नई दिल्लीः संसद के मॉनसून सत्र के दौरान उच्च सदन में ‘अशोभनीय आचरण’ को लेकर शीतकालीन सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए गए राज्यसभा के 12 सदस्यों ने हेलीकॉप्टर दुर्घटना में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्यकर्मियों की मृत्य के मद्देनजर उनके सम्मान में बृहस्पतिवार को अपना धरना एक दिन के लिए निलंबित कर दिया.
गत 29 नवंबर को निलंबन के बाद से ये सांसद यहां संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष धरना दे रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक निलंबन रद्द नहीं होगा, तब तक वे संसद की कार्यवाही के दौरान सुबह से शाम तक महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरने पर बैठेंगे.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने बृहस्पतिवार को बैठक की जिसमें यह फैसला लिया कि जनरल बिपिन रावत और 12 अन्य लोगों के सम्मान में यह धरना एक दिन के लिए निलंबित किया जाएगा. इसके बाद इन नेताओं ने कुछ देर के लिए मौन भी रखा.
इनमें समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और कुछ अन्य विपक्षी सांसद में शामिल थे.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खड़गे ने संवाददाताओं से कहा, ‘सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक की. जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और 11 अन्य सैन्यकर्मियों का दुखद निधन हुआ है. हम गहरा दुख प्रकट करते हैं. देश का बहुत बड़ा नुकसान हुआ है.’
उन्होंने कहा, ‘सभी पार्टियां देश हित में काम करती हैं. देश के लिए कुर्बानी देने वाले जवानों को हम एक होकर श्रद्धांजलि देते हैं. हमने तय किया है कि संसद परिसर में 12 निलंबित सांसदों का धरना आज नहीं होगा.’
पिछले सप्ताह सोमवार, 29 नवंबर को आरंभ हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए उच्च सदन से निलंबित कर दिया गया था.
जिन सदस्यों को निलंबित किया गया है उनमें मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के इलामारम करीम, कांग्रेस की फूलों देवी नेताम, छाया वर्मा, रिपुन बोरा, राजमणि पटेल, सैयद नासिर हुसैन, अखिलेश प्रताप सिंह, तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन और शांता छेत्री, शिव सेना की प्रियंका चतुर्वेदी और अनिल देसाई तथा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के विनय विस्वम शामिल हैं.
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