ढाका/नयी दिल्ली, 26 नवंबर (भाषा) बांग्लादेश ने बुधवार को कहा कि भारत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के उसके पूर्व के अनुरोध पर कोई जवाब नहीं दिया, लेकिन बांग्लादेश को भारत से जवाब की उम्मीद है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने और पूर्व प्रधानमंत्री को दोषी ठहराए जाने के बाद ‘‘अब स्थिति अलग है।’’
मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने पिछले सप्ताह भारत को एक ‘आधिकारिक पत्र’ भेजकर हसीना (78) के प्रत्यर्पण की मांग की थी। विशेष न्यायाधिकरण ने 17 नवंबर को ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ के लिए उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।
वहीं, भारत ने बुधवार को कहा कि वह हसीना को प्रत्यर्पित किए जाने के बांग्लादेश के अनुरोध पर गौर कर रहा है और वह उस देश के लोगों के सर्वोत्तम हितों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में विदेश मामलों के सलाहकार एम तौहीद हुसैन ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार हसीना के प्रत्यर्पण के अपने नवीनतम अनुरोध पर भारत के जवाब का इंतज़ार कर रही है। उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद नहीं है कि वे (भारत) ढाका के अनुरोध के एक हफ़्ते के भीतर जवाब देंगे, लेकिन हम आशान्वित हैं कि हमें जवाब मिलेगा।’
हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश ने पूर्व में भारत से हसीना को वापस भेजने का अनुरोध किया था, लेकिन उसे ‘कोई जवाब नहीं मिला’। उन्होंने कहा, ‘अब स्थिति अलग है’ क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और हसीना को दोषी ठहराया जा चुका है।
हुसैन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण-बांग्लादेश (आईसीटी-बीडी) द्वारा दिए गए फैसले के बाद नयी दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायोग के माध्यम से औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा गया। उन्होंने कहा कि यह अनुरोध दोनों देशों के बीच मौजूदा प्रत्यर्पण संधि के तहत किया गया।
बांग्लादेश ने पिछले साल दिसंबर में हसीना के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए एक आधिकारिक पत्र भेजा थ। उस वक्त भारत ने केवल इसकी प्राप्ति की बात स्वीकार की थी तथा कोई और टिप्पणी नहीं की थी।
न्यायाधिकरण ने हसीना के साथ पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को भी सजा सुनाई थी। दोनों पर उनकी अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया। हसीना फिलहाल भारत में हैं। माना जा रहा है कि कमाल भी भारत में है।
तीसरे आरोपी, पूर्व पुलिस अधिकारी चौधरी अब्दुल्ला अल मामून, जो सरकारी गवाह के रूप में पेश हुए थे, को पांच वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई।
विधि सलाहकार आसिफ नजरूल ने 20 नवंबर को कहा कि अंतरिम सरकार “भगोड़े दोषियों” को वापस लाने के लिए हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (आईसीसी) का रुख करने पर भी विचार कर रही है।
वहीं, भारत ने बुधवार को कहा कि वह हसीना को प्रत्यर्पित किए जाने के बांग्लादेश के अनुरोध पर गौर कर रहा है और वह उस देश के लोगों के सर्वोत्तम हितों को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नयी दिल्ली में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘इस अनुरोध पर न्यायिक और आंतरिक कानूनी प्रक्रियाओं के तहत गौर किया जा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘हम बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और स्थिरता समेत लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा हम इस संबंध में सभी हितधारकों के साथ रचनात्मक रूप से संवाद जारी रखेंगे।’
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
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