नई दिल्ली : नई दिल्ली और माले के बीच संबंधों में खटास के बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने शुक्रवार को दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के इतर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक की.
भारतीय विदेश मंत्रालय (एमईए) और मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय के बयानों से संकेत मिलता है कि दोनों नेता अपने देशों के बीच विकास व आर्थिक सहयोग को और मजबूत करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति गठित करने पर सहमत हुए हैं.
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय से एक बयान के मुताबिक, “दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि की. उन्होंने दोनों देशों के बीच विकास और आर्थिक सहयोग, लोगों के बीच संपर्क के महत्व पर भी प्रकाश डाला और इसे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की, जिसमें एक उच्चस्तरीय समिति बनाना भी शामिल है.”
भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में इस समिति को “कोर ग्रुप” कहा गया है.
यह तब सामने आया है जब मुइज्जू ने द्वीप राष्ट्र के नेता के तौर पर अपने पहले भाषण में भारतीय सैनिकों समेत अपने देश से सभी विदेशी सैन्यकर्मियों को हटाने की शपथ ली है.
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उन्होंने देश के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष शपथ लेने के बाद कहा, “मालदीव में देश का कोई भी विदेशी सैन्यकर्मी नहीं होगा. जब हमारी सुरक्षा की बात आएगी तो मैं एक लाल रेखा खींचूंगा. मालदीव बाकी देशों की लाल रेखाओं का भी सम्मान करेगा.”
नवंबर के मध्य में, पीएम मोदी ने माले में मुइज्जू के शपथ ग्रहण समारोह में न जाने का फैसला किया था, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने हिस्सा लिया था. मुइज्जू और रिजिजू के बीच एक बैठक के दौरान, मुइज्जू ने अपनी मांग दोहराई कि नई दिल्ली को द्वीप राष्ट्र से अपनी सैन्य उपस्थिति वापस लेनी चाहिए.
नवंबर के अंत में, मालदीव के राष्ट्रपति और प्रथम महिला, तुर्की की आधिकारिक यात्रा के लिए रवाना हुए, पिछले राष्ट्रपतियों के विपरीत, जो परंपरागत रूप से पद संभालने के बाद अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे.
2018 में, जब इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने राष्ट्रपति चुनाव जीता, तो उनकी पहली विदेश यात्रा नई दिल्ली की थी. उन्हें और उनकी पत्नी को उनकी यात्रा के दौरान भारतीय राष्ट्रपति के निवास, राष्ट्रपति भवन में रहने के लिए भी आमंत्रित किया गया था – जो आमतौर पर करीबी मेहमानों के लिए रिजर्व होने होता है. सोलिह के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी भी उपस्थित हुए थे.
2013 में जब अब्दुल्ला यामीन चुनाव जीते तो उनकी भी पहली यात्रा भारत की ही थी.
‘मुइज्जू के नेतृत्व में मालदीव-चीन संबंध फूलते-फलते रहेंगे’
COP28 शिखर सम्मेलन के इतर, मालदीव के राष्ट्रपति ने चीनी प्रथम उप-प्रधानमंत्री डिंग ज़ुएज़ियांग के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की.
मालदीव सरकार के एक बयान के अनुसार, मुइज्जू ने माले और बीजिंग के बीच संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा जताई, और कहा कि चीन द्वीप देश के “सबसे महत्वपूर्ण विकास भागीदारों में से एक” है.
मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय से एक बयान के मुताबिक, “बैठक में, राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू ने मालदीव और चीन के बीच संबंधों को और मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की. यह कहते हुए कि चीन मालदीव के सबसे महत्वपूर्ण विकास भागीदारों में से एक है, राष्ट्रपति ने आने वाले सालों में मालदीव के विकास के लिए चीनी सहयोग बढ़ाने की आशा जताई.“
बयान में कहा गया है कि, चीनी अधिकारी ने आशा जताई कि द्विपक्षीय संबंध “राष्ट्रपति डॉ. मुइज्जू के कार्यकाल के दौरान फलते-फूलते रहेंगे.”
(अनुवाद और संपादन : इन्द्रजीत)
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