रियाद, तीन सितंबर (भाषा) एशियाई खेलों की टीम से बाहर किए गए भारोत्तोलक एन अजित और अचिंता श्युली खुद को साबित करने के इरादे से उतरेंगे जबकि मीराबाई चानू पेरिस ओलंपिक के अनिवार्य क्वालीफायर विश्व चैंपियनशिप में वजन कराने के बाद पदक की दौड़ में नहीं होंगी।
मीराबाई (49 किग्रा) ने सोमवार से शुरू हो रही इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में पदक की दौड़ से खुद को बाहर कर लिया है क्योंकि यह पूर्व चैंपियन इस महीने शुरू होने वाले एशियाई खेलों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के इरादे से विश्व चैंपियनशिप में वजन नहीं उठाएगी।
पेरिस खेलों के लिए पात्रता हासिल करने के लिए वह सिर्फ जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करेंगी।
मीराबाई के वजन नहीं उठाने से भारत के पदक जीतने की उम्मीदों को झटका लगा है। उनकी गैरमौजूदगी में किसी भी भारतीय भारोत्तोलक को पदक के दावेदार माने जाने वाले ग्रुप ए क्लासीफिकेशन में जगह नहीं मिली है।
टूर्नामेंट के लिए प्रवेश करते समय सबसे अधिक वजन उठाने वाले भारोत्तोलकों को ग्रुप ए में रखा जाता है जबकि इसके बाद खिलाड़ी को ग्रुप बी, फिर ग्रुप सी आदि में जगह मिलती है।
अजित और श्युली को पिछले महीने एशियाई खेलों की टीम से बाहर कर दिया गया था क्योंकि वे खेल मंत्रालय की चयन पात्रता को पूरा करने में नाकाम रहे थे। 73 किग्रा वर्ग में चुनौती पेश करने वाले ये दोनों भारोत्तोलक यहां अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहते हैं।
गत राष्ट्रीय चैंपियन अजित ने प्रतियोगिता में प्रवेश से पहले सर्वश्रेष्ठ प्रयास 305 किग्रा वजन उठाकर किया है और उन्हें ग्रुप सी में रखा गया है।
राष्ट्रमंडल चैंपिनशिप के स्वर्ण पदक विजेता को हल्की चोटें लगी थी लेकिन इनसे उबरने के बाद उनकी नजरें 320 किग्रा वजन उठाने पर टिकी हैं।
अजित ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं ट्रेनिंग के दौरान 318 किग्रा वजन उठा रहा हूं। मैं 320 किग्रा तक पहुंचना चाहता हूं।’’
पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों का चैंपियन बनने के बाद से श्युली चोटों से जूझ रहे हैं। पिछली विश्व चैंपियनशिप के दौरान वह वार्मअप के समय पैर की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण बाहर हो गए थे।
कोलकाता का यह भारोत्तोलक अब भी पीठ में दर्द से परेशान है और यही कारण है कि प्रवेश के समय उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 280 किग्रा रहा है जो 313 किग्रा के उनके निजी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन से काफी कम है। उन्हें ग्रुप डी में जगह मिली है।
शुभम तोडकर (61 किग्रा) भारत के तीसरे पुरुष भारोत्तोलक हैं। महाराष्ट्र का यह खिलाड़ी हालांकि पिछली दो अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाया है।
उन्होंने कहा, ‘‘विश्व चैंपियनशिप में मैं स्नैच में 125 किग्रा और क्लीन एवं जर्क में 155 किग्रा वजन उठाना चाहता हूं।’’
ये तीनों ओलंपिक वजन वर्ग में चुनौती पेश कर रहे हैं और पेरिस खेलों में क्वालीफाई करने के लिए जरूरी रैंकिंग अंक जुटाने का प्रयास करेंगे।
एशियाई चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता बिंदियारानी देवी भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगी लेकिन मीराबाई की तरह उनकी नजरें भी एशियाई खेलों पर हैं।
इस 24 वर्षीय भारतीय खिलाड़ी को महिला 55 किग्रा वर्ग में ग्रुप सी में रखा गया है। यह गैर ओलंपिक वजन वर्ग है।
पेरिस ओलंपिक 2024 के क्वालीफिकेशन नियमों के तहत 2023 विश्व चैंपियनशिप और 2024 विश्व कप में हिस्सा लेना अनिवार्य है।
इन दो टूर्नामेंट के अलावा भारोत्तोलक को 2022 विश्व चैंपियनशिप, 2023 महाद्वीपीय चैंपयनशिप, 2023 ग्रां प्री एक, 2023 ग्रां प्री दो और 2024 महाद्वीपीय चैंपियनशिप में से किन्हीं तीन प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना होगा।
अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलन महासंघ (आईडब्ल्यूएफ) क्वालीफिकेशन समय पूरा करने के बाद प्रत्येक वजन वर्ग में (ओलंपिक क्वालीफिकेशन रेटिंग) जारी करेगा।
क्वालीफाइंग प्रतियोगिताओं में भारोत्तोलक के तीन सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के आधार पर अंतिम सूची तैयार होगी।
भारतीय टीम इस प्रकार है:
महिला: मीराबाई चानू (49 किग्रा), बिंदियारानी देवी (55 किग्रा)
पुरुष: शुभम तोडकर (61 किग्रा), अचिंता श्युली (73 किग्रा), एन अजित (73 किग्रा)
भाषा सुधीर आनन्द
आनन्द
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