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शुक्रवार, 13 जून, 2025
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जन्मजात सिफलिस संक्रमण एक बढ़ती समस्या, जिसे आसानी से रोका जा सकता है

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(स्काई मैकग्रेगर, बेलिंडा हेंगेल और रॉबर्ट मोनाघन, यूएनएसडब्ल्यू सिडनी)

सिडनी, 1 अगस्त (द कन्वरसेशन) हाल ही में ऑनलाइन प्रकाशित डेटा ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली 15-44 वर्ष की महिलाओं (जिसे ‘प्रजनन आयु’ कहा जाता है) में संक्रामक सिफलिस के मामलों में चिंताजनक वृद्धि और गर्भवती माता-पिता से बच्चे में संचरण में वृद्धि को दर्शाता है। इसे जन्मजात सिफलिस कहा जाता है।

गर्भावस्था के दौरान समय पर सिफलिस परीक्षण और उपचार से जन्मजात सिफलिस को आसानी से रोका जा सकता है। अनुपचारित छोड़ दिए जाने पर, जन्मजात सिफलिस के 50% से अधिक मामलों में विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं, जिनमें गर्भपात, मरा हुआ बच्चा पैदा होना, नवजात मृत्यु और स्थायी विकलांगता शामिल हैं।

हमने 2011 और 2021 के बीच ऑस्ट्रेलिया में जन्मजात सिफलिस के सभी मामलों की समीक्षा की और दुखद रूप से पाया कि 25% शिशु मृत पैदा हुए थे। जन्मजात सिफलिस वाले शिशुओं को जन्म देने वाले माता-पिता के लिए, हमने पाया कि गर्भावस्था में सिफलिस के लिए 40% से कम लोगों के परीक्षण किए गए थे। लगभग आधे लोगों के पास प्रसवपूर्व देखभाल प्राप्त करने का कोई रिकॉर्ड नहीं था।

विशेषज्ञ कुछ समय से ऑस्ट्रेलिया में सिफलिस के बढ़ते मामलों के बारे में जानते हैं। लेकिन हमारा पहला विश्लेषण है जो प्रसवपूर्व देखभाल में महत्वपूर्ण कमियों को उजागर करता है, जिससे दुखद परिणाम सामने आते हैं।

एक दशक से सिफलिस के मामले बढ़ रहे हैं

2011 और 2021 के बीच, 15-44 वर्ष की आयु की महिलाओं में संक्रामक सिफलिस की दर 500% से अधिक बढ़ गई, जो 2011 में 141 से बढ़कर 2021 में 902 हो गई। यह युवा लोगों में अधिक व्यापक रूप से वृद्धि को दर्शाता है।

2011 से पहले, संक्रामक सिफलिस दुर्लभ था। जब मामले बढ़ने शुरू हुए, तो शुरुआत में यह महानगरीय क्षेत्रों में पुरुष यौन साझेदारों वाले पुरुषों और सुदूर आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर समुदायों में युवा विषमलैंगिक लोगों में था। स्वास्थ्य विभागों ने परीक्षण बढ़ाया और संचरण को कम करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान शुरू किया।

इन प्रयासों के बावजूद, सिफलिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और प्रारंभिक प्रकोप पूरे ऑस्ट्रेलिया में फैल गया है। समुदाय-आधारित स्क्रीनिंग, मास मीडिया अभियान, स्वास्थ्य कार्यबल शिक्षा और पॉइंट-ऑफ-केयर परीक्षण के माध्यम से तेजी से परीक्षण परिणामों सहित सिफलिस का पता लगाने और उपचार को बढ़ाने के लिए संघीय, राज्य और क्षेत्रीय सरकारों द्वारा महत्वपूर्ण निवेश किया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय रुझानों को प्रतिबिंबित करते हुए, ऑस्ट्रेलिया में भी जन्मजात सिफलिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

2011 और 2019 के बीच ऑस्ट्रेलिया में प्रति वर्ष औसतन चार जन्मजात सिफलिस के मामले थे, जो 2020 में बढ़कर 17 हो गए, और 2021 और 2022 में 15 मामले हो गए। 2023 में 20 मामले सामने आए।

ये संख्याएं छोटी लग सकती हैं. लेकिन कार्रवाई के बिना, इसके बढ़ने की प्रवृत्ति जन्मजात सिफलिस – एक रोकथाम योग्य बीमारी – वाले शिशुओं में अधिक मौतों और स्थायी विकलांगता को जन्म देगी।

हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं?

यह सिफलिस संचरण को कम करने और विशेष रूप से गर्भावस्था में सिफलिस के प्रभाव पर सीधा ध्यान केंद्रित करने का समय है।

गर्भावस्था के दौरान परीक्षण पहली प्रसवपूर्व जांच से लेकर पूरी गर्भावस्था के दौरान पांच परीक्षणों तक होता है, यदि गर्भवती व्यक्ति को उच्च जोखिम माना जाता है या वह सुदूर ऑस्ट्रेलिया में प्रकोप वाले क्षेत्र में रहता है। सिफारिशें राज्य और क्षेत्रीय स्वास्थ्य विभागों द्वारा प्रदान की जाती हैं, और पूरे ऑस्ट्रेलिया में अलग-अलग होती हैं, लेकिन दिशानिर्देशों को सुसंगत बनाने के लिए काम चल रहा है।

लेकिन कई मामलों में कोई स्क्रीनिंग ही नहीं हो रही है।

संक्रामक और जन्मजात सिफलिस में वृद्धि संभवतः स्वास्थ्य के सामाजिक निर्धारकों (गैर-चिकित्सा कारक जो स्वास्थ्य परिणामों को प्रभावित करते हैं) से जुड़ी हैं, जिनमें बेघर होना, अस्थिर आवास, गरीबी, घरेलू हिंसा, मानसिक बीमारी, नशीले पदार्थ और शराब का उपयोग, सांस्कृतिक बाधाएं या भाषा शामिल हैं।

नस्लवाद, और स्वास्थ्य देखभाल में भेदभाव

हमारे अध्ययन में पाया गया कि आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर महिलाओं में गैर-स्वदेशी महिलाओं की तुलना में सिफलिस की दर 35 गुना अधिक है। यह संभवतः उपनिवेशीकरण के स्थायी प्रभावों के साथ-साथ संरचनात्मक बाधाओं और स्वास्थ्य देखभाल तक कम पहुंच के कारण है।

जन्मजात सिफलिस वाले शिशुओं की बढ़ती संख्या की वर्तमान प्रवृत्ति को उलटने के लिए हमें तत्काल आवश्यकता है:

जहां भी वे स्वास्थ्य प्रणाली से जुड़ी हों, गर्भवती महिलाओं के लिए देखभाल के सुलभ मॉडल का पता लगाएं

साझेदार परीक्षण और उपचार को बढ़ाएँ

गर्भावस्था में परीक्षण पर निगरानी में सुधार करें।

सिर्फ मेडिकल जांच काफी नहीं

गर्भवती महिलाओं के लिए, हमें प्रभावित समुदायों के साथ साझेदारी में सह-डिज़ाइन की गई देखभाल के लिए एक समग्र दृष्टिकोण सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर महिलाओं के लिए, इसमें बर्थिंग ऑन कंट्री कार्यक्रमों तक अधिक पहुंच शामिल हो सकती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) यह भी सिफारिश करता है कि जन्मजात सिफलिस को खत्म करने के लिए भागीदारों का नियमित रूप से सिफलिस का परीक्षण कराया जाए।

और हमें गर्भावस्था के दौरान सिफलिस परीक्षण की बेहतर निगरानी की आवश्यकता है। डब्ल्यूएचओ ने जन्मजात सिफलिस के उन्मूलन का एक वैश्विक लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें गर्भावस्था के दौरान 95% गर्भवती में सिफलिस का परीक्षण करने का लक्ष्य रखा गया है। वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि हम इस लक्ष्य से कितने करीब या दूर हैं।

जन्मजात सिफलिस को पूरी तरह से रोका जा सकता है, और यह एक त्रासदी है कि किसी भी गर्भावस्था का यह परिणाम हो सकता है।

द कन्वरसेशन एकता

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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