के कारण सभी से “अटकलों में शामिल होने” से बचने का भी आग्रह किया, और कहा कि भारतीय दूतावास को 7 नवंबर को एक और कांसुलर पहुंच प्राप्त हुई.

विदेश मंत्रालय के मुख्य प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पहले कहा था, ”कतर की अदालत ने अल दारा कंपनी के 8 कर्मचारियों से जुड़े मामले में 26 अक्टूबर को फैसला सुनाया.”

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बागची ने कहा कि सेवानिवृत्त नौसैनिकों को कतर की एक अदालत ने उन आरोपों में मौत की सजा सुनाई थी जिन्हें अभी तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं किया गया है.

उन्होंने कहा, “कानून अब आगे कानूनी कदम उठा रहे हैं और एक अपील पहले ही दायर की जा चुकी है.”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “फैसला गोपनीय है और इसे केवल कानूनी टीम के साथ साझा किया गया है. वे अब आगे कानूनी कदम उठा रहे हैं और एक अपील पहले ही दायर की जा चुकी है. हम इस मामले में कतरी अधिकारियों के साथ भी जुड़े रहेंगे.”

विदेश मंत्रालय कतरी अधिकारियों के साथ सक्रिय रूप से समन्वय कर रहा है और 7 नवंबर को कांसुलर पहुंच हासिल की है.

इसके अलावा, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पूर्व नौसेना कर्मियों के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की है, जिन्हें सजा सुनाई गई है.

बागची ने मीडिया ब्रीफिंग के दौरान बताया, “7 नवंबर को, दोहा में भारतीय दूतावास को बंदियों तक एक और कांसुलर पहुंच प्राप्त हुई.” उन्होंने कहा, “हम उनके परिवार के सदस्यों के भी संपर्क में हैं. विदेश मंत्री ने इस महीने की शुरुआत में परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी.”


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