मकाऊ, एक अगस्त (भाषा) भारत के स्टार खिलाड़ी लक्ष्य सेन और उदीयमान तरुण मन्नेपल्ली ने कड़े मुकाबलों में जीत दर्ज करके शुक्रवार को मकाऊ ओपन सुपर 300 बैडमिंटन टूर्नामेंट के पुरुष एकल के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
विश्व में 47वें स्थान पर काबिज 23 वर्षीय मन्नेपल्ली ने 87वें स्थान पर काबिज चीन के हू झे को 75 मिनट तक चले मुकाबले में 21-12, 13-21, 21-18 से हराया।
वहीं राष्ट्रमंडल खेल चैम्पियन दूसरी वरीयता प्राप्त लक्ष्य ने चीन के शुआन चेन झू को 21 . 14, 18 . 21, 21 . 14 से मात दी ।
अब लक्ष्य का सामना इंडोनेशिया के पांचवीं वरीयता प्राप्त अल्वी फरहान से होगा जबकि मन्नेपल्ली की टक्कर मलेशिया के जस्टिन होह से होगी ।
मन्नेपल्ली ने पहली बार किसी बीडब्ल्यूएफ सुपर 300 टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में जगह बनाई है। इससे पहले वह फरवरी में जर्मन ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचे थे।
सात्विक साइराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी क्वार्टर फाइनल में मलेशिया के चूंग होन जियान और हेकल मुहम्मद से 14 . 21, 21 . 13, 20 . 22 से हारकर बाहर हो गई ।
चार साल पहले पुलेला गोपीचंद अकादमी से जुड़ने वाले मन्नेपल्ली ने पिछले दौर में हांगकांग के शीर्ष वरीयता प्राप्त ली चेउक यिउ को हराया था।
राष्ट्रीय खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले मन्नेपल्ली पहले गेम में एक समय 4-7 से पीछे चल रहे थे, लेकिन फिर उन्होंने 12-9 से बढ़त हासिल कर ली। इसके बाद उन्होंने 15-11 से लगातार छह अंक बनाकर गेम अपने नाम कर दिया।
दूसरे गेम में हू ने ज़ोरदार खेल दिखाया और 6-2 से आगे होने के बाद दबदबा बनाए रखा और अपनी बढ़त को 15-6 तक पहुंचाकर जल्द ही गेम अपने नाम कर दिया।
तीसरे और निर्णायक गेम में मन्नेपल्ली ने 5-0 की बढ़त बना ली और 19-15 तक अपनी बढ़त बनाए रखी। भारतीय खिलाड़ी ने इसके बाद तीन अंक गंवा दिए। मन्नेपल्ली ने हालांकि धैर्य बनाए रखा और हू के बैकहैंड कॉर्नर पर सटीक पुश लगाकर जीत पक्की की और जश्न में अपनी बाहें ऊपर उठा लीं।
मन्नेपल्ली ने आठ साल की उम्र में तेलंगाना के खम्मम में बैडमिंटन खेलना शुरू किया था। दसवीं कक्षा के बाद वह हैदराबाद आ गए थे।
लक्ष्य को विश्व रैंकिंग में 77वें स्थान पर काबिज चेन को हराने में काफी मेहनत करनी पड़ी । उन्होंने पहले गेम में अच्छा प्रदर्शन करके 9 . 4 और फिर 15 . 8 की बढत बना ली । इसके बाद चेन ने दूसरे गेम में शानदार वापसी करके मुकाबले को निर्णायक गेम तक खिंचा ।
लक्ष्य ने तीसरे गेम में फिर दबाव बनाया और 7 . 1 की बढत बनाने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा ।
भाषा
मोना नमिता
नमिता
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