scorecardresearch
Saturday, 21 December, 2024
होमविदेशअमेरिकी कांग्रेस द्वारा नियुक्त आयोग ने रिपोर्ट में कहा- शी के नेतृत्व में चीन ने भारत के प्रति ‘आक्रामक’ विदेश नीति अपनाई है

अमेरिकी कांग्रेस द्वारा नियुक्त आयोग ने रिपोर्ट में कहा- शी के नेतृत्व में चीन ने भारत के प्रति ‘आक्रामक’ विदेश नीति अपनाई है

रिपोर्ट में कहा गया है, 'बीजिंग और नयी दिल्ली ने अपनी सीमाओं को स्थिर बनाने के लिए कई समझौते किए और परस्पर विश्वास पैदा करने के कदम उठाए लेकिन चीन ने एलएसी को स्पष्ट करने के प्रयासों को रोका जिससे शांति कायम करने में रुकावटें आयीं.'

Text Size:

वाशिंगटन : अमेरिकी कांग्रेस द्वारा नियुक्त एक आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग के नेतृत्व में चीन ने भारत के प्रति ‘आक्रामक’ विदेश नीति अपनाई है और वास्तविक नियंत्रण रेखा स्पष्ट करने के प्रयासों को ‘रोका’ है जिससे शांति कायम करने में रुकावटें आयी हैं.

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पिछले सात हफ्तों से पूर्वी लद्दाख के कई स्थानों पर गतिरोध बना हुआ है और 15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद तनाव और बढ़ गया है.

‘अमेरिका-चीन आर्थिक एवं सुरक्षा समीक्षा आयोग’ द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है, ‘चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के महासचिव शी चिनफिंग के नेतृत्व में बीजिंग ने नयी दिल्ली के प्रति आक्रामक विदेश नीति का रुख अपनाया है. 2013 से चीन के वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के साथ पांच बड़े टकराव हुए हैं.’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बीजिंग और नयी दिल्ली ने अपनी सीमाओं को स्थिर बनाने के लिए कई समझौते किए और परस्पर विश्वास पैदा करने के कदम उठाए लेकिन चीन ने एलएसी को स्पष्ट करने के प्रयासों को रोका जिससे शांति कायम करने में रुकावटें आयीं.’

आयोग में सुरक्षा और विदेश मामलों की टीम के नीति विश्लेषक विल ग्रीन की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन सरकार अमेरिका और उसके सहयोगियों से भारत के मजबूत होते संबंधों को लेकर डरी हुई है.

इसमें कहा गया है कि 2012 में शी के सत्ता में आने के बाद से झड़पें बढ़ गई हैं जबकि उन्होंने कई मौकों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और बीजिंग तथा नयी दिल्ली तनाव को कम करने के लिए परस्पर विश्वास बहाली की कई व्यवस्थाओं पर सहमत हुए.

रिपोर्ट के अनुसार 2013 से पहले सीमा पर आखिरी बड़ा टकराव 1987 में हुआ था.

इसमें कहा गया है, ‘2020 की झड़प बीजिंग की आक्रामक विदेश नीति का परिणाम है. यह झड़प ऐसे समय हुई है जब बीजिंग हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे कि ताइवान और दक्षिण तथा पूर्वी चीन सागर पर संप्रभुता के अपने दावों पर आक्रामक रूप से जोर दे रहा है.’

share & View comments