काबुल: अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश में बढ़ती हिंसा के लिए अमेरिकी सैनिकों की तेजी से हो रही वापसी को जिम्मेदार ठहराते हुए सोमवार को कहा कि उनकी सरकार अब तालिबान के बढ़ते हुए प्रभाव से प्रांतीय राजधानियों के अलावा प्रमुख शहरी क्षेत्रों की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगी.
गनी ने पिछले कुछ महीनों से तालिबान और अफगान सरकारी बलों के बीच जारी संघर्ष के मद्देनजर सांसदों से तालिबान के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने तथा लामबंदी अभियान का समर्थन करने का आग्रह किया है. अमेरिकी और उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के सैनिकों की वापसी के मद्देनजर गनी का यह बयान काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
गनी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा, ‘तालिबान के साथ शांति प्रक्रिया वार्ता से कोई लाभ नहीं हुआ बल्कि इससे अफगानिस्तान के लोगों में संदेह और संशय की स्थिति पैदा हो गयी है.’
अफगान राष्ट्रपति ने कहा, ‘तालिबान शांति में विश्वास नहीं करता है. अगले छह महीनों में अभूतपूर्व बदलाव होंगे और तालिबान को पीछे धकेल दिया जाएगा.’
उन्होंने कहा कि अफगान सुरक्षा बलों को एक जिम्मेदारी सौंपी गयी है और उनमें आतंकवादियों को हराने की क्षमता है.