पेरिस: पैगंबर मोहम्मद का कार्टून छापने के बाद 2015 में इस्लामिक चरमपंथियों के हमले का शिकार बनी फ्रांस की व्यंग्यात्मक पत्रिका ‘शार्ली हेब्दो’ एक बार फिर उनके कार्टून छाप रही है. उसने घोषणा की है, ‘इतिहास को दोबारा नहीं लिखा जा सकता न ही मिटाया जा सकता है.’
यह घोषणा मंगलवार को की गई. यह जनवरी 2015 में ‘शार्ली हेब्दो’ और उसके दो दिन बाद कोशर सुपर मार्केट में हुए हमलों के लिए चल रहे पहले मुकदमे की पूर्व संध्या पर हुई है.
इन हत्याओं ने पूरे यूरोप में इस्लामिक स्टेट संगठन द्वारा हिंसा की नयी लहर शुरू कर दी थी. पत्रिका के कार्यालयों में 12 लोगों समेत 17 लोग मारे गए थे. इनमें तीनों हमलावर भी शामिल थे.
बुधवार से शुरू हो रहा मुकदमा 13 पुरुषों और एक महिला के खिलाफ चलेगा जिन पर हथियार एवं अन्य साजो-सामान उपलब्ध कराने का आरोप है. इस हफ्ते हास्य चित्रों के साथ प्रकाशित एक संपादकीय में, पत्रिका ने कहा कि भले ही हमलों के बाद से उसने मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित करने से इनकार किया था लेकिन मुकदमा शुरू होने के कारण ऐसा करना जरूरी था.
संपादकीय में कहा गया, ‘यह राजनीतिक या पत्रकारीय कायरता से नहीं उपजा है.’
हमलावर, भाई शेरिफ और सैद कोआची ने नरसंहार के बाद जोर से चिल्लाकर कहा था, ‘हमने पैगंबर का बदला लिया है.’
अल-कायदा के नाम पर हमला किए जाने का दावा करते हुए उन्होंने फिर एक घायल पुलिसकर्मी की बेहद करीब से गोली मारकर हत्या कर दी थी और वहां से फरार हो गए.
दो दिन बाद, जेल के उनके एक सहयोगी ने यहूदी सब्बात की पूर्व संध्या पर कोशर सुपर मार्केट पर हमला कर, चार बंधकों की हत्या कर दी थी और इस्लामिक स्टेट संगठन से अपना संबंध बताया था.