चेंगदू (चीन), नौ अगस्त (भाषा) युवा ऋषभ यादव के कांस्य पदक को छोड़कर भारतीय कंपाउंड तीरंदाजों के लिए विश्व खेलों में शनिवार का दिन निराशाजनक रहा जबकि शीर्ष वरीयता प्राप्त मिश्रित टीम शुरुआती दौर में ही हार गई।
कोई भी महिला तीरंदाज पोडियम तक नहीं पहुंच सकी। 10वीं वरीयता प्राप्त यादव ने पुरुषों के व्यक्तिगत कंपाउंड कांस्य पदक मैच में अपने सीनियर साथी और कई विश्व कप स्वर्ण पदक विजेता अभिषेक वर्मा को 149-147 से हराकर शानदार प्रदर्शन किया।
सेमीफाइनल में यादव को अमेरिकी कर्टिस ली ब्रॉडनेक्स से 145-147 से हार का सामना करना पड़ा था जबकि वर्मा को नीदरलैंड के शीर्ष वरीय माइक श्लोएसर से 145-148 से हार मिली थी।
महिला व्यक्तिगत कंपाउंड वर्ग में भारत की चुनौती क्वार्टर फाइनल में समाप्त हो गई। 12वीं वरीय परनीत कौर को कोलंबिया की चौथी वरीय अलेजांद्रा उस्क्विआनो से 140-145 से हार मिली जबकि तीसरी वरीय मधुरा धामनगांवकर को एस्टोनिया की छठी वरीय लिसेल जाटमा से 145-149 से पराजय का सामना करना पड़ा।
भारतीय दल को सबसे बड़ी निराशा मिश्रित कंपाउंड स्पर्धा में हुई। क्वालीफिकेशन राउंड में शीर्ष पर रहने के बाद वर्मा और मधुरा की भारतीय जोड़ी प्रबल दावेदार दिख रही थी लेकिन पहले ही दौर में अपनी चिर-प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया से हार गई।
भारतीय जोड़ी मून यिउन और ली यून्हो से 151-154 से पराजित हो गई। इस शिकस्त से भारतीय अभियान समाप्त हो गया।
रिकर्व वर्ग में कोई भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहा है।
मिश्रित स्पर्धा का यह परिणाम विशेष रूप से चिंताजनक था क्योंकि आठ टीमों के ड्रॉ में पदक हासिल करने के लिए केवल दो जीत की जरूरत थी। मिश्रित कंपाउंड टीम स्पर्धा लॉस एंजिल्स 2028 में ओलंपिक में पदार्पण करने वाली है। ऐसे में इस शुरुआती हार ने दबाव से निपटने की समस्याओं और रणनीतिक कमियों को उजागर कर दिया है जो शीर्ष स्तर पर भारतीय तीरंदाजों की समस्या रही हैं।
डेनमार्क के मैथियास फुलर्टन और सोफी लुईस डैम मार्कुसेन ने मेक्सिको को 156-155 से हराकर कंपाउंड मिश्रित टीम का खिताब जीता।
भाषा नमिता पंत
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