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Friday, 22 November, 2024
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इज़रायली राजदूत ने हमास से की 26/11 हमले की तुलना, बोले- इनका मकसद दहशत पैदा करना, लोगों को डराना है

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की 15वीं बरसी पर पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में शहीद स्मारक में जान गवाने वाले वीरों को पुष्पांजलि अर्पित की.

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नई दिल्ली: मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए विनाशकारी आतंकवादी हमलों को आज 15 साल हो गए हैं. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की 15वीं बरसी पर पुलिस आयुक्त कार्यालय के परिसर में शहीद स्मारक में जान गवाने वाले वीरों को पुष्पांजलि अर्पित की.

आम तौर पर 26/11 के रूप में जाना जाने वाला, 10 आतंकवादियों के एक समूह द्वारा किए गए इन समन्वित हमलों ने मुंबई की सड़कों पर तबाही मचाई और देश और दुनिया को सदमे में डाल दिया था.

लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) आतंकवादी समूह के आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2008 की रात को मुंबई शहर में प्रवेश किया था. चार दिनों के दौरान, उन्होंने 166 लोगों को मार डाला और 300 को घायल कर दिया था.

हमले को ज्यादा बड़ा बनाने के लिए आतंकियों ने कुछ खास जगह चुने थे, जैसे ताज और ओबेरॉय होटल, छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, नरीमन हाउस में यहूदी केंद्र और लियोपोल्ड कैफे, क्योंकि इन स्थानों पर यूरोपीय, भारतीय और यहूदी अक्सर आते थे.

इसमें लश्कर के नौ आतंकवादी मारे गए थे, जबकि छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन पर हमले में एकमात्र जीवित पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल आमिर कसाब को गिरफ्तार कर लिया गया था. मई 2010 में, कसाब को मौत की सजा सुनाई गई और दो साल बाद पुणे शहर की अधिकतम सुरक्षा वाली जेल में फांसी दे दी गई.

इस साल आतंकी हमले की 15वीं बरसी को चिह्नित करते हुए, इज़रायल ने आधिकारिक तौर पर लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) को एक आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया है. यह कार्रवाई भारत सरकार के अनुरोध के बिना की गई है.

इज़रायली दूतावास ने एक बयान में कहा कि लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन घोषित करने के लिए सभी आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं, यह देखते हुए कि यह निर्णय भारत सरकार के किसी औपचारिक अनुरोध के बिना स्वतंत्र रूप से लिया गया था.

भयानक घटना

भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने भी फैसले की सराहना की और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) पर प्रतिबंध को “सही” बताया.

26/11 मुंबई आतंकवादी हमले की बरसी पर, भारत में इज़रायल के राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, “यह एक भयानक घटना है, जब लोगों की जान ली जाती है, दहशत पैदा करने के लिए मुंबई में आपके सुरक्षित आश्रय, आपके घरों में घुसते हैं, तो वे सिर्फ दहशत चाहते थे – बिल्कुल हमास की तरह. इनका मकसद सिर्फ हत्या करना ही नहीं बल्कि जीवित बचे लोगों में दहशत पैदा करना, उन्हें डराना भी है. हम भारतीयों से कह रहे हैं, जैसे भारत हमेशा इज़रायल के साथ खड़ा है…उन्हें जानना होगा, हम आपके पक्ष में हैं. जब आप आतंकवाद से लड़ने आते हैं तो कोई किंतु-परंतु नहीं होता.”

उन्होंने आगे कहा, “हम साथ मिलकर काम कर रहे हैं…जैसा कि पीएम मोदी ने कहा है कि आतंकवाद एक वैश्विक घटना है, आपको विश्व स्तर पर हाथ मिलाना होगा. इससे लड़ने के लिए दुनिया के देशों, आज़ाद लोगों को एकजुट होकर प्रयास करना होगा. मुझे लगता है कि भारत और इज़रायल हमारे कार्यों और मित्रता को प्रदर्शित करते हैं जो हम मिलकर करते हैं.”

इस बीच, 26/11 मुंबई आतंकवादी हमले को चिह्नित करने के लिए शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र, जिनेवा के सामने ब्रोकन चेयर पर एक दिवसीय पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया.

पोस्टर प्रदर्शनी का आयोजन करने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता और लेखक प्रियजीत देबसरकर ने कहा, “आज, हम संयुक्त राष्ट्र, जिनेवा के सामने विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. हमने भयानक आतंकवादी हमलों की याद में यहां बहुत संतुलन प्रदर्शित किया है, जिस हमले ने 15 साल पहले भारतीय वित्तीय केंद्र मुंबई को हिलाकर रख दिया था.”

हर साल इस दिन देश उन लोगों और सुरक्षा बलों को याद करता है जिन्होंने आतंकवादियों से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी.


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