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Thursday, 25 April, 2024
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महाराष्ट्र में शिंदे सरकार ने बहुमत से पास किया फ्लोर टेस्ट, पक्ष में पड़े 164 वोट

फ्लोर टेस्ट से पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी में लोग आते हैं चले जाते हैं, ऐसा हर पार्टी में होता है. हमारे लोग भी गए लेकिन यह लोग चुनकर वापस कैसे आएंगे?

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नई दिल्ली: एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने सोमवार को फ्लोर टेस्ट में जीत अपनी हासिल कर ली है. शिंदे के पक्ष में कुल 164 वोट पड़े हैं जिसके साथ ही उन्होंने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. फ्लोर टेस्ट के दौरान शिंदे ने विश्वास मत भी हासिल कर लिया है.

विपक्ष की तरफ से 99 वोट पड़े हैं. तीन सदस्य मतदान से दूर रहे हैं.

जानकारी के लिए बता दें कि राज्य विधानसभा का विशेष दो दिवसीय सत्र में रविवार को बीजेपी की तरफ से उम्मीदवार राहुल नार्वेकर को अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और उन्हें भी 164 वोटों से जीत हासिल हुई थी.

सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के सुधीर मुनगंटीवार और शिवसेना के भरत गोगावले ने विश्वास मत प्रस्तावित किया. ध्वनि मत के बाद विश्वास मत के प्रस्ताव पर विपक्ष ने वोट बंटवारे की मांग की अध्यक्ष ने जिसकी अनुमति दे दी गई थी. वोट विभाजन के लिए सदस्यों को खड़े होने के लिए कहा गया.

एक अन्य विधायक श्यामसुंदर शिंदे विश्वास मत से ठीक पहले एकनाथ शिंदे समूह में शामिल हो गए. इसलिए, रविवार से शिवसेना के दो विधायक पाला बदल चुके हैं.

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वहीं, शिवसेना विधायक संतोष बांगर ने भी विश्वास मत का समर्थन किया जिन्हें सोमवार को महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और उनके गुट के विधायकों के साथ देखा गया था.

बांगर सोमवार सुबह होटल से शिंदे गुट के विधायकों के साथ निकले थे और उनके साथ विधानसभा पहुंचे थे.

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फ्लोर टेस्ट के बाद कहा कि राजनीति में विरोधियों की आवाज सुनने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए. हमने देखा है कि सोशल मीडिया पर बयान देने और पोस्ट करने के लिए लोगों को जेल में डाल दिया गया. हमें अपने खिलाफ बोलने वाले लोगों के लिए तैयार रहना चाहिए. हमें आलोचना का जवाब देना चाहिए लेकिन उचित तरीके से.

शिवसेना के उद्धव ठाकरे के खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महाराष्ट्र विधानसभा के नवनियुक्त अध्यक्ष की उस कार्रवाई को चुनौती दी गई है जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह के व्हिप को शिवसेना के व्हिप के रूप में मान्यता दी गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई 11 जुलाई को तय की है.

शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) के चीफ व्हिप भरत गोगावाले ने विधानसभा अध्यक्ष को व्हिप के उल्लंघन के आरोप में पार्टी के 16 विधायकों को निलंबित करने की याचिका दी है. अध्यक्ष कार्यालय ने पुष्टि की है कि 16 विधायकों को निलंबन के लिए नोटिस जारी किया जाएगा.

‘आपको किस बात का डर है?’

वहीं, शिवसेना ने सोमवार दोपहर को मुंबई के शिवसेना भवन में अपने सभी जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है.

फ्लोर टेस्ट से पहले शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी में लोग आते हैं चले जाते हैं, ऐसा हर पार्टी में होता है. हमारे लोग भी गए लेकिन यह लोग चुनकर वापस कैसे आएंगे? यह लोग शिवसेना के नाम और हमारे कार्यकर्ता की मेहनत से चुनकर आए थे. कोई प्रलोभन या किसी एजेंसी के दबाव की वजह से यह लोग चले गए. यह अस्थायी व्यवस्था है.

उन्होंने आगे कहा कि जो लोग छोड़कर गए हैं उनका गांव में घूमना भी मुश्किल है. कसाब को भी इतनी सुरक्षा नहीं दी गई थी जितनी इनको (विधायकों को) दी गई. जब यह लोग मुंबई में उतरे तो लगभग आर्मी को बुला लिया था. गुवाहाटी में भी देखा होगा कि किस तरह से घेराबंदी की थी. आपको किस बात का डर है?


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