नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ राज्य हाई कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग और खनन पट्टे देने में अनियमितता का आरोप लगाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई को अयोग्य करार दिया है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एस रवींद्र भट और जस्टिस सुधांशु धूलिया के साथ भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) यूयू ललित की बेंच ने इस संबंध में राज्य सरकार द्वारा दायर अपील की अनुमति दी और हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें कहा गया था कि जनहित याचिका विचारणीय थी.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद झारखंड के सीएम सोरेन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है, ‘सत्य मेव जयते.’ सुप्रीम कोर्ट से राज्य के मुख्यमंत्री को बड़ी राहत मिली है.
हेमंत सोरेन ने ट्विटर पर ‘सत्यमेव जयते!’ संदेश के साथ सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत किया है.
सत्यमेव जयते! pic.twitter.com/38JLdRLmsq
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) November 7, 2022
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को माना कि एक कथित खनन घोटाला मामले में उनके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट के समक्ष दायर जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं थी.
झारखंड सरकार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट के एक आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें हेमंत सोरेन और उनके सहयोगियों से कथित रूप से संबंधित शेल कंपनियों के संबंध में जनहित याचिका को स्वीकार किया गया था.
झारखंड सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की थी.
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क्या कुछ हुआ था
3 जून को झारखंड हाई कोर्ट ने सोरेन के खिलाफ दो जनहित याचिकाएं लगाईं. इसने अपने 79 पन्नों के आदेश में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी (मुख्यमंत्री और उनके सहयोगियों के खिलाफ दायर दो जनहित याचिकाओं की स्थिरता पर सवाल) की दलीलों को खारिज कर दिया था.
इस बीच, ईडी ने सोरेन को तलब किया था और उनसे अवैध खनन मामले की चल रही जांच में पूछताछ के लिए तीन नवंबर को पेश होने को कहा था. हालांकि, सोरेन रांची में ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय में पेश नहीं हुए थे.
इसके साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आयोजित आदिवासी उत्सव में भाग लेने के लिए रायपुर रवाना होने से पहले अपने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्हें भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक लंबी राजनीतिक लड़ाई के लिए तैयार रहने का आग्रह किया था.
इस दौरान उन्होंने केंद्रीय एजेंसी को चैलेंज करते हुए कहा था, ‘मुझे ईडी ने आज तलब किया है जब मेरा पहले से ही छत्तीसगढ़ में एक कार्यक्रम है. अगर मैंने इतना बड़ा अपराध किया है, तो आओ और मुझे गिरफ्तार करो. पूछताछ क्यों? ईडी कार्यालय के पास सुरक्षा बढ़ा दी गई है. क्यों, हैं आप झारखंड के लोगों से डरते हैं?’
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