scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमराजनीतिबॉक्सिंग चैंपियन स्वीटी बूरा की हुड्डा को वोट देने की अपील, खट्टर सरकार की खेल नीति की आलोचना

बॉक्सिंग चैंपियन स्वीटी बूरा की हुड्डा को वोट देने की अपील, खट्टर सरकार की खेल नीति की आलोचना

हरियाणा के हिसार में कांग्रेस द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि अगर वह सत्ता में वापस आते हैं तो वह इस स्वर्ण पदक विजेता बॉक्सर को डीएसपी के रूप में नियुक्त करेंगे.

Text Size:

चंडीगढ़: बॉक्सिंग चैंपियन स्वीटी बूरा ने रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को वोट देने का आह्वान किया, जबकि हिसार में बूरा को सम्मानित करने के लिए कांग्रेस द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बूरा ने भाजपा की अगुवाई वाली वर्तमान राज्य सरकार की खेल नीति की आलोचना की.

हिसार के घिरई गांव की रहने वाली बूरा ने पिछले महीने नई दिल्ली में हुई महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 में स्वर्ण पदक जीता था और लाइट हैवीवेट वर्ग में चीन की वांग लीना को 4-3 से हराकर विश्व चैंपियन बनी थीं.

2005 से 2014 तक हरियाणा के सीएम रहे हुड्डा के साथ मंच पर रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए बूरा ने कहा, ‘आज अगर मैं आपके सामने विश्व चैंपियन के रूप में खड़ी हूं, तो यह सब हुड्डा साहब की नीतियों के कारण है.’

उन्होंने कहा, ‘बचपन में मैं अपने क्षेत्र के खिलाड़ियों के बारे में सुनती थी जो पदक जीतने के बाद पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) या हरियाणा पुलिस में एक निरीक्षक बनते हैं और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने के बाद सरकार से पुरस्कार राशि प्राप्त करते हैं. हुड्डा साब, जो आज हमारे बीच बैठे हैं, उन्होंने ऐसी नीतियां बनाईं, जिन्होंने मेरे जैसे लोगों की एक पूरी पीढ़ी को खेल के लिए प्रेरित किया.’

बूरा ने आगे कहा कि जब हुड्डा का सीएम के रूप में कार्यकाल समाप्त हुआ था और ‘एक और सरकार’ सत्ता में आई, तब से हरियाणा में खेलों में ‘गिरावट’ देखी गई है.

हुड्डा के बाद, भाजपा के मनोहर लाल खट्टर ने 2014 के हरियाणा राज्य चुनाव के बाद सत्ता हासिल की थी और वर्तमान समय में राज्य में अपना दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हैं. उनके पास राज्य के खेल विभाग का प्रभार भी है.

बूरा ने आगे कहा, ‘जब हुड्डा सत्ता में थे, तो न केवल खिलाड़ी बल्कि किसानों सहित समाज के सभी वर्ग खुश थे. लेकिन अब हर कोई (मौजूदा) सरकार से निराश और नाखुश है.’

उन्होंने कहा, ‘इन (पिछले) 10 वर्षों में, आपने देखा होगा कि इस सरकार ने कैसे काम किया है. आप भी हम खिलाड़ियों की तरह तंग आ गए होंगे. यह सब ध्यान में रखें. हुड्डा साब को वोट देकर सत्ता में लाएं और इस बार अपना वोट बर्बाद न करें.’

हुड्डा ने बाद में घोषणा की कि ‘बूरा को हरियाणा में डीएसपी बनाया जाएगा’, अगर वह सत्ता में आते हैं. हरियाणा में 2024 के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.


यह भी पढ़ें: एंटी-एजिंग प्रोडक्ट शुरू करने के लिए कौन सी उम्र है सही? क्या करें और क्या न करें


हुड्डा ने खट्टर सरकार पर निशाना साधा

30 मार्च को, सीएम खट्टर ने ग्रुप बी के पदों (खेल और युवा मामलों के विभाग में वरिष्ठ कोच) के लिए प्रस्ताव पत्र सौंपे थे और बॉक्सिंग इवेंट में हरियाणा के अन्य स्वर्ण पदक विजेता बूरा और नीतू घनघास को 40-40 लाख रुपये के चेक दिए थे.

हालांकि, पदक विजेताओं को नकद और नौकरी की पेशकश के बावजूद, खट्टर सरकार की खेल नीति लंबे समय से विपक्ष के लिए पंचिंग बैग रही है.

दिप्रिंट ने बताया था कि सरकार को मुख्य रूप से पदक विजेता खिलाड़ियों को ‘अच्छी नौकरी’ और पैसे से सम्मानित नहीं करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है, जैसा कि पहले किया जाता था.

रविवार के कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए, जहां कांग्रेस के अन्य नेता खिलाड़ी और कोच भी उपस्थित थे, हुड्डा ने कहा कि जब वह हरियाणा के सीएम थे, तो युवाओं को खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए नीतियां बनाई गई थीं.

‘पदक लाओ, पद पाओ’ (पदक लाओ, नौकरी पाओ) नीति के तहत, हरियाणा सरकार ने 750 से अधिक खिलाड़ियों को सरकारी पदों पर सीधी नियुक्ति देकर सम्मानित किया था. खेल नीति के तहत खिलाड़ियों को डीएसपी जैसे उच्च पदों पर नियुक्तियां दी गईं. खिलाड़ियों को ग्रुप सी और ग्रुप डी की नौकरियों में भी तीन प्रतिशत का कोटा आवंटित किया गया था ताकि खेलों में भाग लेने वाले युवा अपनी आजीविका के लिए असुरक्षित महसूस न करें. इन नीतियों को वापस लाएगा.

हुड्डा ने आगे आरोप लगाया कि ‘सीएम खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी-जेजेपी (गठबंधन) सरकार ने हरियाणा पुलिस में वरिष्ठ पदों (डीएसपी के) पर खिलाड़ी के अधिकार को छीन लिया है.’

उन्होंने कहा, ‘सरकार कांग्रेस के कार्यकाल में हर गांव में बने खेल स्टेडियमों का रखरखाव नहीं कर रही है. हमारी नीतियों के कारण हरियाणा के युवा पदक ला रहे थे जबकि पंजाब के लोग नशे की ओर जा रहे थे.’

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: BJP के राज्यसभा सांसद जयशंकर, प्रधान और राव 2024 से पहले इन लोकसभा सीटों पर भांप रहे हैं जनता का मूड


 

share & View comments