नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव कराने पर शुक्रवार को सवाल उठाया, जबकि भाजपा ने चुनाव आयोग के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि शांतिपूर्ण चुनावों के लिए असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करने की जरूरत है.
चुनाव आयोग ने घोषणा की कि चार राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश के लिये विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग 27 मार्च को शुरू होगी और 29 अप्रैल तक चलेगी जबकि वोटों की गिनती 2 मई को होगी.
पश्चिम बंगाल में चुनाव 27 मार्च, एक अप्रैल, छह अप्रैल, दस अप्रैल, 17 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को होंगे जबकि असम में तीन चरणों में 27 मार्च, एक अप्रैल और छह अप्रैल को चुनाव होंगे. केरल और तमिलनाडु में चुनाव एक चरण में छह अप्रैल को होंगे.
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में 2016 की तुलना में इस बार एक चरण अधिक होगा.
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव कार्यक्रम पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, ‘निर्वाचन आयोग से विनम्रता से कहना चाहती हूं कि सवाल उठ रहे हैं कि पश्चिम बंगाल में इतने चरणों में चुनाव क्यों हो रहे हैं, जबकि अन्य राज्यों में एक चरण में चुनाव होने जा रहा है. अगर चुनाव आयोग लोगों से न्याय नहीं करेगा तो लोग कहां जाएंगे.’
बहरहाल उन्होंने कहा कि ‘इन सभी युक्तियों के बावजूद’ वह चुनाव जीत जाएंगी.
कोलकाता में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने पूछा, ‘मेरे पास सूत्रों से सूचना है कि भाजपा जो तारीख चाहती थी, उसी अनुरूप चुनाव कार्यक्रम तय किए गए हैं. क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के सुझावों के मुताबिक तारीखों की घोषणा की गई है?’
बहरहाल, भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव का स्वागत किया और कहा कि निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए यह आवश्यक था.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘चुनावों की घोषणा के साथ पश्चिम बंगाल में शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने के लिए असामाजिक तत्वों को नियंत्रित करना होगा. साथ ही राज्य के हर जिले में निष्पक्ष अधिकारियों की तैनाती करनी होगी ताकि चुनाव में कोई बाधा नहीं आए.’
भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने ‘नंबर गेम’ पर सवाल उठाए.
उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘चेन्नई में पांच दिनों का टेस्ट मैच अहमदाबाद में दो दिनों का रह गया. तमिलनाडु में एक दिन में होने वाला चुनाव पश्चिम बंगाल में आठ चरणों तक खिंच गया. क्या आपमें से कोई इस नंबर गेम के बारे में बता सकता है?’
कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पूछा कि क्या कोई ‘‘कुटिल योजना’’ है.
उन्होंने पूछा, ‘अगर केरल- 140, तमिलनाडु-234 और पुडुचेरी- 30 (कुल 404 सीटों) पर चुनाव एक चरण में कराए जा सकते हैं तो असम-126 और पश्चिम बंगाल- 294 (कुल 420 सीट) के लिये सात-आठ चरणों की क्या जरूरत है? क्या कोई कुटिल योजना है?’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने भाजपा का सहयोग करने का प्रयास किया है.
अनवर ने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह जानबूझ कर किया गया है और चुनाव आयोग ने भाजपा का सहयोग करने का प्रयास किया है.’
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘उन्हें (भाजपा) लगता है कि इससे उन्हें सहयोग मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है जितना मैं बंगाल के लोगों को जानता हूं. वे आंदोलनकारी प्रकृति के हैं…वे कुछ समय के लिए विचलित हो सकते हैं लेकिन बंगाल बंगाल है.’
बंगाल से भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने चुनाव आयोग के कदम का स्वागत किया और कहा कि राज्य में बदलाव का समय आ गया है.
असम के वरिष्ठ मंत्री और भाजपा नेता हिमंत बिस्व सरमा ने चुनाव कार्यक्रम का स्वागत किया. उनके राज्य में 27 मार्च से तीन चरणों में चुनाव होंगे.