वाशिंगटन: अमेरिका के रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन के एक शीर्ष अधिकारी ने अमेरिकी सांसदों से कहा कि अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति को लेकर भारत चिंतित है.
नीतिगत मामलों के लिए अवर रक्षा सचिव कॉलिन एच कहल ने अफगानिस्तान, दक्षिण एवं मध्य एशिया सुरक्षा पर सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा, ‘मुझे यकीन है कि आप इस बात से अवगत हैं कि वे (भारतीय) अफगानिस्तान की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. वे वहां की अस्थिरता और आतंकवाद विरोधी अपनी चिंताओं को लेकर परेशान हैं.’
कहल ने कहा, ‘वे (भारतीय) इन मुद्दों पर हमारे साथ काम करना चाहते हैं, खुफिया जानकारी साझा करने समेत जहां भी हम उन्हें सहयोग कर सकते हैं. यह हमें न केवल अफगानिस्तान के संबंध में और आतंकवाद के खिलाफ, बल्कि हिंद महासागर और हिंद-प्रशांत में व्यापक क्षेत्रीय सुरक्षा विषयों पर भारत के साथ सहयोग के अवसर प्रदान करता है.’
कहल ने यह बयान सीनेटर गैरी पीटर्स के एक सवाल के जवाब में दिया.
उन्होंने कहा, ‘अफगानिस्तान के प्रति भारत की नीतियों की कल्पना बड़े पैमाने पर पाकिस्तान के साथ प्रतिस्पर्धा और छद्म संघर्ष को ध्यान में रखकर की जाती है. यह भी एक कारण है कि भारत को इस आशंका को लेकर कम चिंतित नहीं होना चाहिए कि तालिबान सरकार, भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों को फायदा पहुंचा सकती है, खासकर जो कश्मीर के आसपास हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इस महत्वपूर्ण भागीदार के साथ संयुक्त सहयोग तथा मिलकर काम करने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और यह तथ्य कि भारत, अमेरिका का एकमात्र नामित प्रमुख रक्षा भागीदार है,….मेरा मानना है कि हमारे लिए यह समझना महत्वपूर्ण है कि अफगानिस्तान के प्रति उसका दृष्टिकोण कैसा है और आगे कैसा रहेगा.’
सीनेटर जैक रीड के एक अन्य सवाल के जवाब में कहल ने कहा कि पाकिस्तान एक चुनौतीपूर्ण भूमिका पेश करता है, लेकिन वह नहीं चाहता कि अफगानिस्तान आतंकवादी हमलों या बाहरी हमलों के लिए सुरक्षित पनाहगाह बने.
यह भी पढ़े: अफगानिस्तान के मामले में इमरान खान और शी जिनपिंग की एक राय, मानवीय-आर्थिक सहायता भेजने की अपील की