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शनिवार, 10 मई, 2025
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गोनोरिया और सिफलिस का निदान दशकों में अपने उच्चतम स्तर पर, इन एसटीआई के बारे में जानने की जरूरत

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(सुसान वॉकर रीडर, गर्भनिरोधक, प्रजनन और यौन स्वास्थ्य, एंग्लिया रस्किन यूनिवर्सिटी)

कैंब्रिज, 12 जून (द कन्वरसेशन) यूके स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि गोनोरिया और सिफलिस के मामले पिछले वर्ष में बढ़े हैं। यह और भी आश्चर्यजनक है कि गोनोरिया की दर 1918 में रिकॉर्ड दर्ज शुरू होने के बाद से सबसे अधिक है।

गोनोरिया महामारी से पहले प्रति वर्ष 71,133 निदान से बढ़कर 2022 में 82,592 हो गया है। अब यह क्लैमाइडिया के बाद दूसरा सबसे अधिक पाया जाने वाला एसटीआई है। 15-24 आयु वर्ग के लोगों में गोनोरिया की दर पिछले वर्ष की तुलना में 2021 में लगभग दोगुनी हो गई। सिफलिस, जो 2000 के दशक की शुरुआत में यूके में लगभग न के बराबर था, 2022 में इसके मामले बढ़कर 8,692 हो गए।

इन दोनों यौन संचारित संक्रमणों का विक्टोरियन समाज में प्रचलन था। सिफलिस को एक गंभीर संक्रमण के रूप में देखा जाता था क्योंकि इसके लक्षण दिखाई देते हैं और इससे पीड़ित व्यक्ति दुर्बल हो जाता है। लेकिन परीक्षण और एंटीबायोटिक उपचार के आगमन के बाद ज्यादातर लोग इस बीमारी और इसके जोखिम के बारे में भूल गए।

बीमारी के लक्षण

गोनोरिया

गोनोरिया गोनोकोकस नामक एक छोटे गोल बैक्टीरिया के कारण होता है जो पुरुषों में मूत्रमार्ग, वृषण, प्रोस्टेट और गुदा और महिलाओं में योनि, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भ और गुदा को संक्रमित करता है। यह असुरक्षित यौन संबंध के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है।

इलाज न किया जाए तो यह मवाद से भरे डिस्चार्ज या ‘‘ड्रिप’’ का कारण बनता है और पेशाब करते समय तेज दर्द होता है। महिलाओं में लक्षण कम स्पष्ट हो सकते हैं, लेकिन इसमें पानी जैसा, हरा, पीला या कभी-कभी खून से सना स्राव और पेशाब करते समय दर्द शामिल है।

यदि संक्रमण गर्भ और अंडाशय तक फैल जाता है तो यह श्रोणि सूजन की बीमारी का कारण बनता है। लक्षणों में बुखार और पेट दर्द शामिल हैं। पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज का इलाज किया जा सकता है, लेकिन संक्रमण के कम होने के बाद भी लंबे समय तक जटिलताएं हो सकती हैं – जिनमें प्रजनन संबंधी समस्याएं और एक्टोपिक गर्भधारण की अधिक संभावना शामिल है।

गोनोरिया का एंटीबायोटिक दवाओं द्वारा आसानी से इलाज किया जाता था। लेकिन पिछले दस वर्षों में, दुनिया भर में (यूके सहित) कई अत्यधिक दवा प्रतिरोधी उपभेदों का पता चला है, जिससे कुछ संक्रमणों का इलाज मुश्किल हो गया है।

दवा प्रतिरोधी प्रभाव तब हो सकता है जब किसी संक्रमण का आंशिक रूप से गलत एंटीबायोटिक के साथ इलाज किया जाता है, या यदि कोई व्यक्ति संक्रमण पूरी तरह से समाप्त होने से पहले उपचार बंद कर देता है।

एक वास्तविक और भयावह जोखिम है कि गोनोरिया एक बार फिर लाइलाज हो सकता है, जैसा कि 19वीं शताब्दी में था।

इस कारण से, यदि आप किसी भी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं तो इसका निदान और उपचार करवाना आवश्यक है। वर्तमान उपचार में संक्रमण को समाप्त करने के लिए करीबी अनुवर्ती कार्रवाई के साथ-साथ एक एंटीबायोटिक का इंजेक्शन शामिल है।

सिफलिस

गोनोरिया की तुलना में सिफलिस बहुत कम आम है, लेकिन इससे बहुत अधिक नुकसान हो सकता है।

संक्रमण एक छोटे सर्पिल जीवाणु के कारण होता है जिसे ट्रेपोनिमा पैलिडम कहा जाता है। उपचार के बिना, यह जीवाणु शरीर में रहता है और जटिलताओं का कारण बन सकता है जो संक्रमण के 20 साल या उससे अधिक समय बाद हो सकता है।

यह गर्भ में माँ से बच्चे में भी जा सकता है, और मृत शिशु पैदा होने या जन्मजात सिफलिस का कारण बन सकता है। इसका मतलब है कि बच्चा सिफलिस से संक्रमित पैदा हुआ है और बचपन में संक्रमण की अप्रिय जटिलताओं को विकसित कर सकता है। यूके में हर गर्भवती महिला की सिफलिस के लिए जांच की जाती है। पता लगने पर मां का इलाज किया जाता है – जो बच्चे को भी नुकसान से बचाता है।

सिफलिस रोग के तीन चरणों का कारण बनता है। पहला चरण जननांगों या संक्रमित क्षेत्र पर दर्द रहित गांठ या अल्सर होता है। यह आमतौर पर कुछ ही हफ्तों में दूर हो जाता है। दूसरे चरण में पूरे शरीर पर दाने होते हैं, कभी-कभी गले में खराश और लसीका ग्रंथियों में सूजन के साथ।

ये लक्षण उपचार के बिना भी ठीक हो सकते हैं, हालांकि व्यक्ति संक्रमित और संक्रामक बना रहता है। यह रोग अब गुप्त चरण में प्रवेश कर जाता है जहां यह बिना किसी लक्षण के शरीर में बना रहता है। यह अभी भी यौन भागीदारों या गर्भवती महिलाओं से उनके बच्चों को पारित किया जा सकता है।

अनुपचारित संक्रमित लोगों में से लगभग एक तिहाई में, तृतीयक सिफलिस के तीसरे चरण के रूप में रोग कई वर्षों के बाद वापस आ सकता है। यह कई लक्षणों का कारण बनता है जो प्रभावी उपचार से पहले के वर्षों में खतरनाक थे – जिसमें त्वचा और हड्डियों की विकृति, तंत्रिका दर्द, हृदय की समस्याएं, बहरापन, अंधापन, मनोभ्रंश और अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण जैसे चलने में कठिनाई और असंयम शामिल हैं।

सौभाग्य से पेनिसिलिन या इसी तरह के एंटीबायोटिक्स का उपयोग करके सिफलिस का अभी भी काफी हद तक इलाज किया जा सकता है। जैसा कि आप उम्मीद कर सकते हैं, एक बार मामले का निदान हो जाने के बाद, न केवल प्रभावित व्यक्ति को ठीक करने के लिए, बल्कि यौन साझेदारों का पता लगाने और उनकी जांच करने के लिए भी बहुत प्रयास किए जाते हैं – यदि आवश्यक हो तो कई साल पीछे चले जाते हैं।

बीमारी क्यों बढ़ गई हैं?

यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि यूके में सिफलिस और गोनोरिया की दर इतनी तेजी से क्यों बढ़ी है। आंशिक रूप से यह महामारी के वर्षों के प्रतिबंधों के कारण हो सकता है, और यह तथ्य कि लोग उस समय निदान और उपचार तक आसानी से नहीं पहुंच पा रहे थे।

महामारी के दौरान युवा लोग भी यौन शिक्षा से चूक गए होंगे और उन्हें पता नहीं होगा कि एसटीआई से खुद को ठीक से कैसे बचाया जाए।

इंग्लैंड में यौन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आवंटित किए जाने वाले धन में भी कटौती की गई है – जिससे कुछ लोगों के लिए यौन स्वास्थ्य सलाह, निदान और उपचार प्राप्त करना अधिक कठिन हो गया है।

डेटा से पता चलता है कि गोनोरिया की दरें विशेष रूप से सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन के प्रति संवेदनशील हैं, जिसमें यौन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन में परिवर्तन शामिल हैं।

मैं अपनी रक्षा के लिए क्या कर सकता हूँ?

गोनोरिया या सिफलिस के खिलाफ अपने और अपने भागीदारों की रक्षा करने का सबसे अच्छा तरीका है कि एक नया रिश्ता शुरू करने से पहले परीक्षण किया जाए और नए या आकस्मिक यौन भागीदारों के साथ सुरक्षा उपायों का उपयोग किया जाए।

यदि आपको कोई लक्षण है जिसके बारे में आप चिंतित हैं, तो इसकी जांच करवाएं। गोनोरिया और सिफलिस के लिए स्व-परीक्षण किट कुछ क्षेत्रों में ऑनलाइन उपलब्ध हैं या आप चाहें तो यौन स्वास्थ्य क्लिनिक जा सकते हैं।

यदि आपको किसी साथी या क्लिनिक द्वारा सूचित किया जाता है कि आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में हैं, जिसे इनमें से किसी एक संक्रमण का निदान किया गया है, तो जांच कराने और यदि आवश्यक हो तो इलाज के लिए क्लिनिक में जाएँ।

हम भाग्यशाली हैं कि एक बार निदान हो जाने के बाद सिफलिस और गोनोरिया दोनों का ही उपचार किया जा सकता है। लेकिन उनके बारे में जानना और तुरंत जांच और इलाज करवाना जरूरी है।

द कन्वरसेशन एकता एकता

एकता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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