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Tuesday, 21 May, 2024
होमदेशपाकिस्तान ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले पर अभी तक नहीं दिखाई ईमानदारी : MEA की सालाना रिपोर्ट 

पाकिस्तान ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले पर अभी तक नहीं दिखाई ईमानदारी : MEA की सालाना रिपोर्ट 

2021-2022 के लिए विदेश मंत्रालय की व्यापक वार्षिक रिपोर्ट, जिसमें यह भी कहा गया है कि भारत पाकिस्तान के साथ नॉर्मल पड़ोसी रिश्ते चाहता है. 

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नई दिल्ली : पाकिस्तान ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने में अभी तक ईमानदारी नहीं दिखाई है, विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जारी अपनी सालाना रिपोर्ट में ये बात कही.

2021-2022 के लिए विदेश मंत्रालय की व्यापक वार्षिक रिपोर्ट, जिसमें यह भी कहा गया है कि भारत पाकिस्तान के साथ नॉर्मल पड़ोसी रिश्ते चाहता है.

एमईए की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘मुंबई आतंकी हमले के पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने को लेकर पाकिस्तान ने अभी तक ईमानदारी नहीं दिखाई है, क्योंकि वह अस्पष्टता और इसे लटकाए रहने की रणनीति में लगा हुआ है. हमारे लगातार आग्रह के बावजूद कि पाकिस्तान 2004 की अपनी प्रतिबद्धता का सम्मान करे और अपनी जमीन या क्षेत्र का भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न करने दे, सीमा-पार आतंकवाद, घुसपैठ और भारत में एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा में हथियारों की अवैध तस्करी में कोई कमी नहीं आई है.’

26 नवंबर, 2008 को मुंबई में कई आतंकवादी हमलों के सबूत हैं, जिसमें 20 सुरक्षा बल के जवानों और 26 विदेशी नागरिकों समेत कुल 166 लोग मारे गए थे, 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

इसमें कहा गया है, भारत अपनी इस बात पर कायम है कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी मुद्दे को आतंक और हिंसा मुक्त द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण माहौल में सुलझाया जाना चाहिए.

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एमईए की रिपोर्ट में आगे कहा गया है, ‘पाकिस्तान ने एक औसत दर्जे के पड़ोसी का व्यवहार नहीं दिखाया है, क्योंकि यह लगातार भारत के खिलाफ सीमा-पार आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है; नॉर्मल व्यापार, कनेक्टिविटी और लोगों के आदान-प्रदान को रोक रहा है; भारत को बदनाम करने के लिए शत्रुतापूर्ण और मनगढ़ंत प्रचार में लगा हुआ है और दुनिया के सामने द्विपक्षीय संबंधों की एक खतरनाक तस्वीर पेश करता है. पाकिस्तान के नेता अपने घरेलू मामलों समेत, अपनी घरेलू राजनीतिक और आर्थिक विफलताओं से ध्यान हटाने के लिए भारत के खिलाफ अपने नफरत भरे बयान व आग लगाने वाले बयान कम नहीं किए हैं.’

इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने अपने आंतरिक मामलों में पाकिस्तान के सभी कार्यों और बयानों को एकदम और स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया है. परिणामस्वरूप, भारत और विदेश दोनों में हमारी कूटनीति के कारण, भारत की स्थिति को लेकर एक बड़ी समझदारी है कि जम्मू और कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इससे संबंधित मामले भारत के आंतरिक हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘देशों ने पाकिस्तान से भारत को निशाना बनाने वाले आतंकवादी समूहों समेत उसकी सरजमीं पर सक्रिय आतंकवादी समूहों के लिए अपना समर्थन और सुरक्षित पनाहगाह देना बंद करने और भारत के साथ द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों को हल करने को कहा है. सीमा पार आतंकवाद को लेकर भारत लगातार इस पर जोर दिया है कि इसे समाप्त करने के लिए पाकिस्तान को विश्वसनीय, अपरिवर्तनीय और सबूत के साथ कार्रवाई करने की जरूरत पर बल दिया है. पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध बनाने के भारत के प्रयासों को पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद और भारत के खिलाफ हिंसा के निरंतर समर्थन से कमजोर किया जा रहा है.’

भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक उपाय के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है. भारत, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादी घुसपैठ के निरंतर समर्थन के मुद्दे को लगातार उठाता रहा है; और पाकिस्तान से पैदा किए जा रहे सीमा पार आतंकवाद पर निरंतर चिंताओं को अपने भागीदारों और बड़े पैमाने पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को जानकारी देता है. हमारे आउटरीच में, पाकिस्तानी मूल के पकड़े गए आतंकवादियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी भी साझा की जाती है.


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