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Saturday, 20 April, 2024
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बीजेपी विधायकों से बोलीं वसुंधरा राजे- चुनाव के लिए रहें तैयार, ज़्यादा दिन नहीं चलेगी कांग्रेस की अस्थिर सरकार

शुक्रवार को विधान सभा सदन की विशेष बैठक से पहले, बीजेपी की राजस्थान इकाई ने एक बैठक की, जिसमें गहलोत सरकार के ख़िलाफ अविश्वास प्रस्ताव रखने का फैसला किया गया.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को पता चला है कि राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ बीजेपी लीडर, वसुंधरा राजे ने बृहस्पतिवार को ये कहते हुए, अपने पार्टी विधायकों को चुनावों के लिए तैयार रहने के लिए कहा, कि प्रदेश में गुटबाज़ी की शिकार कांग्रेस सरकार स्थिर नहीं है, और ये ज़्यादा दिन नहीं चलेगी.

बीजेपी की प्रदेश इकाई ने अपने शीर्ष नेताओं, और विधायकों की एक बैठक आयोजित की, जिसमें शुक्रवार से आरंभ हो रहे विधान सभा सदन के विशेष सत्र से पहले, पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई.

प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया ने मीटिंग के बाद मीडिया को बताया, कि उनकी पार्टी शुक्रवार को सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाएगी. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने भी उनकी बात का समर्थन किया.

कटारिया ने कहा, ‘हम सदन में अविश्वास प्रस्ताव पेश करेंगे. कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं, और क़ानून व्यवस्था की स्थिति गिर रही है’. उन्होंने आगे कहा, ‘एसओजी (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) ने जिन लोगों को, सरकार गिराने की साज़िश के आरोप में गिरफ्तार किया था, उन्हें बीजेपी से जोड़ने के प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन सरकार इसमें नाकाम हो गई. हम प्रस्ताव में इन सब चीज़ों का उल्लेख करेंगे’.

बैठक में सीनियर पार्टी लीडर और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, महासचिव मुरलीधर राव, राज्य प्रभारी अविनाश खन्ना, पूनिया और राजे ने हिस्सा लिया. सभी बीजेपी विधायक भी बैठक में शरीक हुए, जो क़रीब तीन घंटे तक चली.

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बीजेपी विधायकों की अपने नेतृत्व के साथ ये मीटिंग, राजस्थान में पिछले महीने आए उस सियासी संकट के बाद पहली बार हुई, जिसमें पूर्व उप-मुख्यमंत्री और उनका समर्थन कर रहे कई विधायकों ने, अशोक गहलोत की अगुवाई वाली, अपनी ही कांग्रेस सरकार के खिलाफ बग़ावत कर दी थी.


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‘राजे को भरोसा नहीं टिकेगी सरकार’

बैठक में मौजूद सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया, कि पूर्व मुख्यमंत्री ने उनसे चुनावों की तैयारी करने के लिए कहा है.

राजस्थान से एक बीजेपी विधायक ने कहा, ‘ये उनकी अंदरूनी लड़ाई है, जिसके लिए वो हमें दोष दे रहे हैं. इधर लोग कोरोनावायरस महामारी और टिड्डियों के हमलों की वजह से मुसीबत झेल रहे हैं, उधर वो होटलों में व्यस्त हैं’.

विधायक ने आगे कहा, ‘उन्होंने कहा कि ये सरकार ज़्यादा दिन नहीं चलेगी. हम सबको चुनावों के लिए तैयार रहना चाहिए, और उसकी तैयारियां शुरू कर देनी चाहिएं’. उन्होंने ये भी कहा, ‘ये सरकार 6 महीने से ज़्यादा नहीं चलेगी, चूंकि इसके भीतर अंदरूनी लड़ाई बहुत अधिक है. प्रियंका गांधी जैसा शीर्ष नेतृत्व भले ही, इसे अस्थाई रूप से सुलझाने में कामयाब हो गया हो, लेकिन ये चलेगी नहीं.

राजे का हवाला देते हुए एक दूसरे नेता ने कहा, ‘शीशा एक बार टूट जाता है, तो जोड़ने पर निशान रह जाता है. इन लोगों का दिल साफ नहीं है, और सरकार नहीं चलेगी’.

एक तीसरे लीडर ने कहा, ‘बैठक में दूसरे नेताओं ने भी कहा, कि अपने अंदरूनी मसलों की वजह से, ये सरकार स्थिर नहीं रहेगी, इसलिए सभी विधायकों को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए, तैयार रहने को कहा गया’.

ये बैठक उस पृष्ठभूमि में हुई है, जिसमें इस हफ्ते के शुरू में पायलट के, प्रियंका गांधी वाद्रा और राहुल गांधी समेत सीनियर कांग्रेस नेताओं से मुलाक़ात करने के बाद, कांग्रेस के बाग़ी गुट ने पार्टी के साथ सुलह कर ली. लेकिन प्रदेश में अभी भी, कुछ अनिश्चितताएं बरक़रार हैं.

लेकिन, इस सब के बीच, दो बार की पूर्व सीएम राजे ने ठंडा रुख़ बनाए रखा, और प्रदेश इकाई द्वारा बुलाई गई बैठकों में भी शरीक नहीं हुईं थीं.

लेकिन छाबड़ा से बीजेपी विधायक प्रताप सिंह ने दिप्रिंट को बताया, कि बैठक में इस बात को लेकर आमराय थी, कि बीजेपी की नेता राजे ही थीं.


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उन्होंने कहा, ‘मीटिंग में हर किसी ने कहा कि हमारी नेता वसुंधरा राजे जी हैं”. उन्होंने आगे कहा कि राज्य में इतनी सारी समस्याएं हैं, और कांग्रेस सरकार राजनीति खेलने में लगी है. हम सरकार की नाकामियों को सामने लाते रहेंगे’.

दो सौ सीटों की विधान सभा में, कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं. पार्टी के पास प्रदेश के 13 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन है. इसके अलावा दो जनजातीय विधायक और एक आरजेडी विधायक भी, कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं. बीजेपी के पास 72 विधायक हैं और उसे तीन आरएलपी विधायकों का भी समर्थन हासिल है. अन्य दो विधायक सीपीआई (एम) के हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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