कोलंबो: कोलंबो की सड़कों पर रात के समय अंधेरा छाया रहता है और बिजली बचाने के लिए स्ट्रीट लाइट बंद कर दी जाती हैं. लेकिन अक्सर ही किसी होटल, किसी फैंसी रेस्तरां या फिर बहुमंजिले अपार्टमेंट की रोशनी अंधेरे की चादर को चीरती नजर आती है और यह याद दिला देती है कि बंद दरवाजों के पीछे शहर में अभी भी उन लोगों के लिए वो अय्याशियां—कैसीनो और क्लब आदि—जारी हैं जो इसका खर्च उठा सकते हैं.
बिजली कटौती की बात छोड़ दी जाए तो कोलंबो का उच्च-मध्यम और अभिजात वर्ग आम तौर पर श्रीलंका में चल रहे आर्थिक संकट से काफी हद तक अप्रभावित ही रहा है. लेकिन ‘प्रभावित’ होने वाले लोगों के बीच भी हर कोई समान रूप से पीड़ित नहीं है. होटल और बहुमंजिले अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स, जो वहन कर सकते हैं, ने अपने जनरेटर और पावर बैकअप के सुचारू रूप काम करने के लिए पर्याप्त ईंधन का स्टॉक कर रखा है.
कोलंबो के एक अपमार्केट पब चीयर्स में कुछ लोगों के बारे में चर्चा करने के लिए लोग अपनी आवाज एकदम धीमी करके कानाफूसी करने लगते हैं. आर्थिक संकट के दौरान भी श्रीलंकाई अभिजात वर्ग अपना पैसा कैसे खर्च कर रहा है, इस पर बात करते हुए कोई कहता है, ‘मैं समझ सकता हूं कि वह आदमी अपने बच्चों का पेट भरने के लिए चोरी कर रहा है, न कि मालदीव में कोई द्वीप खरीदने के लिए.’ वे नहीं चाहते कि दूसरों को यह पता चल सके कि वे किसके बारे में बात कर रहे हैं- आज श्रीलंका में राजपक्षे और उनके नजदीकी सहयोगियों के खिलाफ जबर्दस्त आक्रोश है लेकिन कोई भी सार्वजनिक रूप से उनके बारे में बुरा-भला कहने से डरता है.
समाजी जन बलवेगया युवा विंग के उपाध्यक्ष और वेलिगामा शहर के पूर्व गवर्नर रेहान जयविक्रमे कहते हैं, ‘उच्च मध्यम वर्ग और अभिजात वर्ग को राजपक्षे सरकार का समर्थन करने वालों और वैध तरीके से धन कमाने वालों में विभाजित किया जा सकता है. अमीरों का तो अधिकांश धन वैसे भी विदेशों में जमा है. उच्च-मध्यम वर्ग, जो अच्छे इंसानों में शुमार है, को जरूर थोड़ी दिक्कत महसूस हो रही है क्योंकि वे जिस जीवनशैली के आदी हैं, वह स्पष्ट तौर पर प्रभावित हुई है.’
मौजूदा आर्थिक संकट के बीच लोगों– ऊपर वाले तबके के सदस्यों सहित- की शाह खर्ची पर लगाम लगी है. लेकिन जो लोग इसे वहन कर सकते हैं, उनके लिए जीवन अभी भी पहले की तरह ही चल रहा है. एक सरसरी नजर डालने पर ही पता चलता है कि शहर भर के नाइट क्लबों में कई लाइव इवेंट, परफॉर्मेंस और पार्टियों का दौर चलता रहता है, और वन गॉल फेस मॉल जैसे लक्जरी प्रतिष्ठान खुले हैं और वहां लोगों की आवाजाही में भी कोई खास कमी नहीं दिखती है. चीयर्स जैसे बार की शामें भी पहले ही तरह ही गुलजार हैं.
श्रीलंका का कुलीन और कैसीनो पर्यटन
यद्यपि श्रीलंका अपनी रिपोर्ट में कम गरीबी दर का दावा करता है, आय में असमानता का स्तर केवल बढ़ा ही है. इस द्वीप राष्ट्र की कुल घरेलू आय का आधे से अधिक हिस्सा सबसे अमीर 20 प्रतिशत लोगों के पास जाता है. कुछ रिपोर्टों का अनुमान है कि राज्य के बजट का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा राजपक्षे सरकार में मंत्रियों द्वारा नियंत्रित किया जाता रहा है—निश्चित तौर पर पिछले सप्ताह राजनीतिक संकट के बीच कैबिनेट के इस्तीफा देने से पहले तक.
पूर्व सरकारी अधिकारियों का आरोप है कि राजपक्षे परिवार ने अपनी कई अरब डॉलर की संपत्ति दुबई, सेशेल्स और सेंट मार्टिन के बैंक खातों में छिपाई है. उदाहरण के तौर पर पैंडोरा पेपर्स के मुताबिक, निरुपमा राजपक्षे (परिवार की एक सदस्य और पूर्व सांसद) और उनके पति थिरुकुमार नदेसन ने अमूल्य कलाकृतियों और संपत्ति सहित 18 मिलियन डॉलर की ऑफशोर होल्डिंग्स अर्जित की थी. राजपक्षे परिवार के कम से कम आठ सदस्यों और उनके समर्थकों पर गबन और भ्रष्टाचार जैसे अपराधों का आरोप लगा है, और अधिकारियों की तरफ से इनकी जांच की जा रही है.
महामारी ने इन असमानताओं को बढ़ाया ही है- और जैसे ही काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर अर्थव्यवस्था पटरी से उतरी, एकाधिकार वाले कई व्यवसाय इसका लाभ उठाने लगे.
पिछले कुछ महीनों आर्थिक संकट लगातार बढ़ने के बावजूद कोलंबो में कैसिनो लगातार खुल रहे हैं, ईंधन की खासी कमी, लगातार बिजली कटौती और बौद्ध भिक्षुओं के विरोध के बावजूद इन्हें 24 घंटे खोलने का इंतजाम किया गया है. श्रीलंका में कैसिनो स्थानीय अर्थव्यवस्था के लिए एक दुधारू गाय हैं. हर हफ्ते सैकड़ों पर्यटक यहां आते हैं, जिनमें से अधिकांश भारत से आते हैं. ऐसे कई कैसिनो पैकेज भी उपलब्ध हैं जिन्हें पर्यटक बुक कर सकते हैं, जिसमें फ्लाइट टिकट और होटल में ठहरने की सुविधा भी शामिल होती है.
बाली कैसीनो कोलंबो के मुख्य आकर्षणों में से एक है. इसके अंदर, जीवन सामान्य रूप से चल रहा है. पर्यटकों के तमाम समूह कुछ हाई-प्रोफाइल श्रीलंकाई लोगों से मिलते हैं. यूक्रेनी डांसर्स का नृत्य रात भर चलता रहता है. यहां का प्रबंधन कई खिलाड़ियों को निजी तौर पर पहचानता है जो नियमित तौर पर यहां जुआ खेलने आते हैं और इनमें भारत के विभिन्न हिस्सों से महीने में दो बार फ्लाइट लेकर यहां आने वाले भी शामिल हैं.
भारतीय पर्यटकों के एक समूह ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने श्रीलंका में बहुत अच्छा समय बिताया है. मुंबई से आए एक यात्री का कहना था, ‘जब हमने यहां की स्थिति के बारे में सुना तो आने को लेकर हिचकिचाहट हो रही थी. लेकिन हमारे ट्रैवल एजेंट ने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं हैं. मुझे खुशी है कि हम यहां आए, और हमने बहुत अच्छा समय बिताया. हमें किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं हुई.’
एक अन्य लोकप्रिय कैसिनो मरीना में मौजूद एक स्थानीय व्यवसायी को वहां होने को लेकर थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हो रही थी. उसका कहना था, ‘मुझे बुरा लग रहा है लेकिन क्या करूं. मनोरंजन के लिए आखिर कहां जाऊं.’
यह भी पढ़ें : श्रीलंका में चीन को मात देने की कोशिश करने के बजाए भारत को खेल का रुख बदलने की जरूरत है
हालात पर नियंत्रण बनाए रखने की कोशिशें
हालांकि, आसमान छूती कीमतों और ईंधन की कमी से निपटने के लिए कैसिनो को कुछ चीजों में समझौते करने पड़े हैं. उदाहरण के तौर पर बाली अभी केवल एक टूर पैकेज प्रदान करता है और वे आमतौर पर शानदार भोजन और बेहतरीन आवभगत की गारंटी नहीं दे सकते.
साथी ही यह भी स्पष्ट करते हैं कि लगातार बदलती कीमतों से उनके कस्टमर के खेल पर असर नहीं पड़ना चाहिए. बाली के मार्केटिंग के डिप्टी हेड टेल्स लॉय कहते हैं, ‘हम कोई फॉरेन एक्सचेंज नहीं हैं. हम विभिन्न मुद्राएं स्वीकार करते हैं.’ उनके बगल में बैठे एक चीनी सज्जन ने जुए में अपने दांव की शुरुआत 1.5 लाख रुपये के साथ की है.
लॉय कहते हैं, ‘हम विदेशी लोगों की आवभगत कर रहे हैं, और हम नहीं चाहते कि वे बाहरी चीज़ों से प्रभावित हों. यहां चाहे कुछ भी चल रहा हो, हम नहीं चाहते कि इसे लेकर उनमें कोई नकारात्मक भाव आए.’
दिसंबर 2021 में महामारी के बाद बाली को फिर खोल दिया गया और तबसे हर दिन औसतन 500 से 600 लोग यहां आते हैं. सप्ताहांत में यह संख्या करीब 1,000 तक पहुंच जाती है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, चीन और मध्य पूर्व के पर्यटक शामिल होते हैं. यह 24 घंटे खुला रहता है और यहां बिजली के लिए जनरेटर चालू रखने में प्रति घंटे 75 लीटर ईंधन की जरूरत होती है.
जनरल मैनेजर टोनी मैकमिलन कहते हैं, ‘बाली की वजह से श्रीलंका में पर्यटन आता है. संकट का दौर आने-जाने के बीच इसकी स्थिति स्थिर रही है. जब दिप्रिंट ने मैकमिलन से पूछा कि बाली आर्थिक संकट से कैसे निपट रहा है, तो उनका सवाल था, ‘कौन-सा?’
लोग हालात पर नजर रखे हैं
कैसिनो और क्लब स्थानीय अर्थव्यवस्था में थोड़ा-बहुत योगदान दे रहे हो सकते हैं, लेकिन अमीरों की आवाजाही बहुत अधिक नहीं है—और श्रीलंकाई इस पर ध्यान दे रहे हैं.
एक्टिविस्ट और कंसल्टेंट सरिता इरुगलबंदारा कहती हैं, ‘जब हम इस देश में धन-संपदा की बात करते हैं तो हमें राजनेताओं और उनके निकटतम समर्थकों के बारे में भी बात करनी पड़ती है. यहां तक कि महामारी के दौरान भी सरकार ने बड़े व्यवसायों का ख्याल रखते हुए उन्हें खुला रखा और उनकी जेबें भरने के लिए लोगों की जान जोखिम में डाल दी.’ इनमें से कुछ अरबपतियों ने अर्थव्यवस्था चालू रखने के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के फैसले के लिए उनका धन्यवाद भी दिया है.
उदाहरण के तौर पर, बाली कैसिनो श्रीलंकाई व्यवसायी धम्मिका परेरा का है, जो द्वीप देश के सबसे धनाढ्य लोगों में से एक है. वह प्रधानमंत्री राजपक्षे के मंत्रिमंडल के इस्तीफे के बाद वह पिछले सप्ताह वित्त मंत्रालय के नए सचिव बनने की दौड़ में थे. 2021 की रिपोर्टों के मुताबिक, परेरा के हेलेज समूह ने 2021 की पहली तिमाही में 6.4 बिलियन श्रीलंकाई रुपयों के लाभ के साथ लगभग 90 बिलियन श्रीलंकाई रुपये कमाए थे. श्रीलंकाई अरबपति ईशारा नानायकारा के स्वामित्व वाले एक अन्य समूह, एलओएससी ने 2021 में 4 अरब रुपये के मुनाफे के साथ 55 बिलियन श्रीलंकाई रुपये कमाए.
I’m losing my mind thinking about how much money the elite class in SL actually have. Stolen money. I can’t compute.
When I see numbers, it doesn’t make much sense to me, I need to visualize it. Look at the way they are living here, I cannot process pic.twitter.com/pLHbAfyglh
— Emmz?? (@Pineapples911x) April 5, 2022
सेनुरा यापा सेनादिपति, जिनके पिता निसानका सेनाधिपति राजपक्षे के करीबी हैं, ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरीज पर उन्हें और उनके परिवार को परेशान किया जाना बंद करने की अपील की है. सेनाधिपति समुद्री सुरक्षा से जुड़ी एक प्रभावशाली कंपनी अवंत-गार्डे के अध्यक्ष हैं, और हाल ही में उन पर श्रीलंकाई संसद के एक सदस्य ने जनता के पैसे की चोरी का आरोप लगाया था. उनका परिवार इस हफ्ते के शुरू में देश से मालदीव रवाना हो गया था.
अन्य लोगों ने भी जरूरत पड़ने पर श्रीलंका से निकलने के लिए अपना एग्जिट प्लान बनाना शुरू कर दिया है. इस बीच, तमाम मांएं तनाव दूर करने के लिए बच्चों के लिए प्लेडेट्स की योजना बना रही हैं, और तमाम संपन्न जोड़ों ने मौजूदा हालात से विचलित होने से बचने के लिए स्टेकेशन की बुकिंग की है.
अब एक बार फिर लौटते हैं चीयर्स पब में, जहां खुसपुसाहट भरे स्वर में बातचीत जारी है. एक महिला का कहना है कि उसे अपना घर बनाने के लिए टाइल जैसा कच्चा माल आयात करने में मुश्किल हो रही हैं और वह बढ़ी हुई कीमतों को लेकर चिंता जताती है. किसी और ने बताया कि उन्होंने अपना एक्ट्रा जनरेटर अपने बच्चे के स्कूल को दान कर दिया है. यहां प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के आधिकारिक आवास टेंपल ट्रीज पर प्रस्तावित एक विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की बात भी कही जा रही है.
हर कोई अपने विशेषाधिकार के बारे में जानता तो है, लेकिन उसे यह नहीं पता कि इसका इस्तेमाल कैसे क्या होता है.
श्रीलंकाई नागरिकों पर मौजूदा आर्थिक संकट की मार पर वंदना मेनन की तीन पार्ट की सीरिज ‘पैराडाइज लॉस्ट’ की यह दूसरी कड़ी है.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें : क्या चीन की ‘कर्ज-जाल कूटनीति’ ने पाकिस्तान, श्रीलंका को संकट में डाला, लेकिन ये वजह नहीं