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Saturday, 4 May, 2024
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TMC के मुखपत्र को शिंजो आबे की हत्या में नजर आया ‘अग्निपथ का अक्स’, दावा- नाराज था शूटर

टीएमसी के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आबे का हत्यारा एक पूर्व सैनिक था, जो 2005 में सेवा छोड़ने के बाद से असंतुष्ट था. वहीं, भाजपा ने टीएमसी सुप्रीमो को ‘राष्ट्र-विरोधी’ बताया है.

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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की हत्या को शनिवार को ‘अग्निपथ जैसी’ योजना से जोड़ा और दावा किया कि राजनेता का हत्यारा— जो एक पूर्व सैनिक था’— खुद को इसी तरह हटा दिए जाने से ‘असंतुष्ट’ था.

अग्निपथ को लेकर पिछले महीने विरोध प्रदर्शनों के बीच सार्वजनिक तौर पर इस योजना का विरोध करने वाली तृणमूल कांग्रेस ने अपने मुखपत्र जागो बांग्ला में दावा किया है कि आबे के हत्यारे, जिसकी पहचान पुलिस ने 41 वर्षीय बेरोजगार व्यक्ति तेत्सुया यामागामी के रूप में की है, ने जापान की मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस में बिना पेंशन तीन साल काम किया था.

जागो बांग्ला के मुख पृष्ठ पर ‘शिंजो की हत्या में अग्निपथ का अक्स’ शीर्षक से प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आबे का हत्यारा, तेत्सुया यामागामी, ‘एक पूर्व मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस कर्मचारी है’ जिसने ‘तीन साल की सेवा के बाद अपनी नौकरी गंवा दी थी.’ इसके बाद इसमें उसकी स्थिति और ‘अग्निवीर’ के बीच समानताओं की ओर ध्यान आकृष्ट किया गया. अग्निवीर उन सैनिकों को दिया जाने वाला नाम है जिन्हें केंद्र सरकार की अल्पकालिक रक्षा भर्ती योजना के तहत सेना में शामिल किया जाएगा.

आबे की हत्या पर बांग्ला में प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है, ‘शिंजो की हत्या के साथ अग्निपथ योजना को लेकर लोगों की नाराजगी और भी जायज हो जाती है क्योंकि हत्यारा बिना किसी पेंशन के रक्षा क्षेत्र में काम करता था.’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस बात को रेखांकित करना बेहद महत्वपूर्ण है कि केंद्र अग्निपथ योजना के तहत रक्षा कर्मियों को इसी तरह नियुक्त करना चाहता है. यही वजह है कि पूरे देश में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए.’ साथ ही जोड़ा गया कि यामागामी की नौकरी जाने के बाद उसे ‘मुश्किल से ही कोई काम मिला था.’

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रिपोर्ट में दावा किया गया है, ‘वह शिंजो (आबे) पर नाराज था क्योंकि उसके पास न तो कोई सामाजिक सुरक्षा थी और न ही नौकरी.’

अभी जागो बांग्ला के संपादक तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पश्चिम बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी हैं.

इस रिपोर्ट के जवाब में भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा सदस्य अग्निमित्र पॉल ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी को ऐसे मुद्दों को उठाने की ‘आदत’ रही है.

पॉल ने दिप्रिंट से कहा, ‘ममता बनर्जी देशद्रोही हैं. अभी जब शिंजो आबे की हत्या की जांच चल रही है, तो तृणमूल का मुखपत्र जागो बांग्ला इसे अग्निपथ योजना से कैसे जोड़ सकता है. उन्होंने बाटला हाउस मुठभेड़ (2008 और पुलवामा आतंकी हमले (2019) पर भी सवाल खड़े किए थे. उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर साक्ष्य मांगे. उन्हें न तो देश की परवाह है और न ही इसे मजबूत बनाने का उनका कोई विजन है.’

आबे को शुक्रवार को उस समय गोली मार दी गई थी जब वह जापान में संसदीय चुनाव के सिलसिले में अपनी पार्टी के उम्मीदवार के लिए प्रचार कर रहे थे. एक वायरल वीडियो में आबे के पीछे खड़ा नजर आ रहा यामागामी दो राउंड फायरिंग करता है और गोली लगते ही आबे गिर जाते हैं. इसके साथ ही आबे के सुरक्षाकर्मी हत्यारे को तुरंत अपनी गिरफ्त में ले लेते हैं.

हालांकि, जागो बांग्ला के दावों के विपरीत मीडिया रिपोर्टों में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि यामागामी को एक ऐसे संगठन से नाराजगी थी जिसे वह मानता था कि आबे उसका समर्थन कर रहे हैं.


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‘अग्निपथ ने युवाओं की भावनाओं की अनदेखी की’

केंद्र सरकार की तरफ से 14 जून को घोषित अग्निपथ एक अल्पकालिक सैन्य भर्ती योजना है जिसमें चार साल की अवधि के लिए सैनिकों की भर्ती की जानी है. और इस नीति के तहत भर्ती होने वाले सैनिकों को ‘अग्निवीर’ की संज्ञा दी गई है. भर्ती के चार साल बाद संबंधित बैच में से केवल 25 प्रतिशत सैनिकों को ही सेवा में बनाए रखा जाएगा. योजना के आलोचकों का दावा है कि यह नीति मुख्यत: रक्षा बलों में वेतन और पेंशन में कटौती के उद्देश्य से बनाई गई है जो नियमित सेवा की नौकरी जैसी सुरक्षा प्रदान नहीं करती है.

इस योजना की घोषणा होते ही पिछले महीने बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, हरियाणा, ओडिशा और देश के अन्य हिस्सों में हिंसक विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे, प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों में तोड़फोड़ की और सार्वजनिक संपत्ति को खासा नुकसान पहुंचाया.

ममता बनर्जी ने 28 जून को बर्दवान में एक प्रशासनिक बैठक के दौरान इस योजना पर अपनी चुप्पी तोड़ी. उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह योजना देश की सेवा करने के इच्छुक युवाओं के लिए अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न कर देगी.

उन्होंने कहा, ‘मेरा उद्देश्य भाजपा के विपरीत अधिक से अधिक रोजगार सृजित करना है. वे चार से छह महीने के लिए लोगों को प्रशिक्षित करेंगे और उन्हें चार साल के लिए भर्ती करेंगे? सैनिक चार साल बाद क्या करेंगे, बेरोजगार हो जाएंगे और उनके हाथ में सिर्फ लॉलीपॉप होगा? फिर उनका भविष्य क्या होगा? इस पर बहुत अनिश्चितता है.’

तृणमूल कांग्रेस सांसद शांतनु सेन ने दिप्रिंट को बताया कि अग्निपथ योजना ‘युवाओं की भावनाओं’ की अनदेखी करती है.

सेन ने दिप्रिंट से कहा, ‘जो कोई भी भाजपा के खिलाफ बोलता है उसे देशद्रोही करार दे दिया जाता है. यह कोई नई बात नहीं है और भाजपा ने ममता बनर्जी को भी बख्शा नहीं है. लेकिन हम सभी जानते हैं कि असली देशद्रोही कौन हैं और मीडिया का मुंह बंद कौन कर रहा है. भाजपा के एक नेता ‘अग्निवीर’ को भाजपा कार्यालय में सुरक्षा गार्ड के तौर पर देखना चाहते हैं. अगर तृणमूल नेतृत्व ने फैसला किया तो हम संसद के आगामी सत्र में (योजना पर) अपनी आपत्ति जताएंगे.’

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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