नई दिल्ली: राज्य सभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी के बाद कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी संसद टीवी के टॉक शो टू द प्वाइंट को होस्ट न करने का फैसला किया है. प्रियंका चतुर्वेदी राज्य सभा के उन 12 सदस्यों में से हैं जिन्हें सदन में खराब आचरण के कारण हाल ही में निलंबित किया गया था.
लोकसभा सांसद शशि थरूर ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘प्रदर्शन कर रहे सांसदों के साथ खड़े होते हुए मैंने संसद टीवी के टॉक शो टू द प्वाइंट को होस्ट न करने का फैसला किया है.’
उन्होंने कहा कि जब तक इन सांसदों का निलंबन वापस नहीं होता तब तक वो इस कार्यक्रम को होस्ट नहीं करेंगे.
उन्होंने बयान में कहा, ‘मेरा मानना है कि संसद टीवी के कार्यक्रम को होस्ट करने का आमंत्रण स्वीकार करना, भारत के संसदीय लोकतंत्र की शानदार परंपरा के तहत है, जो इस बात को सुनिश्चित करता है कि राजनीतिक मतभेदों के बाद भी सांसदों को संसद के संस्थानों से जुड़ने से नहीं रोकता.’
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) December 6, 2021
बता दें कि 12 विपक्षी सांसदों को अगस्त में पिछले सत्र के दौरान उनके खराब आचरण के कारण संसद के पूरे शीताकालीन सत्र के लिए राज्य सभा से निलंबित कर दिया गया था. 12 सांसदों में कांग्रेस के छह, टीएमसी और शिवसेना के दो-दो, सीपीआई और सीपीआईएम के एक-एक सदस्य शामिल हैं.
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‘संसद टीवी पर लग रहे हैं आरोप’
थरूर ने अपने बयान में कहा कि संसद टीवी पर आरोप लगते रहे हैं कि वो सत्तारूढ़ पार्टी के सदस्यों को ज्यादा मौका देता है और विपक्ष को नजरअंदाज करता है. संसद टीवी चैनल को अपनी परिभाषा के अनुसार संसद की विविधता को प्रदर्शित करना चाहिए .
उन्होंने कहा, ‘अलोकतांत्रिक ढंग से जिस तरह सांसदों को निलंबित किया गया है, उस स्थिति में मेरा कार्यक्रम को होस्ट करना सही नहीं है.’
थरूर ने बयान में कहा कि अगस्त में जब से संसद टीवी की शुरुआत हुई, तब से संसद टीवी के टॉक शो टू द प्वाइंट को होस्ट करना उनके लिए काफी खास है.
उन्होंने कहा, ‘इस कार्यक्रम में मैंने भारतीय राजनीति के इतर काफी लोगों से बात करने का मौका मिला जिसमें सितार वादक उस्ताद अमजद अली खान साहब, ए गोपालकृष्णन और वीएसएससी के निदेशक डॉ एस सोमनाथ शामिल हैं.’
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मेरी पार्टी की आवाज दबाने की कोशिश: प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना नेता और राज्य सभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद टीवी के कार्यक्रम मेरी कहानी की एंकरिंग नहीं करने का फैसला किया था.
राज्य सभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को पांच दिसंबर को लिखे पत्र में प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, ‘मेरे मनमाने निलंबन के बाद, जिसने स्थापित संसदीय मानदंडों और नियमों को पूरी तरह से कलंकित किया है, मेरी और मेरी पार्टी की आवाज को दबाने की कोशिश की गई.’
‘जब मुझे संविधान की प्राथमिक शपथ से वंचित किया जा रहा है, ऐसे में मैं संसद टीवी का दायित्व निभाने को अनिच्छुक हूं.’
When today highest number of women MPs have been suspended for an entire session in recorded history of Rajya Sabha then I need to speak up for them. Also 12 MPs being suspended for an entire session for their conduct in previous session has never happened in parliament history. https://t.co/4FZfWR3KQE
— Priyanka Chaturvedi?? (@priyankac19) December 5, 2021
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