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Saturday, 22 June, 2024
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वुहान रिसर्चर का चौंकाने वाला दावा, चीन ने Covid-19 को ‘जैव हथियार’ के तौर पर तैयार किया

इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में वुहान के रिसर्चर चाओ शाओ ने यह खुलासा किया.

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बीजिंग : वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक रिसर्चर ने कोरोनावायरस को लेकर एक चौंकाने वाला दावा किया है. उसने कहा कि कोविड-19 का वायरस चीन ‘जैव हथियार’ (bioweapon) के तौर पर डिजाइन किया और उनके सहयोगियों को यह पता लगाने के लिए वायरस के चार प्रकार (स्ट्रेन्स) दिए गए थे कि कौन सा सबसे अच्छी तरह फैल सकता है.

इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में वुहान के रिसर्चर चाओ शाओ ने चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के बारे में अनोखी जानकारी दी. 26 मिनट के इंटरव्यू में चाओ शाओ ने कहा कि कैसे वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी के एक अन्य रिसर्चर उनके सीनियर शान चाओ ने उन्हें कोरोनावायरस के चार स्ट्रेन्स (प्रकार) देते हुए कहा था कि जांच करो कि इनमें से कौन सा अधिक से अधिक प्रजातियों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है, और यह भी पता लगाएं कि इनमें से कौन सा इंसानों समेत अन्य प्रजातियों को आसानी से संक्रमित कर सकता है.

चाओ शाओ ने कोरोनावायरस को ‘जैव हथियार’ भी कहा.

उन्होंने यह भी जिक्र किया कि उनके कई सहयोगी वुहान में 2019 सैन्य विश्व खेलों के दौरान लापता हो गए थे. इसके बाद, उनमें से एक ने खुलासा किया कि उन्हें उन होटलों में जहां कई देशों के एथलीट्स ठहरे हुए थे, “स्वास्थ्य या स्वच्छता हालातों” को जांचने के लिए भेजा गया था. चूंकि स्वच्छता की जांच के लिए वायरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं होती, चाओ शान को शक हुआ कि उन्हें वहां वायरस फैलाने के लिए भेजा गया था.

चाओ शाओ ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘इसके अलावा, अप्रैल 2020 में, चाओ शान ने कहा कि उन्हें फिर से शिक्षा शिविरों में कैद उइगरों की स्वास्थ्य स्थिति जांचने के लिए झिंगजियांग भेजा गया था, ताकि उन्हें जल्द रिहा किया जा सके. चूंकि स्वास्थ्य जांच के लिए किसी वायरोलॉजिस्ट की जरूरत नहीं होती है, एक बार फिर, उन्होंने दृढ़ता से कहा कि उन्हें या तो वायरस फैलाने के लिए या यह देखने के लिए वहां भेजा गया था कि यह इंसानों पर कैसे काम करता है.”

ऊपर की ये चौंकाने वाली जानकारी मार्च से अप्रैल 2020 के दौरान चाओ शान ने खुद साक्षातकर्ता को दी थी.

उन्होंने इंटरव्यू के दौरान ये बातें एक विसलब्लोअर के तौर पर कही थी, यह पूरी पहेली का महज एक छोटा सा हिस्सा था. अभी तक, इस महामारी ने दुनियाभर में 7 मिलियन लोगों की जान ली है, या इससे ज्यादा, जिसकी उत्पत्ति की अभी भी खोजबीन चल रही है.

यह इंटरव्यू जेनिफर जेंग ने किया है जो कि एक चीनी मूल के मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक हैं.


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