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Monday, 23 December, 2024
होमविदेशअमेरिका ने जताई उम्मीद, कहा- यूक्रेन पर रूसी हमले की सूरत में साथ देगा भारत

अमेरिका ने जताई उम्मीद, कहा- यूक्रेन पर रूसी हमले की सूरत में साथ देगा भारत

प्राइस ने कहा, ‘बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक-शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है. क्वाड नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर है.’

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वाशिंगटन: अमेरिका ने बुधवार को कहा कि भारत नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है. साथ ही अमेरिका ने उम्मीद जताई कि अगर रूस यूक्रेन पर आक्रमण करता है तो भारत अमेरिका का साथ देगा.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बताया कि चार देशों (क्वाड) के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में ऑस्ट्रेलिया की राजधानी मेलबर्न में हुई बैठक में रूस और यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई. भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के विदेश मंत्री इस बैठक में शामिल हुए थे.

प्राइस ने कहा, ‘बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक-शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है. क्वाड नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर है.’

प्रवक्ता ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘नियम आधारित व्यवस्था हिंद प्रशांत क्षेत्र में समान रूप से लागू होती है, जैसे कि यह यूरोप में है या अन्य कहीं है. हम जानते हैं कि हमारे भारतीय साझेदार नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्ध है. इस व्यवस्था में अनेक नियम हैं, उनमें से एक यह है कि बल के जरिए सीमाओं का पुनर्निर्धारण नहीं हो सकता.’

भारत सहित अन्य पड़ोसियों के खिलाफ चीन के आक्रामक रुख का प्रत्यक्ष जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘बड़े देश छोटे देशों को परेशान नहीं कर सकते. किसी देश के लोग अपनी विदेश नीति, अपने साझेदार, गठबंधन सहयोगी आदि चुनने के हकदार हैं. ये सिद्धांत यूरोप की भांति हिंद प्रशांत क्षेत्र में भी समान रूप से लागू होते हैं.’

प्राइस ने कहा कि अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन उन्होंने इस बात पर कुछ भी बोलने से परहेज किया कि क्या ‘काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शन्स’ मामले पर भी कोई चर्चा हुई या नहीं.

भाषा शोभना सिम्मी

सिम्मी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.


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