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Friday, 3 May, 2024
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‘गेम ओवर’: फवाद चौधरी का अगला ‘विक्टिम’ कौन- इमरान खान? पाकिस्तान के लोगों ने ऐसा क्यों कहा

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत अन्य पार्टियों के करीब 100 से ज्यादा सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए जिसे नेशनल एसेंबली में पेश किया गया है.

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नई दिल्ली: पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए इन दिनों कुछ भी सही नहीं चल रहा है. पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने खान के खिलाफ महंगाई को कम न कर पाने की उनकी अक्षमता और अन्य वजहों के चलते अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है.

इमरान खान पाकिस्तान के तीसरे प्रधानमंत्री हैं जिनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इससे पहले शौकत अज़ीज़ और बेनज़ीर भुट्टो के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था. इस कदम को उनके समर्थक ‘विदेशी साजिश’ बता रहे हैं और प्रधानमंत्री इमरान खान का समर्थन कर रहे हैं.

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ (पीएमएल-एन), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत अन्य पार्टियों के करीब 100 से ज्यादा सांसदों ने अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए जिसे नेशनल एसेंबली में पेश किया गया है.

हालांकि इस बीच इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कई नेता उनके समर्थन में आए हैं लेकिन आईबी मंत्री फवाद चौधरी ने जो कहा है, वो चर्चा का विषय है.

पाकिस्तान के विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधते हुए चौधरी ने ट्वीट किया, ‘इस देश में एक ही नेता हैं- इमरान खान.’

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लेकिन ट्विटर यूजर्स ने चौधरी को निशाने पर लिया है. बाबर खान ने ट्वीट कर कहा कि इमरान खान के लिए फवाद चौधरी ने जो कहा, वो इससे पहले पांच और नेताओं के लिए कह चुके हैं. वहीं उमर खालिद ने चौधरी पर तंज करते हुए कहा कि अब उनका अगला ‘विक्टिम’ कौन होगा.


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क्या बच पाएगी इमरान खान की सरकार

इस बात में कोई दोराय नहीं है कि विपक्षी पार्टियों ने इमरान खान को घेर लिया है. वरिष्ठ सांसदों जो नौ अलग-अलग पार्टियों से ताल्लुक रखते हैं, जिसमें अहम तौर पर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) शामिल है. पीडीएम के अध्यक्ष फजल-उर रहमान ने 11 फरवरी को ऐलान किया था कि वो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे.

इमरान खान सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव पाकिस्तानी मीडिया में सबसे बड़ा चर्चा का विषय है. डॉन ने अपने संपादकीय– ‘रॉकी रोड फॉर पीएम ‘, में लिखा कि इमरान खान अपनी पार्टी के भीतर से ही सबसे बड़े खतरे को झेल रहे हैं.

संपादकीय के अनुसार, ‘वास्तव में, मौजूदा सरकार के पास विद्रोही सांसदों को अपने साथ लाने और विपक्ष में दरार पैदा करने का पर्याप्त ताकत है लेकिन अब प्रधानमंत्री के लिए अपने और अपने पुराने दोस्तों जहांगीर तारिन और अलीम खान के बीच पैदा की गई खाई को पाटना लगभग असंभव है.’

संपादकीय के मुताबिक इससे पहले पाकिस्तान के दो प्रधानमंत्रियों- 2006 में शौकत अज़ीज़ और 1989 में बेनज़ीर भुट्टो के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था लेकिन दोनों को ही इसमें जीत हासिल हुई थी.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार सत्तारूढ़ पीटीआई के पास पर्याप्त आंकड़े होने के बावजूद विपक्षी दल अविश्वास प्रस्ताव में जीत सकते हैं.

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, ‘विपक्ष ‘शक्तिशाली हलकों’ से तटस्थता की मांग कर रहा है. हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि ‘शक्तिशाली हलके’ अभी भी स्थिति को पूरी तरह से बदल सकते हैं यदि वे अपने राजनीतिक प्रबंधन को जारी रखना शुरू कर देते हैं जैसा कि उन्होंने पीटीआई के सत्ता में आने के बाद कई मौकों पर किया था.’

अविश्वास प्रस्ताव पर जीओ न्यूज़ पर एक कार्यक्रम में एक विशेषज्ञ ने इस बात की ओर इशारा किया कि पीपीपी नेता आसिफ अली जरदारी की इस मसले पर अहम भूमिका होने वाली है और चौधरियों के साथ उनके अच्छे रिश्ते हैं. बोल न्यूज़ ने भी इस मामले पर एक कार्यक्रम किया.


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पीटीआई का विश्वास और उसको मिलता समर्थन

अविश्वास प्रस्ताव आने के बाद इमरान खान सरकार की तरफ से आ रही प्रतिक्रियाओं से यही लग रहा है कि वो अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं. पीटीआई के कई नेता प्रधानमंत्री खान के समर्थन में उतरे हैं और ट्विटर पर हैशटैग #IStandWithImranKhan से ट्वीट कर रहे हैं.

राजनीतिक मसलों पर प्रधानमंत्री इमरान खान के स्पेशल एसिस्टेंट डॉ. शहबाज़ गिल ने ट्वीट कर कहा, ‘हम विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का स्वागत करते हैं. इमरान खान का अपने देश के लिए संदेश है कि वह इस खरीद-फरोख्त से हर हाल में लड़ेंगे. इमरान खान इन चोरों को कभी एनआरओ नहीं देंगे. खान के साथ पूरा देश खड़ा है.’

विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, ‘अविश्वास प्रस्ताव पेश करना विपक्ष का संवैधानिक अधिकार है लेकिन हम उन्हें हरा देंगे.’

आईबी राज्य मंत्री फारूख हबीब ने ट्वीट कर कहा, ‘पीएम इमरान खान उन्हें (विपक्ष) हरा देंगे और आगे से वो अविश्वास प्रस्ताव का नाम तक भूल जाएंगे.’

पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख राशिद ने भी इमरान खान का समर्थन किया. एआईवाई न्यूज़ पर उन्होंने कहा, ‘इंशाअल्लाह इमरान खान जीतेंगे.’

इमरान खान के उस दावे पर कि पाकिस्तान की सेना कभी भी अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेगी, इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पत्रकार नायला इनायत ने ट्वीट कर लिखा, ‘तुम से पहले वो जो एक शख्स यहां तख्त नशीं था, उस को भी आर्मी की सपोर्ट पे इतना ही यकीन था ‘.

इनायत ने यह भी बताया कि कैसे संघीय शिक्षा मंत्री शफकत महमूद ने ट्वीट कर कहा था कि इमरान खान के खिलाफ विपक्ष की मदद अमेरिका और यूरोपियन यूनियन कर रहे हैं लेकिन बाद में उन्होंने अपना ट्वीट हटा लिया.


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विपक्ष का कहना- गेम ओवर

विपक्षी दलों के समर्थन में भी काफी लोग हैं जो हैशटैग #GameOverIK चला रहे हैं.

पीपीपी अध्यक्ष बिलावट भुट्टो जरदारी ने ट्वीट कर अवामी मार्च की तस्वीरें साझा कीं और कहा कि पिछले 10 दिनों से लोग सच के साथ मार्च कर रहे हैं. भुट्टो ने कहा, ‘इमरान खान, आपका समय अब खत्म हुआ’.

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, जरदारी ने संसद भवन के सामने डी-चौक पर मंगलवार रात को संबोधित किया और कहा, ‘मैं पीटीआई सरकार के सभी सहयोगियों, समर्थकों को ‘कठपुतली’ प्रधानमंत्री को बचाने के लिए राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी देता हूं. यह आपके लिए आखिरी मौका है… यह दिखाने का कि आप देश के लोगों के साथ खड़े हैं.’

ट्विटर पर विपक्ष के ज्यादातर समर्थकों ने अवामी मार्च में जमा हुई भीड़ की फोटो साझा की, जबकि सबा हैदर नाम की यूजर ने ट्वीट किया: ‘लोकतंत्र सबसे अच्छा बदला है.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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