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Friday, 17 May, 2024
होमविदेशअसमानता दूर करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत और सऊदी अरब प्रतिबद्ध: मोदी

असमानता दूर करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत और सऊदी अरब प्रतिबद्ध: मोदी

मोदी ने कहा कि दोनों देश सुरक्षा सहयोग, रक्षा उद्योगों में सहयोग पर समझौते करने की प्रक्रिया में हैं और एक व्यापक सुरक्षा संवाद तंत्र बनाने पर भी दोनों देश सहमत हैं.

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रियाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब दोनों ही देश अपने अपने पड़ोस को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताओं का सामना कर रहे हैं और उनके बीच आतंकवाद से मुकाबला करने सहित सुरक्षा के विभिन्न मुद्दों पर आपसी सहयोग अच्छी तरह आगे बढ़ रहा है.

एक प्रमुख आर्थिक सम्मेलन में भाग लेने और सऊदी अरब के शीर्ष नेतृत्व के साथ बातचीत करने के लिए सोमवार की रात यहां पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी ने एक साक्षात्कार में यह टिप्पणी की जो मंगलवार को ‘अरब न्यूज’ में प्रकाशित हुआ है.

मोदी ने किसी भी देश का जिक्र किए बिना कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत और सऊदी अरब जैसी एशियाई शक्तियां अपने अपने पड़ोस में समान रूप से सुरक्षा चिंताओं को साझा करती हैं.’

उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल की इस खाड़ी देश की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, ‘मुझे खुशी है कि विशेष रूप से आतंकवाद से लड़ने, सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों के क्षेत्र में हमारा सहयोग बहुत अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है. मेरे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अभी हाल ही में रियाद का दौरा किया, जो बेहद सार्थक रहा.’

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उन्होंने कहा, ‘रक्षा सहयोग पर हमारी एक संयुक्त समिति है जो नियमित बैठकें करती है. हमने रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में आपसी हित और सहयोग के कई क्षेत्रों की पहचान की है.’


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मोदी ने कहा कि दोनों देश सुरक्षा सहयोग, रक्षा उद्योगों में सहयोग पर समझौते करने की प्रक्रिया में हैं और एक व्यापक सुरक्षा संवाद तंत्र बनाने पर भी दोनों देश सहमत हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि असमानता दूर करने और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए भारत और सऊदी अरब जी20 के तहत मिलकर काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि एक रणनीतिक भागीदारी परिषद पर एक समझौते पर हस्ताक्षर के साथ विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे.

गौरतलब है कि सऊदी अरब, पाकिस्तान का एक प्रमुख सहयोगी है. पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप है.

पाकिस्तान के एक आतंकी समूह द्वारा जनवरी 2016 में पठानकोट में वायु सेना के एक ठिकाने पर किए गए हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता बंद है. भारत का कहना है कि वार्ता और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते.

भारत द्वारा अगस्त में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म किये जाने के बाद पाकिस्तान ने उसके साथ अपने राजनयिक संबंधों को कमतर कर दिया और भारतीय राजदूत को निष्कासित कर दिया.

कश्मीर मुद्दे पर सऊदी अरब का समर्थन हासिल करने की कोशिश में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कई बार रियाद जा चुके हैं.

उन्होंने कहा, ‘सऊदी अरब के साथ भारत के संबंध हमारे विस्तारित पड़ोस के सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय रिश्तों में से एक हैं.’

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की उच्च स्तरीय यात्रा जिसमें उनकी 2016 की यात्रा शामिल है, ने इस विशेष संबंध को और मजबूत किया है.


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उन्होंने कहा, ‘व्यापार, निवेश, सुरक्षा और रक्षा सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में हमारे संबंध मजबूत और गहरे हैं और रणनीतिक भागीदारी परिषद पर हस्ताक्षर के साथ यह और मजबूत होंगे.’

पश्चिम एशिया में चल रहे संघर्ष पर, मोदी ने कहा कि विवाद को सुलझाने के लिए एक दूसरे के आंतरिक मामलों में संप्रभुता और अहस्तक्षेप के सिद्धांतों का सम्मान करते हुये एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, ‘भारत इस क्षेत्र के सभी देशों के साथ उत्कृष्ट द्विपक्षीय संबंधों को साझा करता है. इस क्षेत्र में बहुत बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं, जिनकी संख्या 80 लाख से अधिक है. एक संवाद प्रक्रिया चलनी चाहिए, जो इस अति महत्त्वपूर्ण क्षेत्र में शांति और सुरक्षा लाने के लिए सभी हितधारकों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए महत्त्वपूर्ण है.

आर्थिक विकास पर, प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने एक व्यापार-अनुकूल वातावरण बनाने के लिए कई सुधार किए हैं और यह सुनिश्चित करने के भी प्रयास किए हैं कि यह वैश्विक विकास और स्थिरता का एक प्रमुख वाहक बना रहे.

उन्होंने कहा, ‘व्यापार करने में आसानी के लिए किए गए हमारे सुधारों और निवेशक-अनुकूल पहलों को शुरू करने से विश्व बैंक के कारोबार सुगमता सूचकांक में हमारी स्थिति को बेहतर बनाने में योगदान दिया है, जो 2014 में 142 था, वह सुधरकर 2019 में 63 हो गया है.’ प्रधानमंत्री ने कहा कि मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत, स्मार्ट सिटी और स्टार्टअप इंडिया जैसी कई प्रमुख पहलें विदेशी निवेशकों को ढेर सारे अवसर प्रदान कर रही हैं.

मोदी ने कहा, ‘हम अपनी अवसंरचना संबंधी परियोजनाओं में अधिक से अधिक सऊदी निवेशों का स्वागत करते हैं, जिसमें स्मार्ट सिटीज कार्यक्रम भी शामिल है. हम राष्ट्रीय निवेश और अवसंरचना कोष में निवेश करने में सऊदी अरब की रुचि का भी स्वागत करते हैं.’

यह प्रधानमंत्री मोदी की इस खाड़ी देश की दूसरी यात्रा है. 2016 में अपनी पहली यात्रा के दौरान, किंग सलमान ने उन्हें सऊदी के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया था. क्राउन प्रिंस ने फरवरी 2019 में भारत का दौरा किया था, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिली है.

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