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Thursday, 14 November, 2024
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अगली पीढ़ी के लिए स्थायी महासागरीय विरासत छोड़ने पर विचार करें

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(रॉबर्ट रिचमंड, हवाई विश्वविद्यालय)

हवाई (अमेरिका), सात जून (360 इन्फो) तटीय और महासागरीय संसाधनों का प्रकृति के अनुकूल उपयोग सुनिश्चित करने के लिए द्वीपीय समुदायों ने कुछ बेहद प्रभावी प्रक्रियाएं विकसित की हैं। हमें बस इन्हें अपनाने की जरूरत है।

लगभग 30,000 ज्ञात द्वीपों के एक विशाल महासागरीय क्षेत्र में प्रशांत महासागर के पारंपरिक नाविक अक्सर यही कहते हैं, ‘‘पहले आप अपना गंतव्य चुनें, फिर पता लगाएं कि वहां कैसे पहुंचा जाए।’’

हमारे महासागर और उन पर निर्भर सभी लोगों के स्वास्थ्य को कई तरह के खतरों का सामना करना पड़ रहा है। यदि हमारी मंजिल एक महासागर है, जो वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए जीविका व सहयोग प्रदान करता है तो हमें अपने वर्तमान मार्ग से हटकर बड़े सुधार सहित बहुत कुछ करने की दिशा में आगे बढ़ना होगा।

जातीय समुदाय जानते हैं कि हमारे महासागरों को संरक्षित करने के लिए क्या आवश्यक है। प्रवाल भित्ती और अपतटीय पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने वाले जलक्षेत्र में बुद्धिमत्तापूर्ण भू-उपयोग, मछली पकड़ने की तकनीक, उपकरण और समय से तटीय संसाधनों के प्रकृति के अनुरूप उपयोग को बढ़ावा देने के लिए द्वीप के लोगों ने कुछ सबसे प्रभावी प्रक्रियाओं का विकास किया है।

उदाहरण के लिए, फेडरेटेड स्टेट्स ऑफ माइक्रोनेशिया के याप द्वीप पर कुछ मछुआरे नारियल की रस्सी से बुने जाल का मछली पकड़ने के लिए इस्तेमाल करते हैं। वे हुक के बजाय शार्क की मांसपेशियों का उपयोग कर मछली को फंसाते हैं। इससे केवल लंबी नाक वाली नीडलफिश मछलियां पकड़ी जा सकती हैं और अन्य प्रजातियों को बचाया जा सकता है, ताकि कुछ भी बर्बाद न हो।

पलाऊ के लोग इन महत्वपूर्ण प्रजातियों की रक्षा के लिए मछलियों के अंडे देने और प्रजनन के दौरान मछली पकड़ना बंद कर देते हैं। वे मैंग्रोव वनों की भी रक्षा करते हैं और तटीय प्रवाल भित्ति पारिस्थितिकीी तंत्र को स्थलीय अपवाह व अवसादन से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए अरबी के खेतों का उपयोग करते हैं।

हालांकि, इन पारंपरिक प्रणालियों से वर्तमान समस्याओं का समाधान नहीं हो सकता। समुद्र में बहुत अधिक विषाक्त चीजें डाली जा रही हैं और बहुत सारे मूल्यवान संसाधन इतने बड़े पैमाने पर निकाले गए हैं, जो समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को कमजोर करते हैं।

प्रदूषण के मानव-आधारित स्रोत और कीटनाशकों का उपयोग, माइक्रोप्लास्टिक, टूना में जमा होने वाला पारा, बड़े पैमाने पर जहरीले सीवेज का प्रवाह, तेल रिसाव, औद्योगिक स्तर पर अत्यधिक मछली पकड़ना, अवैध रूप से मछली पकड़ना, साथ ही वैश्विक जलवायु परिवर्तन, सभी समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के विनाश में योगदान दे रहे हैं।

स्थिति समाधान योग्य नहीं लगती है, लेकिन इसका हल मौजूद है। हममें से प्रत्येक व्यक्ति अगर एकल-उपयोग वाले प्लास्टिक और माइक्रोबीड वाले व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद खरीदने से परहेज करे और खानपान की स्वस्थ्य आदतें अपनाए तो इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।

‘सीफूड वॉच’ जैसे कई स्मार्टफोन ऐप उपभोक्ताओं को यह पहचानने में मदद करते हैं कि उनकी थाली में परोसी गई मछली पकड़ी गई है या फिर उसे जिम्मेदारी से पैदा किया गया है।

यदि प्रत्येक व्यक्ति दस अन्य लोगों को इस संदर्भ में सकारात्मक बदलाव के लिए प्रेरित करे तो उम्मीद है कि नेताओं और नीति निर्माताओं पर बदलाव लाने के लिए दबाव बनेगा।

वैश्विक जलवायु परिवर्तन दुनिया के महासागरों और हमारी पूरी धरती के लिए सबसे बड़ा खतरा है। समुद्री सतह का तापमान बढ़ने के प्रभाव पहले से ही महसूस किए जा रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर प्रवाल भित्तियों के टूटने, अम्लीकरण से समुद्र की उत्पादकता में कमी, समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को प्रभावित करने वाले तूफान और उनकी तीव्रता में वृद्धि तथा जलस्तर में वृद्धि से तटीय क्षेत्रों को नुकसान पहुंचने की घटनाएं सामने आ रही हैं।

360 इन्फो सुरभि पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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