गंगटोक, 28 जुलाई (भाषा) भारतीय सेना ने पूर्वी सिक्किम के अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में एक अभ्यास किया, जिसमें नयी तकनीकों का परीक्षण किया गया। एक बयान में इसकी जानकारी दी गयी है।
बयान में कहा गया है कि इन तकनीकों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) संचालित सेंसर एवं ड्रोन शामिल हैं, जो युद्धक्षेत्र की जागरूकता, वास्तविक समय में निगरानी और तेज निर्णय लेने की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं।
‘अभ्यास दिव्य दृष्टि’ के दौरान, त्रिशक्ति कोर के सैनिकों ने यथार्थवादी परिदृश्यों को अंजाम देने के लिए मानव रहित विमान (यूएवी) सहित जमीन आधारित प्रणालियों और हवाई मंचों के मिश्रण का उपयोग किया।
अभ्यास का मुख्य आकर्षण उन्नत संचार प्रणालियों से जुड़े एआई-संचालित सेंसरों का इस्तेमाल था।
बयान में कहा गया है कि इस व्यवस्था ने कमांड सेंटरों के बीच सुचारू और सुरक्षित डेटा प्रवाह सुनिश्चित किया, स्थितिजन्य जागरूकता में सुधार किया और तेज़ तथा बेहतर निर्णय लेने में सक्षम बनाया, जिससे सेंसर-टू-शूटर के बीच एक मजबूत संबंध बना।
सेना मुख्यालय की ओर से उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राकेश कपूर ने अभ्यास और उसके परिणामों की समीक्षा की।
त्रिशक्ति कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीसीओ) लेफ्टिनेंट जनरल जुबिन ए. मिनवाला ने कहा, “दिव्य दृष्टि अभ्यास एक बड़ी सफलता रही। हमने अत्याधुनिक तकनीकों का वास्तविक क्षेत्र परिस्थितियों में परीक्षण किया। ये अभ्यास भारतीय सेना में भविष्य की तकनीकों, सिद्धांतों और कार्यनीति को विकसित करने में मदद करेंगे, जिससे हम किसी भी शत्रु और किसी भी भूभाग के लिए तैयार हो सकेंगे।”
भाषा प्रशांत रंजन
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