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बुधवार, 7 मई, 2025
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अपने अनूठे अंदाज से हमेशा बॉक्स आफिस के ‘हिटमैन’ रहेंगे रोहित शर्मा

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(कुशान सरकार)

नयी दिल्ली, सात मई (भाषा) अपनी कलाई के जादू से सफेद गेंद को स्टेडियम के चारों ओर पीटने वाले रोहित शर्मा, अक्सर स्टम्प माइक पर अनजाने में ‘वनलाइनर’ छोड़कर मुस्कुराहटें बिखेरने वाले रोहित शर्मा या फिर सुपरस्टार होने के बावजूद अपने करीब से लगने वाले रोहित शर्मा ।

भारतीय क्रिकेट के इतिहास में यूं तो कई सुपरस्टार हुए हैं लेकिन मुंबई की बोरिवली के इस बिंदास क्रिकेटर ने अपनी अलग छाप छोड़ी है ।

विराट कोहली के इस दौर में रोहित ने भी अपने एक दशक से अधिक के टेस्ट क्रिकेट के सफर में अपने लिये अलग जगह बनाई । उनके बल्ले से निकले बेहतरीन पूल शॉट्स और उनकी निच्छल सी मुस्कान हर क्रिकेटप्रेमी के दिल में हमेशा चस्पा रहेंगी ।

आलोचक यह तर्क दे सकते हैं कि 75 से भी कम मैच खेलने वाले रोहित का टेस्ट कैरियर औसत ही रहा जिसमें वह एसईएनए ( दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और आस्ट्रेलिया) देशों के खिलाफ एक ही शतक जड़ पाये । लेकिन प्रशंसकों के लिये उनके बल्ले का जादू कुछ अलग ही था ।

लाल गेंद और रोहित का रिश्ता खट्टा मीठा रहा लेकिन सफेद गेंद में उनकी बादशाहत हमेशा रही जिसमें उन्होंने 50 ओवरों के विश्व कप में सात शतक जड़े ।

वनडे में तीन दोहरे शतक ने उन्हें सबसे अलग बनाया । लिहाजा अब यह प्रशंसकों पर है कि वे रोहित के योगदान का आकलन कैसे करते हैं ।

उन्होंने भले ही 67 टेस्ट ही खेले लेकिन वनडे में 273 मैच खेल चुके हैं । उनकी कप्तानी में हमेशा टीम भावना नजर आई जो उन्हें रिकॉर्ड के मामले में महेंद्र सिंह धोनी के बाद दूसरा सबसे सफल कप्तान बनाती है ।

बरसों पहले भारत की अंडर 17 टीम में सलामी बल्लेबाज रविचंद्रन अश्विन और स्पिन हरफनमौला रोहित शर्मा हुआ करता था ।

अंडर 19 ट्रायल के लिये आते समय एक बार रोहित का किटबैग मुंबई की लोकल ट्रेन में छूट गया और दिलीप वेंगसरकर जैसे अनुशासनप्रिय व्यक्ति ने भी उनकी प्रतिभा को देखते हुए इस गलती को माफ कर दिया ।

एक बार विराट कोहली ने एक प्रसिद्ध इंटरव्यू में कहा था कि हम सभी हैरान थे कि ऐसा कौन सा क्रिकेटर आ रहा है कि कोई हमारा नाम ही नहीं ले रहा लेकिन जब उसे बल्लेबाजी करते देखा तब समझ में आया । उन्होंने यह भी कहा था कि हर स्ट्रोक के लिये रोहित के पास डेढ सेकंड अतिरिक्त होता है ।

इसी रोहित शर्मा ने ओल्ड ट्रैफर्ड में पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप मैच की पहली गेंद पर चौका जड़ा था ।

रोहित के बारे में सबसे अच्छी बात यह रही कि सोशल मीडिया और ‘पीआर’ के इस दौर में भी अपने स्टारडम को कभी उन्होंने संजीदगी से नहीं लिया । इसके लिये भारतीय टीम में धोनी के साथ बिताये गए उनके दिन काफी मददगार रहे ।

मैदान पर रोहित कप्तान रहे लेकिन मैदान के बाहर एक अगुआ ।

उनके मशहूर वाक्य ‘कोई गार्डन में घूमेगा तो …’ पर सोशल मीडिया में कई मीम बने । हाल ही में उनसे पूछा गया कि वह किस मशहूर हस्ती को अपने साथ डिनर पर बाहर ले जाना चाहेंगे तो उन्होंने कहा ,‘‘ किसी को नहीं । मैं अपने गार्डन में घूमने वाले बच्चे सरफराज खान, यशस्वी जायसवाल या शुभमन गिल के साथ जाना चाहूंगा ।’’

टी20 विश्व कप में हार्दिक पंड्या को आखिरी ओवर सौंपने में वह नहीं हिचकिचाये और ना ही बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान आर अश्विन को टीम के साथ बने रहने के लिये मनाने में उन्हें वक्त लगा ।

इसी श्रृंखला में सिडनी में आखिरी टेस्ट में खुद को बाहर रखने के उनके फैसले पर सालों साल बहस हो सकती है लेकिन इसमें किसी को शक नहीं होगा कि उनका हर फैसला , चाहे वह सही हो या गलत, ईमानदारी से लिया गया ।

भाषा

मोना सुधीर

सुधीर

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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